Friday, December 4, 2015

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का दृष्टिकोण (संबोधन में)

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का दृष्टिकोण (संबोधन में)

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज नई दिल्‍ली में हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स लीडरशिप समिट को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत की सुनहरे भविष्‍य की ओर यात्रा का विवरण देते हुए कहा कि भारत की वर्तमान स्थिति को विश्‍व के संदर्भ में देखने के साथ-साथ कुछ वर्ष पहले भारत कहाँ था इस संदर्भ में देखना होगा। 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत के आर्थिक सुधारों के प्रति अपने दृष्टिकोण का विवरण देते हुए, हाल ही मिली कुछ बड़ी आर्थिक सफलताओं, जिनमें 7.4 प्रतिशत आर्थिक विकास दर और व्‍यापार करने के लिए सुगमता में उन्‍नति सम्मिलित है, का उल्लेख किया। उन्‍होंने कहा कि व्‍यापार करने के लिए सुगमता में बढ़ोतरी केवल केंद्र और राज्‍य के मिलकर काम करने के कारण मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्‍यों को 14वें वित्‍त आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप अतिरिक्‍त वित्‍तीय सहायता दी गई है। 
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि एलपीजी सब्सिडी के प्रत्‍यक्ष हस्‍तांतरण और एलईडी लाइटिंग योजना से करोड़ों रूपये की बचत की जा रही है। उन्‍होंने कहा कि यूरिया में नीम की परत चढ़ाने से इसके कृषि क्षेत्र के अतिरिक्‍त दूसरे क्षेत्रों में उपयोग को रोकने में सहायता मिली है। प्रधानमंत्री ने बिहार में दो लोकोमोटिव निर्माण इकाईयों के लिए हाल ही में रेल क्षेत्र में विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश का उल्‍लेख भी किया। 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत बिना बिजली वाले 18 हजार गांवों में विद्युतीकरण की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में प्रगति हर कोई ग्रामीण विद्युतीकरण एप के द्वारा देख सकता है। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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Tuesday, June 16, 2015

खादी डेनिम प्रमोचन (लांच)

खादी डेनिम प्रमोचन (लांच)
युदस न.दि. केन्‍द्रीय सूक्ष्‍म, लघु तथा मझौले उद्यम मंत्री द्वारा खादी डेनिम का प्रमोचन, खादीग्राम ग्रामोद्योग भवन को मिला, पीएमईजीपी पूर्वोत्तर प्रदर्शनी आईएसओ 9001:2008 प्रमाण पत्र 
इस अवसर पर विशेष आकर्षण मणिपुर का एक नृत्य कार्यक्रम अद्भुत रहा। 
केन्‍द्रीय सूक्ष्‍म, लघु तथा मझौले उद्ययम मंत्री कलराज मिश्र ने आज एक विशेष प्रदर्शनी और बिक्री के माध्‍यम से खादी बाजार को व्यवसाय के अनुरूप बनाने तथा युवाओं को आकर्षित करने के लिए खादी डेनिम प्रारूपित प्रमोचन किया। इस अवसर पर सूक्ष्‍म, लघु तथा मझौले उद्यम राज्‍य मंत्री श्री गिरिराज सिंह तथा एमएसएमई मंत्रालय के सचिव श्री माधव लाल भी उपस्थित रहे। डेनिम जींस, जैकेट, स्‍कर्ट तथा बैग एनआईएफटी स्‍नातकों द्वारा प्रारूपित किये गये हैं। अन्‍य व्यावसायिक प्रारूपित भी प्रदर्शनी में बिक्री के लिए उपलब्‍ध रहे।
पीएमईजीपी बिक्री का उद्घाटन किया गया, जो पूरे देश में पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत सूक्ष्‍म उद्यमियों द्वारा तैयार किये गये उत्‍पाद दिखायेगा। पहले चरण में पूर्वोत्तर क्षेत्र के सूक्ष्‍म उद्यमी खादी संस्‍थानों के साथ अपने उत्‍पाद पीएमईजीपी विन्‍डो पर दिखाये। प्रदर्शनी में बेंत, बम्‍बू, मूंगा सिल तथा अंडीसिल्‍क जैसे पूर्वोत्तर के उत्‍पाद तथा दस्‍तकारी के समान उपलब्‍ध रहे।
खादी ग्राम उद्योग भवन, केवीआईसी, नई दिल्‍ली को आईएसओ 2001:2008 प्रमाण पत्र समारोह में अधिकृत एजेंसी टीयूवी इंडिया प्राईवेट लिमिटेड द्वारा दिया गया। इस प्रकार खादीग्राम उद्योग भवन अब आईएसओ प्रमाणित संस्‍थान हो गया।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प। 
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Saturday, June 13, 2015

उपलब्धियों का एक वर्ष

उपलब्धियों का एक वर्ष 
*परमाणु ऊर्जा विभाग 
13 जून युदस न दि परमाणु ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों पर प्रेस सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित
डॉ जितेंद्र सिंह: हरियाणा में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्वीकृत 
प्रगति मैदान नई दिल्ली के विज्ञान केन्द्र में एक केंद्र "परमाणु ऊर्जा हॉल" स्थापित करने की योजना, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा 
वर्तमान सरकार के कार्यालय में एक वर्ष के मध्य परमाणु ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए आज नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र (पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग) के विकास राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक , लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह कहा की हरियाणा में पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने के लिए स्वीकृति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि अब तक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में भारत के उत्तरी राज्यों जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश, किसी भी तरह सक्रिय रूप से शामिल नहीं थे, अधिकतर देश के अन्य भागों तक ही सीमित किया गया था और इसलिए इस नई पहल के साथ भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम ने एक अखिल भारतीय दृश्यता ग्रहण कर लिया है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री के रूप में गत वर्ष में जुलाई के महीने में अपनी पहली बार भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के लिए यात्रा में श्री नरेन्द्र मोदी ने वैज्ञानिकों से भारत के परमाणु ऊर्जा क्षमता आगामी दस वर्षों के भीतर बढ़ा कर तीन गुना करने के लिए के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया था और नए दबाव भारी जल रिएक्टर के साथ, गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना (GHAVP) स्थापित किया जाना, आगे आने वाले समय में एक तेजी से कदम के तहत इस तरह की समानता को प्राप्त करने की दिशा में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कल ही, परमाणु ऊर्जा विभाग 1500 करोड़ की एक बीमा पूल शुरू करने में सफल रहा, और इस के साथ गोरखपुर, हरियाणा में 700 मेगावाट की दो इकाइयों की आगे की प्रगति के लिए स्वीकृति दे दी गई है । यह प्रत्येक रिएक्टर 2022 या 2023 द्वारा स्थापित हो जाने की आशा है, उन्होंने कहा।
डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा एक अन्य प्रमुख घोषणा, परमाणु ऊर्जा विभाग जो भारत सरकार के दुर्लभ विभागों में से एक जिसका मुख्यालय दिल्ली संघ राजधानी में नहीं, मुंबई में है और शीघ्र ही अपने संघ राजधानी के दिल में प्रगति मैदान में नई दिल्ली के विज्ञान केन्द्र में "परमाणु ऊर्जा के हॉल" नामक एक केंद्र स्थापित करने के लिए योजना बनाई गई है। यह केवल राष्ट्रीय राजधानी में परमाणु ऊर्जा विभाग की दृश्यता की स्थापना नहीं होगी, बल्कि भारतीय परमाणु वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा काम और उपलब्धियों के प्रकार के बारे में जनता में जागरूकता फैलाने में सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से वैज्ञानिक गतिविधियों के लिए असाधारण संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए देने के कारण, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री की हाल की यात्रा के मध्य एक सौदा आगामी पांच वर्षों में 3000 टन यूरेनियम प्राप्त करने के लिए पूरा किया गया है, डॉ सिंह ने कहा कि जबकि इसके पूर्व की फ्रांस यात्रा में एक पूर्व इंजीनियरिंग समझौते अरेवा कंपनी फ्रांस के और भारत के एनपीसीआईएल के बीच तथा लार्सन ऐंड टुब्रो और अरेवा के बीच हस्ताक्षर; से भारत की क्षमता में बहुत सुधार होगा जो एक दूसरे को, अपनी ही स्वदेशी उपकरणों और भारी जल रिएक्टर लाइन में, विकसित करने के लिए है, "बनाओ भारत में" लक्ष्य के साथ।   
डॉ जितेंद्र सिंह ने, यह महान वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा द्वारा 60 वर्ष पूर्व भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) स्थापित किया जाने की हीरक जयंती वर्ष के मध्य परमाणु ऊर्जा विभाग का एक हिस्सा बनने के एक संयोग के लिए डॉ द्वारा भाग्य को सराहा गया। यह डॉ भाभा के लिए एक श्रद्धांजलि और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक उपलब्धि है कि परमाणु ऊर्जा विभाग के गत कुछ महीनों में, दक्षिण पूर्व एशिया में एक नेतृत्व की भूमिका ग्रहण करने के लिए भारत सक्षम है, एक मील का पत्थर के घटनाक्रम की एक श्रृंखला के माध्यम से परमाणु ऊर्जा सहित फ़रवरी 2015 में श्रीलंका के साथ और बहुत हाल ही में गत माह निर्णय मंगोलिआ में कैंसर रोगियों के लिए दूर-चिकित्सा सुविधा स्थापित करने के लिए समझौते।
परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ आर के सिन्हा, निदेशक बीएआरसी शेखर बसु, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एनपीसीआईएल के.सी. पुरोहित और महानिदेशक पीआईबी फ्रैंक नोरोन्हा भी सम्मेलन में उपस्थित थे। 
*सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता विभाग की अनुकरणात्‍मक उपलब्‍धियां 
      11 जून युदस न दि हैल्‍प लाईन की स्‍थापना: प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के आधार पर शराब और मादक द्रव्‍यों के उपयोग की रोकथाम के लिए 7 जनवरी, 2015 को एक राष्‍ट्रीय निशुल्क हैल्‍प लाईन (1  8  0  0 – 1  1 – 0  0  3  1)  प्रारंभ की गई। 
      'अनुसूचित जाति उद्यमियों के लिए उद्यम पूंजी निधि' के सृजन की योजना : इस योजना का उद्देश्‍य अनुसूचित जातियों के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्‍साहन देना और उनको छूट के साथ वित्‍त सुविधा उपलब्‍ध कराना है। यह योजना भारतीय औद्योगिक वित्‍त निगम लिमिटेड (आईएफसीआई) के द्वारा कार्यान्‍वित की जाएगी जिसके लिए 200 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।  
     स्‍वच्‍छता उद्यमी योजना: प्रधानमंत्री द्वारा 02 अक्‍टूबर, 2014 को शुभारंभ किए गए 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' के एक अभिन्‍न अंग के तहत एनएसकेएफडीसी ने कचरे को एकत्र करने के लिए स्‍वच्‍छता से संबंधित वाहनों और व्यवहार्य समुदाय शौचालय परियोजना को वित्‍त पोषित करने के लिए 02 अक्‍टूबर, 2014 को 'स्‍वच्‍छ उद्यमी योजना' नामक एक नई योजना का शुभारंभ किया।
      महिलाओं के लिए आत्‍मरक्षा कौशल के साथ व्‍यावसायिक मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण: सफाई कर्मचारी, मैला ढोने वाले और उन निर्भर रहने वालों की श्रेणी से संबंधित महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्‍तिकरण के लिए, एनएसकेएफडीसी ने ''महिलाओं के लिए आत्‍मरक्षा कौशल के साथ व्‍यावसायिक वाहन चालक प्रशिक्षण'' का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया है।
      हरित व्‍यापार योजना :  अनुसूचित जाति और सफाई कर्मचारियों की दीर्घकालिक आजीविका को सहायता देने के लिए संरक्षित खेती को प्रोत्‍साहन देने के उद्देश्‍य से एनएसएफडीसी और एनएसकेएफडी द्वारा प्रारंभ की गई। इन आर्थिक गतिविधियों के लिए वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाएगी जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हों जैसे ई-रिक्‍शा, सौर पम्‍प और सौर ऊर्जा पर काम करने वाले अन्‍य उपकरण।
      स्‍वच्‍छता मार्ट योजना : 2014-15 में प्रारंभ की गई इस योजना के अंतर्गत शौचालयों/बॉयो-डिग्रेडेबल शौचालय के निर्माण के लिए सफाई कर्मचारियों को 15 लाख रूपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
डिनोटिफाइड खानाबदोश और अर्द्ध खानाबदोश जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीडीएनटी) को अध्‍यक्ष और सदस्‍य की नियुक्‍ति के द्वारा 09 जनवरी, 2015 से कार्यशील किया गया था।
अपराध की प्रकृति के अनुसार अत्‍याचार के शिकार लोगों को 75,000 रूपए से 7 लाख 50,000 रूपये के बीच की धनराशि प्रदान करने के लिए सहायता धनराशि को बढ़ाने हेतू जून, 2014 में पीओए नियमों में संशोधन किया गया था। 
निशक्तजन अधिकारिता विभाग की एक वर्ष की उपलब्धियां 
2015-15 में 150 जिलों में कुल 1600 एडीआईपी/एडीआईपी-एसएसए शिविर आयोजित किए गए और उसे 2.50 लाख लोग लाभांवित हुए। 13 जून 2014 से 05 जून 2015 तक साहायक उपकरणों के वितरण के लिए 36 महा शिवर 15 राज्यों में आयोजित किए गए जिसमें एडीआईपी योजना के अंतर्गत 39,813 लाभार्थियों को 2518.48 लाख रुपए के सहायक उपकरण बांटे गए। नागपुर में एक दिन में पांच हजार लोगों को लाभ मिला। योजना लागू करने वाली एजेंसियों को 101.28 करोड़ रुपए की अनुदान सहायता जारी की गई। यह योजना के प्रारंभ होने के बाद से सर्वाधिक है।
सरकारी प्रतिष्ठान एलिमको ने "मेक इन इंडिया" पर बल देते हुए प्रमुख कदम के रुप में प्राकृतिक अंगों के लिए मैसर्स ऑटोबॉक इंडिया, कार्पोरेट सामाजिक दायित्व परियोजना के अंतर्गत उच्च तकनीकी व्हील चेयर, उच्च स्तरीय उपकरणों को शामिल करने तथा सुनने में कमी वाले व्यक्तियों को सशक्त बनाने 'काक्लीयर इंप्लांट सर्जरी' लागू करने के लिए 'मोटिवेशन इंडिया' के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है। 10.06.2015 तक कुल 134 'काक्लीयर इंप्लांट सर्जरी' की गई है।
एलिमको गत 4 दशकों से उपलब्ध मशीनों तथा उपकरणों के माध्यम से नि निःशक्तजनों की सेवा कर रही है। भारत सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत समाज के कमजोर वर्गों के लोगों को निःशुल्क या रियायती मूल्यों पर विश्व स्तरीय सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्माण के लिए अनुसंधान एवं विकास सहित आधुनिक सुविधाएं देकर 286 करोड़ रुपए की कुल लागत से एलिमको को आधुनिक बनाया जा रहा है।
निःशक्तजनों के कौशल प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना प्रारंभ की गई है, इससे वर्ष 2022 तक 25 लाख निःशक्तजनों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
निःशक्तजनों को रोजगार उपलब्ध करने में सहायता के लिए 'जॉब पोर्टल' विकसित किया गया है।
सात राष्ट्रीय संस्थानों की पुनर्वास सेवाओं से 10,19,799 लोग लाभार्थी हुए हैं। यह गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है।
राष्ट्रीय विक्लांग वित्त एवं विकास निगम ने निःशक्तजनों के स्वरोजगार के लिए 14,703 लोगों को 101.49 करोड़ रुपए का ऋण दिया है। एनएचएफडीसी ने दो महा शिविर तथा 11 नौकरी मेलों का आयोजन किया।
'राष्ट्रीय ट्रस्ट ऑस्टिम', मस्तिष्क पक्षाघात, धीमा मानसिक विकास तथा बहुविकार ग्रस्त लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना चला रहा है। इसके अंतर्गत मई, 2014 से अप्रैल, 2015 के बीच 9372 लाभार्थियों को 4.97 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई।
मैट्रिक पूर्व, मैट्रिक पश्चात, उच्च स्तरीय शिक्षा, विदेशों में पढ़ाई तथा निःशुल्क कोचिंग के लिए विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजनाएं शुरू की गई हैं। ब्रेल पृष्ठों के उत्पादन को सुदृढ़ बनाने के लिए वर्तमान 10 ब्रेल प्रेस को आधुनिक बनाने तथा 15 नए ब्रेल प्रेस की स्थापना की योजना लॉच की गई है। इस योजना को लागू करने के लिए 3.86 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई हैं।
दृष्टि बाधित लोगों के लिए राष्ट्रीय संस्थान, देहरादून ने पूर्वोत्तर परियोजना के अंतर्गत नेपाली, गारो तथा खासी भाषाओं में ब्रेल पाठ्यक्रम तैयार किया है।
'स्टेट स्पाइनल इंजरी केन्द्र' स्थापित करने के लिए योजना लांच की गई हैं। इसके लिए 20 करोड़ रुपए का आवंटन निर्धारित किया गया है। बधिर लोगों के लिए देश के प्रत्येक पांच क्षेत्रों में कॉलेज स्थापित करने की योजना जनवरी, 2015 में लांच की गई है इस योजना का उद्देश्य बधिर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा जारी रखने तथा रोजार के अवसर सुधारने और उच्च शिक्षा के द्वारा बेहतर जीवन बनाने के लिए समान शैक्षणिक अवसर प्रदान करना है।
निःशक्तजनों के कानूनी अधिकारों के प्रति जागरुकता बढ़ाने और निःशक्तता संबंधी कारणों के प्रति समाज को संवदेनशील बनाने के उद्देश्य से जागरुकता तथा प्रचार योजना लांच की गई है।
दिल्ली तथा गुड़गांव में निःशक्तजनों के लिए दो 'राहगीरी' दिवस का आयोजन किया गया।
निःशक्तजनों की सार्वभौमिक पहुंच के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान 'एक्सेसिबल इंडिया लांच' किया गया।
निःशक्तता संबंधी प्रौद्योगिकी, उत्पाद तथा विषयों पर अनुसंधान के लिए योजना आरम्भ की गई है।
स्वयं सेवी संगठनों को अनुदान सहायता में पारदर्शिता बढ़ाने तथा सरल आवेदन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई है।
दोनों दिन की प्रेस वार्ता की वीडिओ देखें -
सामाजिक न्याय अधिकारिता प्रेस वार्ता 11.6.15
https://www.youtube.com/watch?v=bvzFlcsdB7A&list=PLaypC1Q7dot2BbeOFAWZW-beQPcYr1G8W&index=11 
परमाणु ऊर्जा विभाग प्रेस वार्ता 13.6.15
https://www.youtube.com/watch?v=U1zVpXQjRWs&list=PLaypC1Q7dot2BbeOFAWZW-beQPcYr1G8W&index=12 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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Wednesday, February 25, 2015

लोक लुभावन से लोककल्याण तक-रेल बजट

किरायों में परिवर्तन नहीं, सुखद हो यात्रा 
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और संयुक्त उद्यमों पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना 
AFPडीजल की दरों में गिरावट और माल भाड़ा आय में वृद्धि से, मोदी सरकार को मिला, निवेश बढ़ाने के लिए एक स्वर्णिम  अवसरराज्य मंत्री रेलवे ने मनोज सिन्हा पहले ही, डीजल दरों में कटौती के आधार पर  भाड़े में कटौती की संभावना को नकार दिया था।  किन्तु प्रभु इससे वित्त में भारी अंतर को पाटने के प्रयास के रूप में, तथा बजट द्वारा  मिले  उच्चतर समर्थन एवं निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों के साथ संयुक्त उपक्रम पर भी निर्भर हो कर रेलवे को वापस पटरी पर डालने की आशा संजोये है। सूत्रों का कहना है कि सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी आधार पर पैसे जुटाने के लिए उत्सुक है। गैर सरकारी संगठनों और कॉर्पोरेट क्षेत्रों से और अधिक राजस्व उत्पन्न करने के लिए, रेल के डिब्बों पर विज्ञापन कर सकते हैं। 
2013 रेल बजट से पहले, किराए में एक दशक के लिए वृद्धि नहीं की गई थी, किन्तु फिर भी, पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने दूसरा और शयन श्रेणियों में, बढ़ोतरी की जिसे वापस करने के लिए बाध्य किया गया था। जबकि, गत वर्ष मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत पहले रेल बजट में, किरायों में 6.5 % से 14.2 % और माल ढुलाई से बढ़ गए थे। 
"प्रभु की भव्य योजनाओं में 24,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू रहे राष्ट्रीय यातायात में, माल ढुलाई की भागीदारी  बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम में, यात्री सेवा के लिए क्रॉस-सब्सिडी कम करने हेतु माल भाड़ा आय से, संभावना की खोज  करने की है। यह थी लोक लुभावन से लोककल्याण तक रेल बजट की यात्रा 
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