Friday, July 8, 2016

सुदर्शन भगत ने किसान कल्‍याण राज्‍यमंत्री का पदभार ग्रहण किया

सुदर्शन भगत ने किसान कल्‍याण राज्‍यमंत्री का पदभार ग्रहण किया 
Image result for सुदर्शन भगतयुद। सुदर्शन भगत ने आज यहां नए कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍यमंत्री के रूप में अपना पदभार ग्रहण कर लिया। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि उनका ध्यान मुख्यत: कम लगात से अनाज के अधिक उत्पादन के साथ दुग्‍ध उत्‍पादों का उत्‍पादन बढ़ाने पर होगा, जिससे किसान दुगनी आय प्राप्‍त कर सकें। 
नए कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍यमंत्री, झारखंड के लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। भगत 15 वीं लोकसभा (2009-2014) के भी सदस्‍य थे। उन्‍होंने 2000 से 2005 तक झारखंड विधानसभा के सदस्‍य के रूप में काम किया। झारखंड सरकार में भगत मानव संसाधन राज्‍यमंत्री (2000-2003) और मुख्‍यमंत्री सचिवालय में मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) 2003-2004) रह चुके हैं। वे 2004 से 2005 तक झारखंड सरकार में कल्‍याण मंत्री के रूप में भी काम किया है। 
भगत का जन्‍म 20 अक्‍टूबर, 1969 को हुआ। वे स्‍नातक हैं और कई संसदीय समितियों के सदस्‍य रह चुके हैं। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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Wednesday, July 6, 2016

मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार, जावडेकर को मिली पदोन्नति (5.7.2017)

मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार, जावडेकर को मिली पदोन्नति (5.7.2017) 

मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार, जावडेकर को मिली पदोन्नतिप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए उसमें 10 राज्यों से 19 नये चेहरों को स्थान दिया। मोदी कबीना में पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे प्रकाश जावडेकर को पदोन्नत कर कबीना मंत्री बनाया गया है। राज्य मंत्री के रूप में शामिल किये गये लोगों में, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, दार्जिलिंग से लोकसभा सदस्य एसएस आहलुवालिया, मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद अनिल माधव दवे, कर्नाटक से पांचवीं बार लोकसभा सदस्य रमेश चंदप्पा, अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल, भाजपा प्रवक्ता और वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर, शामिल हैं। 

इनके अतिरिक्त अर्जुन मेघवाल, विजय गोयल, महाराष्ट्र दलित नेता रिपा सांसद रामदास अठावले, सुविख्यात कैंसर शल्य विशेषज्ञ सुभाष राम राव भामरे, असम के नौगांव से भाजपा सांसद राजन गोहेन, गुजरात से जसवंत सिंह भाम्भोर, व मनसुख मांडविया, उप्र से महेंद्र नाथ पण्डे, व कृष्णा राज, उत्तराखंड से अजय टम्टा, राजस्थान नागौर से च रा चौधरी, व पीपी चौधरी  ने भी पद व गोपनीयता की शपथ ली है। संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत मं परि की सदस्य संख्या अधिकतम 82 संभव है। 

अमित शाह शीघ्र ही संगठनात्मक पदाधिकारियों की घोषणा कर सकते हैं। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, हटाए जाने वाले 6 मंत्रियों में से 5 की प्रगति से असंतुष्ट तथा 1 को संगठन का दायित्व दिया जाने के समाचार हैं। शिवसेना द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार समारोह का बहिष्कार का निर्णय बदल कर एक शुभ संकेत दिया गया। शिवसेना को भी एक मंत्री पद दिये जाने की बात थी किन्तु संभवतः दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई। 

एक दो मंत्रियों के विभाग परिवर्तन के साथ नए म्नत्रियों के विभागों की घोषणा की जानी है। कहा जा रहा है, दो वर्ष से विकास ने जो दिशा पकड़ी है उसे और अधिक गति देने के साथ प्रतिनिधित्व का भी ध्यान रख गया है। शुभकामनाओं सहित -तिलक 
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केंद्रीय मंत्रीमंडल में मंत्रियों और उन्हें आवंटित विभागों की सूची निम्नलिखित है- 
नरेन्द्र मोदी: प्रधानमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष
राजनाथ सिंहः गृह
सुषमा स्वराजः विदेश मंत्रालय
अरुण जेटलीः वित्त कारपोरेट मामले
एम. वैंकैय्या नायडूः शहरी विकास आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन, सूचना और प्रसारण
नितिन जयराम गडकरीः सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी
मनोहर पर्रिकर- रक्षा
सुरेश प्रभु- रेल
डी.वी. सदानंद गौड़ाः सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन
उमा भारतीः जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण
डॉ. नजमा ए. हेपतुल्लाः अल्पसंख्यक मामले
राम विलास पासवानः उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण
कलराज मिश्रः सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम
मेनका संजय गांधीः महिला एवं बाल विकास
अनंत कुमारः रसायन एवं उर्वरक, संसदीय कार्य
रविशंकर प्रसादः संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, विधि एवं न्याय
जगत प्रकाश नड्डाः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
अशोक गजपति राजूः नागरिक उड्डयन
अनंत गीतेः भारी उद्योग एवं लोक उद्यम
हरसिमरत कौर बादलः खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
नरेन्द्र सिंह तोमरः ग्रामीण विकास, पंचायती राज, स्वच्छता एवं पेयजल
चौधरी बिरेंदर सिंहः इस्पात
जुएल उरांवः जनजातीय मामले
राधा मोहन सिंहः कृषि
थावरचन्द गेहलोतः सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
स्मृति जुबिन ईरानीः कपड़ा
डॉ. हर्ष वर्धनः विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान
प्रकाश जावडेकरः मानव संसाधन विकास 
राज्य मंत्री 
राव इन्द्रजीत सिंहः योजना (स्वतंत्र प्रभार), शहरी विकास, गरीबी उन्मूलन
बंडारू दत्तात्रेयः श्रम और रोजगार (स्वतंत्र प्रभार)
राजीव प्रताप रूडी कौशल विकास और उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार)
विजय गोयलः युवा एवं खेल (स्वतंत्र प्रभार)
श्रीपद यसो नायकः आयुष (स्वतंत्र प्रभार)
धर्मेन्द्र प्रधानः पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस (स्वतंत्र प्रभार)
पीयूष गोयलः विद्युत (स्वतंत्र प्रभार), कोयला (स्वतंत्र प्रभार), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (स्वतंत्र प्रभार)
डॉ. जितेन्द्र सिंहः पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री
निर्मला सीतारमणः वाणिज्य एवं उद्योग (स्वतंत्र प्रभार)
डॉ. महेश शर्माः संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन (स्वतंत्र प्रभार)
मनोज सिन्हाः संचार (स्वतंत्र प्रभार), रेल राज्य मंत्री
अनिल माधव दवेः पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन (स्वतंत्र प्रभार)
वीके सिंहः विदेश राज्य मंत्री 

राज्यमंत्री
संतोष कुमार गंगवारः वित्त
फग्गन सिंह कुलस्तेः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
मुख्तार अब्बास नकवीः अल्पसंख्यक मामले, संसदीय कार्य
एसएस अहलूवालियाः कृषि एवं किसान कल्याण, संसदीय कार्य
रामदास अठावलेः सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण
राम कृपाल यादवः ग्रामीण विकास
हरिभाई पर्थिभाई चौधरीः सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम
गिरिराज सिंहः सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम
हंसराज गंगाराम अहीरः गृह
जीएम सिद्धेश्वरः भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम
रमेश चंदप्पा जिगाजीनगीः पेयजल एवं स्वच्छता
राजन गोहेनः रेल
पुरूषोत्तम रूपालाः कृषि एवं किसान कल्याण, पंचायती राज
एमजे अकबरः विदेश
उपेंद्र कुशवाहाः मानव संसाधन विकास
राधाकृष्णन पीः सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, पोत
किरेन रिजिजूः गृह
कृष्णपालः सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
जसवंतसिंह सुमनभाई भाभोरः आदिवासी मामले
डॉक्टर संजीव कुमार बाल्यानः जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सफाई
विष्णु देव साईः इस्पात
सुदर्शन भगतः कृषि एवं किसान कल्याण
वाईएस चौधरीः विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
जयंत सिन्हाः नागरिक उड्डयन
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ः सूचना एवं प्रसारण
बाबुल सुप्रियोः शहरी विकास, आवासीय एवं शहरी गरीबी उन्मूलन
साध्वी निरंजन ज्योतिः खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
विजय सापलाः सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
अर्जुन राम मेघवालः वित्त, कारपोरेट मामले
डॉक्टर महेंद्र नाथ पाण्डेयः मानव संसाधन विकास
अजय टमटाः कपड़ा
कृष्ण राजः महिला एवं बाल विकास
मनसुख एल मानडावियाः सड़क परिवहन, राजमार्ग, पोत, रसायन एवं उर्वरक
अनुप्रिया पटेलः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
सीआर चौधरीः उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण
पीपी चौधरीः विधि एवं न्याय, इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी
डॉक्टर सुभाष रामराव भामरेः रक्षा
रामदास अठावलेः सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता 
वीडिओ १) 
https://www.youtube.com/watch?v=zvYZxljLmxE&list=PL07E4C2D4718D3CC6&index=89
२)https://www.youtube.com/watch?v=zvYZxljLmxE&list=PL691A4A699E3CFAC5&index=71 
३)https://www.youtube.com/watch?v=zvYZxljLmxE&list=PLaypC1Q7dot1H10Bpau0He3_N5ceZpG-S&index=8
नकारात्मक भांड मीडिया जो असामाजिक तत्वों का महिमामंडन करे, उसका सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प, प्रेरक राष्ट्र नायको का यशगान -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS - तिलक संपादक
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Thursday, June 2, 2016

स्पेन की टैल्गो कंपनी के रेल डिब्बे का संवेदक परीक्षण सफल

स्पेन की टैल्गो कंपनी के रेल डिब्बे का संवेदक परीक्षण सफल 

स्पेन की टैल्गो कंपनी के रेल कोच का सेंसर ट्रायल सफलन दि, 28 मई (तिलक)। बरेली। भारत ने ‘बुलेट ट्रेन’ का सपना साकार करने की दिशा में एक पग और आगे बढ़ाते हुये स्पेन की टैल्गो कंपनी के रेल डिब्बे का इज्जतनगर-भोजीपुरा स्टेशन के बीच सफल संवेदक परीक्षण पूरा कर लिया। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि स्पेन के डिब्बे भारतीय इंजन ने खींचे। टैल्गो कंपनी ने ये डिब्बे 30 वर्ष पूर्व तैयार किए थे, जिनका ताजिकिस्तान समेत 12 देशों में सफल परीक्षण हो चुका है। परीक्षण के सफल होने के बद कंपनी नये डिब्बे भेजेगी। 
अधिकारियों ने बताया कि टैल्गो कंपनी की सुपर लग्जरी ट्रेन के कोच का परीक्षण भारतीय पटरी पर हुआ। टैल्गो कोच में कई संवेदक लगे हैं। इन संवेदक में कोई कमी तो नहीं, यह देखने के लिए ही रेलवे बोर्ड के मैकेनिकल इंजीनियर हेमंत कुमार ने संवेदक परीक्षण को निर्देश दिए थे। गुरुवार को टैल्गो कोच की बर्थ पर रेत से भरे बोरों को रखा गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद रविवार को सुपर लग्जरी कोच का गति परीक्षण किया जाएगा। यह गति परीक्षण बरेली-मुरादाबाद के बीच 12 जून तक चलेगा। बरेली-मुरादाबाद के बीच परीक्षण में टैल्गो कोच की गति 115 किमी प्रति घंटा होगी। इसके बाद मथुरा-पलवल ट्रैक पर 180 किमी और दिल्ली मुंबई के बीच 200 से 220 किमी प्रति घंटा की गति से गति परीक्षण किया जाएगा। 
पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि स्पेन की टैल्गो कंपनी के डिब्बे का संवेदक परीक्षण सफल हुआ। बुधवार को रेलवे बोर्ड के तीन सदस्यीय समूह सुबह ही कार्यशाला आ गये थे। उन्होंने बताया कि समूह को प्रोजेक्टर पर टैल्गो कंपनी की 'सुपर लग्जरी ट्रेन' की जानकारी दी गयी। लगभग 40 मिनट स्पेन के समूह ने 'सुपर लग्जरी कोच' के एक-एक उपकरण के बारे में विस्तार से बताया। इसके बाद रेलवे कार्यशाला की 'पिट लाइन' पर खड़ी 'सुपर लग्जरी ट्रेन' का निरीक्षण किया गया। इंजीनियरों ने स्पेन में जीरो दुर्घटना की बात कही। सिंह ने बताया कि संवेदक काम कर रहे हैं या नहीं, इसके लिए स्पेन के समूह ने गति परीक्षण में संवेदक देखने की बात कही। किन्तु मैकेनिकल सदस्य ने गति परीक्षण से पहले संवेदक का परीक्षण करने के निर्देश दिए थे, इसलिए इज्जतनगर-भोजीपुरा स्टेशन के बीच यह संवेदक परीक्षण किया गया। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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अब प्रथम बार ''विकास'' नारे से प्राथमिकता तक

अब तक सिर्फ नारा रहा ''विकास'' पहली बार बना प्राथमिकताडॉ सौरभ मालवीय के मूल लेख का शोधित रूप। 
देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को दो वर्ष हो गए हैं। इन दो वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वभर के अनेक देशों में यात्रा कर उनसे संबंध प्रगाढ़ बनाने का प्रयास किया है। जनकल्याण की अनेक योजनाएं शुरू की हैं। सरकार ने विकास का नारा दिया और विकास को ही प्राथमिकता दी। स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में प्रधानमंत्री का कहना है कि यदि देश के एक करोड़ लोग गैस की छूट छोड़ सकते हैं, तो देश के डॉक्टर भी 12 माह में 12 दिन निर्धन प्रसूता माताओं को दे सकते हैं। देश में डॉक्‍टरों की कमी है, इसलिए डॉक्‍टरों की सेवानिवृति आयु 60-62 से 65 वर्ष कर दी जाएगी, जिससे डॉक्‍टरों की सेवा ली जा सकें और नये डॉक्‍टर तैयार किए जा सकें। 
वह कहते हैं कि यह स्वच्छता अभि‍यान गरीबों के लिए है। गरीब बीमार होते हैं, तो उनका रोजगार छिन जाता है, लोगों ने स्वच्छता अभि‍यान को अपना लिया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लेकर आए, ताकि जो लोग छोटा-मोटा काम करते हैं, वे बैंकों से पैसे लेकर अपने कार्य को आगे बढ़ा सकें। प्रधानमंत्री महिला शिक्षा पर बल दे रहे हैं, उनका कहना है कि जब तक देश की हर बेटी नहीं पढ़ेगी, नहीं बढ़ेगी, देश का ऋण रहेगा। कृषि और किसानों पर भी सरकार विशेष ध्यान दे रही है, जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ मिट्टी के रखरखाव पर भी बल दिया जा रहा है, इसके लिए सरकार ने मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की है। सरकार ऐसी फसल बीमा योजना लाई है, जिससे किसान के खेत के अंदर काटकर रखी गई फसल को हानि पहुंचने पर उसे उसकी भी बीमा राशि मिल सकेगी। चीनी मिलें गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करें इस बारे में भी प्रयास किया जाएगा। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सरकार का लक्ष्य है। गांवों को बिजली, पानी, सड़क जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जा रहा है। 
वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ’राष्ट्र सर्वोपरि’ यह कहते ही नहीं, बल्कि उसे जीते भी हैं। विगत कुछ दशकों में भारतीय जनमानस का मनोबल जिस प्रकार से टूटा था और अब मानो उसमें उड़ान का एक नया पंख लग गया है और अपने देश ही नहीं, अपितु विश्वभर में भारत का सीना चौड़ा करके शक्ति संपन्न राष्ट्रों एवं पड़ोसी देशों से कंधे से कंधा मिलाकर कदमताल करने लगा है, भारत। 
किसी भी देश, समाज और राष्ट्र के विकास की प्रक्रिया में आधारभूत तत्व मानवता, राष्ट्र, समुदाय, परिवार और व्यक्ति ही केंद्र में होता है। अपने दो वर्ष के कार्यकाल में मोदी इसी मूल तत्व के साथ आगे बढ़ रहे हैं। दो वर्ष पूर्व जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से केंद्र में सरकार बनाई तब इनके सामने अनेक चुनौतियां खड़ी थीं और जन अपेक्षाएं मोदी के सामने सर माथे पर। ऐसे में प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के सहयोगियों के लिए चुनौतियों का सामना करते हुए, विकास के पहिये को आगे बढ़ाने की राह सरल नहीं थी। गत दो वर्षों से समाचार-पत्रों में भ्रष्टाचार, महंगाई, सरकार के ढुलमुल निर्णय, मंत्रियों का स्वेच्छाचार, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद की सूचनाएं देखने को नहीं मिलतीं। 
किसी भी सरकार और देश के लिए उसकी छवि महत्त्वपूर्ण होती है। मोदी इस बात को पूरा समझते हैं इसलिए विश्व भर के सभी देशों में जाकर भारत को याचक नहीं, बल्कि शक्तिशाली और समर्थ देश के नाते स्थापित कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी जिस पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में आज प्रधानमंत्री बने हैं, उस भारतीय जनता पार्टी का मूल विचार एकात्म मानव दर्शन एवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है और दीनदयाल उपाध्याय भी इसी विचार को सत्ता द्वारा समाज के प्रत्येक तबके तक पहुंचाने की बात करते थे। 
भारत में स्वतंत्रता के बाद शब्द विलासिता का उन्माद कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों ने चलाया। इन्होंने देश में तत्कालीन सत्ताधारियों को छल-कपट से अपने घेरे में ले लिया। परिणामस्वरूप राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत जीवनशैली का मार्ग निरन्तर अवरुद्ध होता गया। अब अवरुद्ध मार्ग खुलने लगा है। संस्कृति से उपजा संस्कार बोलने लगा है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का आधार हमारी युगों पुरानी संस्कृति है, जो शताब्दियों से चली आ रही है। यह सांस्कृतिक एकता है, जो किसी भी बंधन से अधिक सुदृढ़ और टिकाऊ है, जो किसी देश में लोगों को एकजुट करने में सक्षम है और जिसने इस देश को एक राष्ट्र के सूत्र में बांध रखा है। 
गत पांच दशकों में भारत के राजनीतिक नेत्तृत्व के पास विश्व में अपना सामर्थ्य बताने के लिए कुछ भी नहीं था। सच तो यह है कि इन राजनीतिक दुष्चक्रों के कारण हम अहिंसा को अपनी कायरता की ढाल बनाकर जी रहे थे। आज प्रथम बार विश्व की महाशक्तियों ने समझा है कि भारत की अहिंसा इसके सामर्थ्य से निकलती है, जो भारत को 60 वर्षों में प्रथम बार मिली है। सवा सौ करोड़ भारतीयों के स्वाभिमान का भारत अब खड़ा हो चुका है और यह आत्मविश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी है। तभी तो इस पूंजी का शंखनाद न्यूयार्क के 'मैडिसन स्क्वायर गार्डन' से लेकर सिडनी, बीजिंग, काठमांडू और ईरान तक अपने समर्थ भारत की कहानी से गूंज रहा है। दो वर्षों के काम का आधार सुदृढ़ विश्वास को पूरा करता दिख रहा है। नरेंद्र मोदी को अपने विश्वास को सुदृढ़ कर के भारत के लिए और परिश्रम करने की आवश्यकता है। 
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