Saturday, May 17, 2025

*विकास की सीड़ीयां चढ़ता पूर्वोत्तर, इस चर्चा का मूल मंत्र -YDMS👑*

मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प। बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद। *विकास की सीड़ीयां चढ़ता पूर्वोत्तर, यह है इस प्रेस वार्ता का मूल मंत्र -तिलक रेलन वरि पत्रकार सम्पादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS👑* *युदस नदि 14/17 मई 2025:* राइजिंग नॉर्थ ईस्ट ताज म होटल न दि *राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर समिट कर्टेन रेजर कार्यक्रम:* केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर समिट कर्टेन रेजर कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र को भविष्य के विकास का केंद्र बताया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि उत्तर पूर्व भविष्य की प्रतीक्षा नहीं कर रहा है, बल्कि इसे बना रहा है। *युदस नदि; 14 मई 2025:* केंद्रीय संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर समिट हेतु आयोजित प्रेस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव चंचल कुमार, पत्र सूचना कार्यालय की एडीजी सुश्री मनीषा वर्मा, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सांख्यिकी सलाहकार धर्मवीर झा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्वोत्तर निवेशक शिखर सम्मेलन 2025 के उद्घाटन समारोह में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि भविष्य में भारत हेतु सबसे बड़ी संभावना हमारे अद्भुत पूर्वोत्तर क्षेत्र हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “यह कार्यक्रम हमारी अद्भुत अष्ट लक्ष्मी – हमारे आठ राज्यों को प्रदर्शित करेगा, जो हमारे देश के परिवर्तनकारी विकास का केंद्र हैं।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री का संकल्प, उनकी प्रतिबद्धता, उनका विजन यह सुनिश्चित करना है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भविष्य के विकास और भारत के भविष्य के मार्ग का केंद्र बने, क्योंकि वह 2047 तक विकसित भारत के अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है।" उन्होंने कहा कि चाहे वह सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) का 10 प्रतिशत हो, जो लगभग एक लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष पूर्वोत्तर में लगाया गया है, चाहे वह कर विचलन हो, या विभिन्न शाखाएं और निजी क्षेत्र और अन्य जो उस छलांग को आगे बढ़ा रहे हैं, आज पूर्वोत्तर, जो सदा एक दशक पूर्व भारत की परिधि में गिना जाता था, भारत की विकास गाथा का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा, "प्राकृतिक संसाधनों के भंडार और पूर्वोत्तर की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक टेपेस्ट्री ने इस क्षेत्र को दक्षिण पूर्व एशिया में विश्व के सबसे शक्तिशाली प्रवेश द्वार में परिवर्तित हो गया है।"

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