Monday, June 30, 2014

आठ महत्वपूर्ण उद्योगों का सूचकांक

 (आधारः 2004-05=100), मई 2014 
आठ मुख्य उद्योगों का सूचकांक (आधारः 2004-05=100), का सारांश अनुबंध में दिया गया है।
    आठ मुख्‍य उद्योगों (आधार: 2004-05 =100) के सूचकांक का संयुक्‍त महत्‍व औद्योगिक उत्‍पादन के सूचकांक में 37.90% है।  मई 2014 में आठ मुख्‍य उद्योगों का संयुक्‍त सूचकांक 168.7% है जो मई 2014 की तुलना में 2.3% अधिक है। अप्रैल-मई, 2014-15 के मध्य इसमें संचयी व़ृद्धि 3.3% रही।
कोयला
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में कोयला उत्‍पादन (महत्‍व 4.38%) 5.5% बढ़ गया। अप्रैल- मई 2014-15 के मध्य इसका संचयी सूचकांक गत समान अवधि की तुलना में 4.4% बढ़ गया।
क्रूड तेल
मई 2014 की तुलना में मई 2014 में क्रूड तेल उत्‍पादन (महत्‍व 5.22%) 0.3% कम हो गया। अप्रैल- मई 2014-15 के मध्य इसका संचयी सूचकांक गत समान अवधि की तुलना में 0.2% कम हो गया।
प्राकृतिक गैस
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में प्राकृतिक गैस का उत्‍पादन (महत्‍व 1.71%) 2.2% कम हो गया। अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसका संचयी सूचकांक गत समान अवधि की तुलना में 5.0% कम हो गया।
पेट्रोलियम शोधन उत्‍पाद (0.93% क्रूड उत्पादन)
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में पेट्रोलियम शोधन उत्‍पादन (महत्‍व 5.94%) 2.3% कम हो गया। अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसका संचयी सूचकांक गत समान अवधि की तुलना में 2.2% कम हो गया।
उर्वरक
मई 2013 की तुलना में 2014 में उर्वरक का उत्‍पादन (महत्‍व 1.25%) 17.6% बढ़ गया। हालांकि अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसकी संचयी वृद्धि गत समान अवधि की तुलना में 14.5% रही।
इस्‍पात (अलॉय और नॉन अलॉय) मई 2013 की तुलना में मई 2014 में इस्‍पात का उत्‍पादन (महत्‍व 6.68%) 2.0% कम हो गया। अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसकी संचयी वृद्धि गत समान अवधि की तुलना में 0.3% रही।
सीमेंट
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में सीमेंट का उत्‍पादन (महत्‍व 2.41%) 8.7% बढ़ गया। किन्तु अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसकी संचयी वृद्धि पिछली समान अवधि की तुलना में 7.7% रही।
विद्युत
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में विद्युत का उत्‍पादन (महत्‍व 10.32%) 6.3 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-मई 2014-15 के दौरान इसकी संचयी वृद्धि पिछली समान अवधि की तुलना में 8.7% रही।
टिप्‍पणी – आंकड़े अनंतिम हैं। कोयलाक्रूड तेलप्राकृतिक गैसरिफाइनरी उत्‍पादोंइस्‍पात और सीमेंट के संबंध में गत वर्ष के समकक्ष माह के लिए प्राप्‍त संशोधित आंकड़ों के आधार पर संशोधन किया गया है।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

Friday, June 27, 2014

खरीफ की बुवाई

131 लाख हैक्‍टेयर से अधिक क्षेत्र में खरीफ फसल की बुवाई हुई। 
नवीनतम रपट के अनुसार खरीफ की फसलों की बुवाई 131 लाख हैक्‍टेयर क्षेत्रफल को पार कर गई है। 
दिनाक 27.06.2014 तक 21.91 लाख हैक्‍टेयर भूमि पर धान की बुवाई/ रोपाई , 4.30 लाख हैक्‍टेयर में दलहनों, 19.54 लाख हैक्‍टेयर में मोटे अनाजों तथा 4.79 लाख हैक्‍टेयर भूमि पर में तिलहनों की बुवाई की गई है। 
गन्‍ने और कपास की बुवाई प्रगति पर है। आज तक 43.92 लाख हैक्‍टेयर भूमि पर गन्‍ना और 29.07 लाख हैक्‍टेयर में कपास की बुवाई की गई है।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

Thursday, June 26, 2014

मुद्दे- खाद्य सुरक्षा, श्रम एवं रोजगार, ऊर्जा एवं संचार सेवा

राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) की आम परिषद ने 2014-15 में तिलहन और दालों का उत्‍पादन बढ़ाने की योजना के लिए 2100 करोड़ रूपये स्वीकृत किये 
राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) की सामान्य परिषद ने 2014-15 के लिए विभिन्‍न राज्‍यों की कार्य योजनाओं को स्वीकृति दी है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इस बैठक की अध्‍यक्षता की। 
परिषद ने हिमाचल प्रदेश, जम्‍मू कश्‍मीर और उत्‍तराखंड में दालों को एनएफएसएम कार्यक्रम के अधीन लाने को भी स्‍वीकृति दी। परिषद ने खाद्यान्‍न की तिलहन के साथ बारी- बारी से खेती करने को प्रदर्शित करने का भी अनुमोदन किया। यह अब तक मिशन की गतिविधियों का अंग नहीं था। ऐसा, तिलहन का उत्‍पादन बढ़ाने पर ध्‍यान केंद्रित करने के लिए किया गया है। 
सामान्य परिषद ने 2013-14 में एनएफएसएम के कार्य कौशल की समीक्षा की। इसके लिए महाराष्‍ट्र, उत्‍तर प्रदेश, बिहार और तमिलनाडू ने एनएफएसएम में अपने प्रस्‍तुतिकरण किये। 
केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्‍थान के निदेशक ने भारत में संकर चावल की खेती की संभावना और चावल के उत्‍पादन में इसकी भूमिका पर अपने विचार प्रस्‍तुत किेये। कृषि मंत्री ने निर्देश दिया कि धान उगाने वाले विभिन्‍न राज्‍यों में संकर बीज तैयार करने की संभावना का पता लगाया जाए। मंत्री महोदय ने देश के विभिन्‍न भागों के वर्षा-सिंचित क्षेत्रों में दालों के उत्‍पादन की संवर्धित तकनीकों का अधिक प्रदर्शन करने पर भी बल दिया। 
मंत्री महोदय ने भूमि का परीक्षण करने और विशेषकर लघु और मझोले किसानों को भू-स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड प्रदान करने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया। इससे किसानों को खेती में पड़ने वाले अवयवों के बारे में निर्णय लेने में सहायता मिलेगी और परिणामस्‍वरूप उत्‍पादकता श्रेष्ठ और लागत संयमित होगी। 
12 हजार 500 करोड़ रूपये की ट्रांसमिशन परियोजनाएं स्वीकृत 
अंतर्राज्यीय ट्रांसमिशन लाइनों की उच्च क्षमताओं का तेजी से निर्माण करने के लिए विद्युत मंत्रालय ने 12 हजार 500 करोड़ रूपये से अधिक लागत की नौ नई परियोजनाओं को अपनी स्वीकृति दे दी है। 
इन ट्रांसमिशन परियोजनाओं से 765/400 किलोवॉट के नये सब-स्टेशनों के निर्माण के अतिरिक्त 2100 मेगावॉट तक ले जाने वाली 765 किलोवाट की उच्च क्षमता वाली लाइनों की उपलब्धता से हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे अनेक राज्यों को लाभ होगा। इन परियोजनाओं से एनटीपीसी के 660 मेगावॉट के सीपट, 1600 मेगावॉट गदरवाड़ा के केन्द्रीय उत्पादन स्टेशनों, सासन यूएमपीपी (1320 मेगावॉट) जैसे निजी क्षेत्र उत्पादन स्टेशनों से विद्युत भार कम करने में सहायता मिलेगी। उत्तरी ट्रांसमिशन प्रणाली को सुदृढ़ करके हरियाणा क्षेत्र में भी भीड़-भाड़ को कम किया जा सकेगा। इन परियोजनाओं को निजी क्षेत्र सहित सभी बोलीदाताओं से भागीदारी आमंत्रित करके, प्रतियोगी बोली प्रणाली आधारित दर सूची के माध्यम से विकसित किया जाएगा। 
ये परियोजनाएं गत कई माह से सरकार की स्वीकृति प्रक्रिया में अटकी थीं। इन्हें लागू करने की स्वीकृति तुरंत दी गई है। आगामी तीन वर्षों में, कुल मिलाकर लगभग 28 हजार मेगावॉट की, अंतरक्षेत्रीय ट्रांसमिशन क्षमता जोड़ी जाएगी। जिससे 2017 तक कुल क्षमता बढ़कर 66 हजार मेगावॉट हो जाएगी। 
राज्यों के श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की बैठक 
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने रोजगार के सृजन को सरकार की प्रथम प्राथमि‍कता बताया है। आज नई दिल्ली के स्कोप काम्पलैक्स में, राज्‍यों के श्रम एवं रोजगार मंत्रि‍यों की एक दि‍वसीय बैठक को संबोधि‍त करते हुए, उन्‍होंने कहा कि‍ भारत के युवाओं को रोजगार के अवसरों के साथ-साथ, समुचि‍त एवं सुसंगत कौशल वि‍कास के अवसर प्राप्‍त हो सकें, इस दि‍शा में सरकार रोजगार केंद्रों को, सम्भावना केंद्रों में परि‍वर्तित करने की महत्‍वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रही है। कौशल वि‍कास के प्रति‍ सरकार की प्रति‍बद्धता की घोषणा करते हुए, श्रम मंत्री ने रोजगार एवं प्रशि‍क्षण महानि‍देशालय द्वारा प्रस्‍तावि‍त, नई पहलों का उल्‍लेख कि‍या; इनमें अब तक न पहुंचे जा सके खंडों में, आईटीआई का वि‍स्‍तार, आईटीआई के पाठ्यक्रम को अद्यतन कि‍या जाना एवं पारंपरि‍क प्रशि‍क्षण को मान्‍यता देना शामि‍ल है। 
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि‍ सरकार ने असंगठि‍त क्षेत्र में सामाजि‍क सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दि‍शा में, राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना को अधि‍क प्रभावी बनाने तथा इसका वि‍स्‍तार करने का कार्य शुरू कि‍या है। श्रम, संवि‍धान की समवर्ती सूची का वि‍षय होने के कारण, केंद्र तथा राज्‍य सरकारें श्रम वि‍धानों के साथ-साथ, श्रम कल्‍याण की नीति‍यों के क्रि‍यान्‍वयन में समान रूप से भागीदार हैं। उन्‍होंने कहा कि‍ केंद्र और राज्‍य सरकारों का यह सामूहि‍क दायित्व है कि‍ वे देश के 47 करोड़ मजदूरों की पहचान, चि‍न्‍हीकरण तथा पंजीकरण के कार्य को सुनि‍श्‍चि‍त करें। उन्‍होंने कहा कि‍ जि‍स प्रकार श्रमि‍कों की पहचान, चि‍न्‍हीकरण तथा पंजीकरण अनि‍वार्य है, उसी प्रकार सरकार द्वारा प्रदत्‍त सुवि‍धाएं, उन तक पहुंचाना हमारा दायित्व है। 
केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि‍ अंतर्राज्‍यीय प्रवासी कामगार अधि‍नि‍यम का कार्यान्‍वयन, एक अन्‍य क्षेत्र है, जि‍नमें राज्‍यों के बीच सहयोग की महत्‍वपूर्ण भूमि‍का है। उन्‍होंने भारत सरकार के कर्मचारी भवि‍ष्‍य नि‍धि‍ संगठन द्वारा, वैश्विक खाता (यू अ) जारी कि‍ए जाने की पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि‍ इससे प्रवासी तथा असंगठि‍त क्षेत्र के श्रमिकों सहि‍त समस्‍त श्रमि‍क वर्ग को इस सेवा का लाभ मि‍ल सकेगा। 
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि‍ बैठक का उद्देश्‍य राज्‍यों के साथ श्रम जगत के पासंगि‍क मुद्दें, चिंताओं एवं चुनौति‍यों की चर्चा करते हुए केंद्र तथा राज्‍यों के स्‍तर पर की जा रही, नई पहल तथा सुझावों पर वि‍चार-वि‍मर्श हेतु मंच प्रदान करना है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि‍ केंद्र एवं राज्‍य सरकारें साझा चुनौति‍यों पर गहन समरसता के साथ कार्य को आगे बढ़ा सकेंगी।
केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई, इस एक दि‍वसीय बैठक में राज्यों के श्रम मंत्रियों के अतिरिक्त केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री, विष्णु देव साय, श्रम एवं रोजगार सचि‍व, श्रीमती गौरी कुमार सहि‍त राज्‍यों के श्रम सचि‍व एवं श्रम आयुक्‍त तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के वरि‍ष्‍ठ अधि‍कारी भी उपस्‍थि‍त थे। बैठक में मुख्‍य रूप से श्रम कानून, कौशल वि‍कास तथा संगठि‍त एवं असंगठि‍त क्षेत्रों के लि‍ए सामाजि‍क सुरक्षा से संबंधि‍त वि‍धानों तथा योजनाओं पर, राज्‍यों द्वारा वि‍स्‍तृत प्रस्‍तुतीकरण कि‍ए गए। 
ट्राई ने, दूरसंचार सेवाओं से ग्राहक संतुष्टि पर की गयी स्वतंत्र एजेंसी के सर्वेक्षण पर रिपोर्ट जारी की 
दूरसंचार नियामक प्राधिकरण-ट्राई ने स्वतंत्र संस्थाओं के माध्यम से सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जा रही, सेवाओं की गुणवत्ता के मूल्यांकन तथा ग्राहक संतुष्टि, पर सर्वेक्षण कराया है और (i) ग्राहक के हित में ट्राई द्वारा क्रियान्वयन और विभिन्न नियमों, निर्देशों और आदेशों के प्रभाव का आकलन, (ii) अक्तूबर 2013 से मार्च 2014 के बीच सर्वेक्षण के द्वारा दूरसंचार सेवाओं के बारे में ग्राहकों की अवधारणा का आकलन करने का प्रयास किया गया। यह सर्वेक्षण हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश पश्चिम, उत्तर प्रदेश पूर्व, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और मुंबई के सेवा क्षेत्रों में कराया गया है।
सेवा मापदंडों की गुणवत्ता पर सर्वेक्षण
     सर्वेक्षण की पद्धति के अनुसार नियमों में निर्दिष्ट गुणवत्ता सेवाओं से संबंधित सात मापदंडों पर ग्राहक अवधारणा का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण प्रश्नावली तैयार की गयी है।
·        सेवाओं का प्रावधान
·        बिलिंग प्रदर्शन
·        ग्राहक शिकायत निवारण सहित सहायता सेवाएं
·        नेटवर्क प्रदर्शन, विश्वसनीयता और उपलब्धता
·        अनुरक्षणीयता अर्थात रख-रखाव की योग्यता 
·        पूरक और मूल्य वर्धित सेवाएं
·        कुल मिलाकर सेवा गुणवत्ता 
ग्राहको की संतुष्टि का मूल्याकंन एक से लेकर सात बिन्दु के स्तर पर किया गया, जिसमें चार से लेकर सात का मूल्याङ्कन ग्राहक संतुष्टि को दिखाता है, जबकि चार से नीचे का, ग्राहक की असंतुष्टि को प्रदर्शित करता है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि संतुष्टि का स्तर क्षेत्र से क्षेत्र और सेवा प्रदाता से सेवा प्रदाता के साथ बदलता रहता है।
विभिन्न नियमों वाले ग्राहक केन्द्रित प्रावधानों का सर्वेक्षण
  शिकायतों के निवारण तंत्र, मोबाइल नम्बर और यूसीसी नियमों के क्रियान्वयन के बारे में जागरूकता से संबंधित, नियमों के प्रभाव के आकलन के लिए कई मानकों के तहत, विभिन्न बिन्दुओं पर सर्वेक्षण कराया गया था। सर्वेक्षण के परिणामों से पता चलता है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को अपने ग्राहकों को विभिन्न शिकायत निवारण तंत्र के बारे में जागरूक करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। इसमें ग्राहक संतुष्टि में सुधार के लिए अपील प्राधिकरण के बारे में भी जागरूक करना शामिल है।
विस्तृत रिपोर्ट के लिए ट्राई की वेबसाइटwww.trai.gov.in  देखी जा सकती है।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

Thursday, June 19, 2014

पेंशन प्रक्रिया में सुधार

पहली पेंशन मिलने में देरी कम- 
पेंशन प्रपत्रों के साथ शपथपत्र जमा करने-सेवानिवृत्ति की दिनांक पर पेंशन भुगतान की पहल 
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया गृहमंत्रालय के टि्वटर खाते का आरम्भ 
सरकार के पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के अभियान के अनुरूप केन्‍द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय की सरकारी टि्वटर सेवा आरम्भ की। यह सेवा @HMOIndia है। 
इस अवसर पर राजनाथ ने कहा कि मंत्रालय की इस टि्वटर सेवा से लोगों को सरकार की ओर से लोगों को होने वाली महत्‍वपूर्ण घटनाओं की जानकारी मिल सकेगी। 
सरकार का मानना है कि सेवानिवृत्ति के बाद पहली बार पेंशन के भुगतान में देरी मुख्‍यत: दो कारणों से होती है। पहला पेंशनधारी से यह जानकारी मिलने में देरी कि पेंशन के कागज बैंक में पहुंच चुके हैं और दूसरा पेंशनधारी की ओर से बैंक को यह शपथ पत्र देने में देरी, कि वह उस धनराशि को लौटा देगा अथवा ऐसी किसी भी राशि की क्षतिपूर्ति करेगा जिसका उसे अधिकार नहीं है। 
राज्‍य सरकारों के पेंशन सचिवालयों के साथ हाल में एक कार्यशाला में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्‍य मंत्री डा. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि सरकार ने निर्णय किया है आवश्‍यक ‘’शपथ पत्र’’ सरकारी कर्मचारी के कार्यालय के प्रमुख द्वारा प्राप्‍त किया जा सकता है और इसे पेंशन भुगतान आदेश के साथ पेंशन देने वाले बैंक के पास भेजा जा सकता है। पेंशन संबंधी प्रपत्रों के साथ यह शपथ पत्र मिलने पर बैंक शीघ्रातिशीघ्र पेंशनधारी के खाते में पेंशन राशि जमा कर सकता है। पेंशनधारी को प्रथम पेंशन आरम्भ कराने के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 
इस प्रक्रिया में परिवर्तन का एक अतिरिक्‍त लाभ होगा कि पेंशन भुगतान आदेश सेवानिवृत्‍त कर्मचारी को अन्‍य सेवानिवृत्ति बकायों के साथ दिया जा सकता है। इससे पहले पेंशनधारी को पेंशन भुगतान आदेश की अपनी प्रति लेने के लिए बैंक जाना पड़ता था। 
सुधारों की पहल राज्‍य मंत्री डा. जितेन्‍द्र सिंह ने राज्‍य सरकार के पेंशन सचिवालय के साथ 12 जून 2014 को हुई बैठक में की।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

Tuesday, June 17, 2014

मूलभूत सुविधा व ढांचागत सुधार

'निर्धन वित्‍तीय सहायता प्रोत्‍साहन' 
रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न करने के लिए शहरी गरीबों के लिए कौशल प्रशिक्षण
केन्‍द्रीय शहरी विकास मंत्री ने शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए बैंकों से वित्‍तीय सहायता देने को प्रोत्‍साहन देने पर बल दिया 
वृक्षारोपण अभियान
उमा भारती ने राष्‍ट्रव्‍यापी वृक्षारोपण अभियान का शुभांरभ किया 
केन्‍द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने आज एक राष्‍ट्रव्‍यापी वृक्षारोपण अभियान और नदियों को बचाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंत्री महोदया ने केदारनाथ त्रासदी के शिकार हुए लोगों की स्मृति में दिल्‍ली में यमुना के किनारों पर पौधारोपण किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में सुश्री भारती ने कहा कि बड़ी मात्रा में वृ‍क्षारोपण अभियान से न केवल देश की नदियों के किनारे सुदृढ़ होंगे, बल्कि बाढ़ और मिट्टी के कटाव की संभावनाएं भी कम होंगी। इसी प्रकार के वृक्षारोपण कार्यक्रम गंगोत्री, हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, नबद्वीप और गंगासागर में भी आयोजित किए गए। 
उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन 
कलराज मिश्र ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलुरू में उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन किया
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री कलराज मिश्र ने आज बंगलुरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) परिसर में उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन किया। यह उत्कृष्टता केन्द्र एमएसएमई और आईआईएस, बंगलुरू के बीच हुए समझौते (एमओयू) के अधीन एक संयुक्त पहल है। आईआईएस अपने अनुसंधानकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और प्राध्यापकों के ज्ञान भंडार से इस केन्द्र के माध्यम एमएसएमई क्षेत्र में नवरचना, प्रतिस्पर्धा और विकास में योगदान करेगा। 
यह केन्द्र उद्योगों के स्वदेशीकरण और मूल्य इंजीनियरिंग के लिए प्रक्रिया और उत्पाद डिजाइन तथा विकास के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। यह धारणा विस्तृत विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई थी और इस कार्य के लिए आईआईएस में आठ विभागों को चिन्हित किया गया था। 
लघु उद्योग मंत्री ने इस प्रथम पहल के लिए, जिसमें सरकार और शिक्षाविद् उत्कृष्टता के इस केन्द्र के माध्यम सेवाएं उपलब्ध कराएंगे, किए गए प्रयासों के लिए मंत्रालय और आईआईएस को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उद्योग क्षेत्र विशेष कर एमएसएमई को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
मलिन बस्तियों का विकास
केन्‍द्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्‍मूलन मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज मलिन बस्तियों का नये सिरे से विकास और शहरी गरीबों के लिए सस्‍ते मकान बनाने के उद्देश्‍य से, नई योजनाएं तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गरीबों को, बैंकों से वित्‍तीय सहायता देने को प्रोत्‍साहन दिया जाना चाहिए। 
नायडू ने आवास और शहरी गरीबी उन्‍मूलन मंत्रालय के वर्तमान कार्यों और नई प्रस्‍तावित योजनाओं की विशेषताओं को, अंतिम रूप देने के संबंध में अनेक समीक्षा बैठकें की। नायडू ने मलिन बस्तियों का नये सिरे से विकास करने और शहरी गरीबों के लिए सस्‍ते मकान बनाने के लिए, नई योजनाएं तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्‍होंने शहरी आजीविका कार्यक्रम में, कौशल उन्‍नयीकरण का क्षेत्र बढ़ाने का निर्देश दिया। 
नायडू ने अधिकारियों से कहा कि नई योजनाएं समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर आर्थिक दुर्बल वर्गों अर्थात ईडब्‍ल्‍यूएस, एलआईजी आदि को अधिकतम लाभ देने के उद्देश्‍य से तैयार की जानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि ये योजनाएं सरल होनी चाहिए और इनमें राज्‍य सरकारों, शहरी स्‍थानीय निकायों, सभ्य सामज/एनजीओ तथा बैंकों और वित्‍तीय संस्थानों को, सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए। उन्‍होंने एक पारदर्शी और प्रतिस्‍पर्धी के प्रक्रिया के माध्यम, निजी साझेदारी को शामिल करने का आह्वान किया। 
वेंकैया नायडू ने कहा कि शहरों में अनुमानत: प्राय: एक करोड़ 90 लाख मकानों की भारी कमी के दृष्टिगत, सभी साझेदारों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। इसे ऐसे प्राय: एक करोड़ मकानों के संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए, जो गत जनगणना के अनुसार खाली/बंद पड़े हैं। इसलिए केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों के स्‍तर पर, प्रमुख नीतिगत परिवर्तन और सुधार करने की आवश्यकता है। उन्‍होंने कहा ‘’यदि हमने यही व्यव्हार बनाए रखा, तो 2020 तक तीन करोड़ मकानों की कमी हो जाएगी।‘’ सरकार उचित वित्‍तीय और गैर-वित्‍तीय छूट देने से पीछे नहीं हटेगी, किन्तु राज्‍य सरकारों को आवास और मूलभूत ढ़ांचा परियोजनाओं को, स्वीकृति तेजी से देनी होगी और सस्‍ती आवासीय परियोजनाओं के लिए उदार नियम बनाने होंगे। 
निर्माणाधीन मकान
नायडू ने प्राय: 3.77 लाख निर्माणाधीन मकानों को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया। 
उन्‍होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए मकान बनाने के उद्देश्‍य से बैंकों से वित्‍तीय सहायता को प्रोत्‍साहन देने की आवश्यकता है, इसके लिए एक शीर्ष बैंक बनाने की आवश्यकता है, जो शहरी क्षेत्रों में वित्तीय सहायता की निगरानी कर सके।
उन्‍होंने शहरी गरीबों को कौशल प्रशिक्षण देने पर बल दिया, जिससे युवाओं के लिए आजीविका की स्‍थायी व्‍यवस्‍था हो सके। ‘’शहरी बेघरों के लिए आश्रय’’ योजना की समीक्षा करते हुए, उन्‍होंने सुझाव दिया कि व्‍यक्तिगत दानदाताओं, एनजीओ, धर्मार्थ संगठनों को शहरी बेघरों के लिए आश्रय के निर्माण और उनके रख-रखाव के लिए, प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि एमपी-लैड योजना के अंतर्गत, बेघरों के लिए आश्रय के निर्माण की अनुमति लेने के लिए, वह सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के साथ बातचीत करेंगे। 
केन्‍द्रीय शहरी विकास मंत्री ने घोषणा की कि कुछ और शहरों को राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत लाया जाएगा, जिससे शहरों में रह रहे अधिकतम गरीबों को लाभ मिल सके। सभी शहरों में शहरी आजीविका केन्‍द्र स्‍थापित किये जाएंगे, जहां गरीबों को अपने उत्‍पाद प्रदर्शित करने और उन्‍हें बेचने की सुविधा होगी। 
मंत्रालय में सचिव श्रीमती अनिता अग्निहोत्री ने मंत्री महोदय को आश्‍वासन दिया कि मंत्रालय एक निश्चित समय सीमा के भीतर उनके निर्देशों को कर्यरूप में लाएगा। 
ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड सुविधा 
बीएसएनएल और एमनटीएनएल के प्रदर्शन पर कड़ी निगरानी 2,50,000 ग्राम पंचायतों को तीन वर्ष के अंदर ब्रॉडबैंड सुविधा दी जाएगी 
संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की प्रमुख प्राथमिकता, भारत को वैश्‍विक इलेक्‍ट्रॉनिक निर्माण का केंद्र बनाना है। 
संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी तथा विधि और न्‍याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि विगत में गलत कारणों से विभाग के चर्चा में रहने के कारण विभाग का मनोबल सुखद स्‍थिति में नही है। प्रसाद ने स्पष्ट रूप में कहा कि अब निर्णय योग्‍यता के आधार पर लिया जाएगा और अब पैरवी के दिन लद गए। उन्‍होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे खुले रूप में निर्णय लेना सीखें जिससे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के सबसे महत्‍वपूर्ण क्षेत्र का विकास सुनिश्‍चित हो सके। प्रसाद ने बीएसएनएल तथा एमटीएनएल के कार्य प्रदर्शन और मूलभूत संरचना में सुधार पर बल देते हुए कहा कि यह प्राथमिकता का महत्‍वपूर्ण क्षेत्र है। उन्‍होंने कहा कि वे स्‍वयं बीएसएनएल और एमटीएनएल के कामकाज की सक्रिय निगरानी करेंगे। इसके लिए उनके कक्ष में उचित उपकरण लगाने का निर्देश दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि किसी विशेष सर्किल में 'बेस ट्रांसमिशन स्‍टेशन' संतोषजनक ढंग से काम नहीं करने के मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। 
संचार मंत्री ने कहा कि तीन वर्षों मे, देश के 2,50,000 ग्राम पंचायतों में 'ब्रॉडबैंड' सुविधा दे दी जाएगी। आज नई दिल्‍ली में संचार भवन में संवादाताओं से बातचीत में, संचार मंत्री ने कहा कि चालू वित्‍त वर्ष में 50,000 ग्राम पंचायतों को कार्य विस्तार करने का लक्ष्‍य है, तथा 2015-16 और 2016-17 प्रत्‍येक वर्ष में एक लाख ग्राम पंचायतों में कार्य विस्तार किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के प्रदर्शन में सुधार प्राथमिकता है, जिससे व्यापक उपभोक्‍ता संतुष्‍टि के लिए, इन संगठनों की सेवाओं में सुधार किया जाए। 
प्रसाद ने कहा कि सरकार देश के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में, दूरसंचार नेटवर्क में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। 5,000 करोड़ की अनुमानित लागत से 8,000 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। प्रसाद ने बताया कि राष्‍ट्रव्‍यापी मोबाइल नेटकर्क पोर्टेबिलिटी(एमएनपी) के लिए, सिद्धांत रूप में स्वीकृति दे दी गई है और ट्राई की अनुशंसाएँ आने के बाद इसे लागू किया जाएगा। 
इलेक्‍टॉनिक्‍स विभाग तथा सूचना प्रौद्योगिकी की प्राथमिकता के बारे में, रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि इलेक्‍ट्रॉनिक निर्माण प्राथमिकता का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में दो करोड़ 80 लाख लोगों को रोजगार देने की क्षमता है। उन्‍होंने बताया कि मंत्रालय ने संशोधित विशेष प्रोत्‍साहन सब्‍सिडी योजना के लिए, आठ नए क्षेत्रों की पहचान की है। इन क्षेत्रों में गाजियाबाद(उत्‍तर प्रदेश), वडोदरा और गांधी नगर(गुजरात), नागपुर, नासिक, औरंगाबाद तथा थाणे(महाराष्‍ट्र) शामिल है। 
उन्‍होंने बताया कि मंत्रालय ने भोपाल, भुवनेश्‍वर, हैदराबाद, महेश्‍वरम्, भिवाड़ी, जबलपुर, होसुर तथा काखानाडा में ग्रानफील्‍ड निर्माण गलियारा विकसित करने का काम हाथ में लिया है। प्रसाद ने कहा कि देश में मोबाइल फोन के क्षेत्र में विकास तथा उपभोक्‍ताओं के कल्‍याण के दो लक्ष्‍यों को ध्‍यान में रखते हुए, वह स्‍पेक्‍ट्रम संबंधी विषयों के लिए पारदर्शी प्रबंधन करने की प्रक्रिया में है। 
डाक विभाग की प्राथमिकताओं के बारे में रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि उनका मंत्रालय वित्‍तीय समावेश के लिए 'पोस्‍टल बैंकिंग' स्‍थापित करने पर काम कर रहा है। उन्‍होंने बताया कि देश के एक लाख 55 हजार डाकघरों में, कुल बचत जमा 6 लाख करोड़ रुपए है। 'प्रसाद ने कहा कि 'ब्रॉडबैंड कनेक्‍टिविटी' परियोजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्‍होंने बताया कि बीएसएनएल, पावर ग्रिड कारपोरेशन तथा रेलटेल तीन पायलट परियोजनाओं पर काम कर रही हैं और इन्‍हें चरणबद्ध ढंग से पूरे देश में फैलाया जाएगा।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

Monday, June 16, 2014

मौनव्रत धारी मीडिया- नकारात्मकता पर शर्म ?

अब शर्मनिरपेक्ष मीडिया को साँप सूंघ गया क्या, जो हिंदू संतों के पीछे पड़ा रहते हैं?? 
आज तक दिनरात भोंकनेवाले चैनल, मौनव्रत धारी हो गए ? 
या अपनी नकारात्मकता पर शर्म आ रही है ? 

मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

मोदी लौटकर दिल्ली पहुंचे

मोदी सम्बन्धो का नया अध्याय बना लौटकर दिल्ली पहुंचे 
दिल्ली के लिए वापस. यह भूटान यात्रा संस्मरण मेरी स्मृति में उकेरा रहेगा. यह एक बहुत ही संतोषजनक और उत्पादक यात्रा थी।  
भूटान की संसद को संबोधित किया।  भूटान आगे बढ़ता है, और भारत भी भूटान का समर्थन करने के लिए आगे कदम उठाने लगता है।  एक छोटी सी अवधि में, भूटान ने लोकतांत्रिक संस्थाओं में अपार विश्वास विकसित किया है।  यह भूटान की विकास यात्रा के लिए अद्भुत है।  
भूटान के गत बजट में शिक्षा के लिए बड़ी राशी आवंटन के बारे में जान कर प्रसन्न हुआ।  यह भविष्य की पीढ़ियों की भलाई के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है! भारत भूटान में एक ई लाइब्रेरी नेटवर्क बनाने की योजना है और हम भूटान के छात्रों को दी जा रही छात्रवृत्ति दोगुना करेंगे। 
भारत और भूटान के बीच बंधन आगे बढ़ सकता है! http://nm4.in/1kXqTjQ
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

Friday, June 13, 2014

जनादेश प्राप्ति का एक माह पूर्ण

वन्देमातरम, इन सांसदों/मंत्रियों को जनादेश प्राप्ति का एक माह पूर्ण हुआ।
तथा सत्ता परिवर्तन के 20 दिन।
पूर्ववर्ती सरकार से इनकी कार्यशैली श्रेष्ठ है, इसका शुभारम्भ तो यही संकेत दे रहा है। किन्तु सर मुंडाते ही ओले पड़ने लगे इसके संकेत भी प्रारम्भ से मिलने लगे। वर्षों पूर्व का एक गीत स्मरण अ रहा है
राष्ट्र भक्ति ले ह्रदय में, हो खड़ा यदि देश सारा
संकटों पर मात कर यह राष्ट्र विजयी हो हमारा
और जिस देश का प्रधान मंत्री 125 करोड़ जनता को साथ लेकर उनके हित के लिए कार्यशील हो,
उसके मार्ग से तो बाधाओं को भी किनारा करना पड़ेगा। हमारा यह राष्ट्र विजयी हो कर रहेगा।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

Wednesday, June 11, 2014

साझा क्षेत्र संस्‍कृति और पर्यटन मंत्रालय

संस्‍कृति मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय ने साझा क्षेत्रों की पहचान की 
पर्यटन और संस्‍कृति राज्‍य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येस्‍सो नाइक ने आज यहां पर्यटन मंत्रालय और संस्‍कृति मंत्रालय के वरि‍ष्‍ठ अधि‍कारि‍यों की बैठक की अध्‍यक्षता की‍ तथा संभावि‍त साझा क्षेत्रों के बारे में चर्चा की। बैठक को संबोधि‍त करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि‍ मौजूदा परि‍योजनाओं में समन्‍वय के मुद्दे की पहचान की जानी चाहि‍ए और दोनों मंत्रालयों को ऐसी नई परि‍योजनाएं हाथ में लेनी चाहि‍ए जि‍से साझा कर सके। उन्‍होंने नि‍र्देश देते हुए कहा कि‍ प्रधानमंत्री के पास मंत्रालय की प्रस्‍तुति‍ के समय साझा क्षेत्रों का उल्‍लेख कि‍या जाना चाहि‍ए। श्री नाइक ने वि‍शेष रूप से भारत महोत्‍सव/रोड शो, पुरातात्‍वि‍क धरोहरों और वि‍रासत स्‍थलों से संबंधि‍त परि‍योजनाएं, स्‍वच्‍छ भारत अभि‍यान और प्रचार तथा ब्रांड भारत की छवि‍ बनाने आदि‍ के बारे में चर्चा की।
बैठक के दौरान दोनों मंत्रालयों के अधि‍कारि‍यों द्वारा कई साझा क्षेत्रों की पहचान की गई। ‍ 
भारत जब तक इतिहास को, जीता था भारत था | 'इंडिया' बन, इतिहास भूलने
व बिगाड़ने की; पतन की राह चलने लगा | आओ, मिलकर इसे बनायें; - तिलक
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

Sunday, June 8, 2014

विकास समर्पित नीतियां व क्रियान्वयन

प्रधानमंत्री ने नीति निर्माण के ढांचे बनाने में बुद्धिजीवी वर्ग के सुझाव को बढ़ावा देने का आह्वान किया 
‘’गैटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक- एन एक्शन एजेंडा फोर रिफॉर्म’’ नामक पुस्तक का विमोचन 
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि नीति निर्माण के उत्तम ढांचे के लिए बुद्धिजीवी सलाहकारों द्वारा दी गई राय को, पूरे ध्‍यान के साथ आगे बढ़ाना चाहिए। 
      प्रधानमंत्री ने आज नई दिल्‍ली के 7-रेसकोर्स रोड स्थित अपने निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ‘’गैटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक- एन एक्‍शन एजेंडा फोर रिफॉर्म’’ नामक पुस्‍तक का विमोचन किया।  इस पुस्‍तक का संपादन बिबेक देबरॉयएशले टेलीज और रीस ट्रैवर ने किया है। पुस्‍तक के प्रकाशक है कार्नेगी एंडोमेंट फोर इंटरनेशनल पीस।
      श्री मोदी ने कहा कि नीति संबंधी निर्णयों में उत्तम ढंग से योगदान देने के लिए विश्‍वविद्यालयों को भी विकास प्रक्रिया के अनुसंधान और विश्‍लेषण में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि मुलभुत सुविधाओं के क्षेत्र में ध्‍यान 'आईवेज' से हटकर अब 'आई-वेज' और 'ऑप्टिकल फाइबर' के नेटवर्क पर केंद्रित करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि पुराने समय में शहर नदियों के किनारे बसाए जाते थेऔर आज (हाइवेज) राजमार्गों के किनारे बनाए जाते हैं, किन्तु भविष्‍य में शहर 'ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क' और आगामी पीढ़ी को मिल सकने वाली मूलभूत सुविधाओं की उपलब्‍धता के आधार पर बसाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरीकरण को एक समस्‍या के रूप नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में मानना चाहिए। यदि हमें श्रेष्ठता के लिए रोजगार जुटाने हैं और परिवर्तन लाना है, तो हमें 100 आधुनिक शहरों का निर्माण करने की योजना बनानी है। प्रधानमंत्री ने भविष्‍य के विकास के क्रांतिकारी एजेंडे का सुझाव देते हुए राष्‍ट्रीय झंडे के तीन रंगों का उल्‍लेख किया।
हरे रंग से आरम्भ करते हुए उन्‍होंने कहा कि बढ़ती कृषि उत्‍पादकतामूल्‍य संवर्धनकृषि प्रौद्योगिकी भंडारण के विकेन्‍द्रीकरण पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए, हमें दूसरी हरित क्रांति लाने की आवश्यकता है।
सफेद रंग का उल्लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि श्‍वेत क्रांति को अब दूध की उत्‍पादकता बढ़ाने और पशुओं के स्‍वास्‍थ्‍य को सुनिश्चित करने के लिए एक समर्थन प्रणाली विकसित करने पर ध्‍यान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवा रंग ऊर्जा का प्रतिनिधित्‍व करता है। हमें भगवा क्रांति की आवश्यकता है, जिसमें भारत की बढ़ती हुई ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए, सौर ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर ध्‍यान केन्द्रित किया जाता है। राष्‍ट्रीय ध्‍वज में अशोक चक्र के नीले रंग से प्रेरित होकर उन्‍होंने कहा कि नील क्रांति के रूप में सजावटी मछलियों सहित मत्‍स्‍य उद्योग क्षेत्र पर ध्‍यान केन्द्रित किया जाना चाहिए।
श्री मोदी ने जल संरक्षण की आवश्‍यकता पर बल दियाऔर लधु-सिंचाई के महत्‍व पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने कहा कि इससे ''प्रति बूंदअधिक फसल'' प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है। उन्‍होंने कहा कि गुजारात में गन्‍ने जैसी फसलों की उत्‍पादकता और गुणवत्‍ता में सुधार लाने में लधु-सिंचाई अत्‍यंत सफल रही है।
उन्‍होंने कहा कि हमें जन सांख्यिकीय लाभों का दोहन करना चाहिए, क्‍योंकि हमारी 65% आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। इसके लिए कौशल विकास को प्राथमिकता क्षेत्र बनाने की आवश्‍यकता है। शिक्षणनर्सिंग और अर्ध-चिकित्‍सीय जैसे कौशलों की चर्चा करते हुए, उन्‍होंने कहा कि अच्‍छे शिक्षक समाज की सबसे बड़ी आवश्‍यकता है, किन्तु गिनेचुने अच्‍छे शिक्षक ही उपलब्‍ध है। प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्‍या भारत ऐसे अच्‍छे शिक्षकों का निर्यातक बन सकता है जो समूची वैश्विक पीढ़ी की परिकल्‍पना कर सके। उन्‍होंने कहा कि यदि भारत को चीन के साथ प्रतिस्‍पर्धा करनी है, तो कौशलआकार और गति पर ध्‍यान केन्द्रित करना होगा। 
धरती का तापमान बढ़ने और जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने की आवश्‍यकता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि नदियों को मां समझने वाली सभ्‍यता को, पर्यावरण संरक्षण के बारे में पश्चिमी जगत से सीखने की आवश्‍यकता नहीं है।
इस अवसर पर वित्‍तकंपनी मामले और रक्षा मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि इस पुस्‍तक के विमोचन का, इससे उचित समय कोई नहीं हो सकता। श्री जेटली ने कहा कि सरकार को न केवल शासन की इच्‍छा रखनी चाहिए, बल्कि उसमें शासन करने की विश्‍वसनीयता भी होनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय, एक बार फिर भारत की ओर देख रहा हैऔर यह ऐसा अवसर है जिसे हमें गवांना नहीं चाहिए।
सड़क परिवहन राज्‍य मंत्री ने कोटपुतली का प्रवास और क्षतिग्रस्‍त राजमार्ग का निरीक्षण किया 
सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी राज्‍य मंत्री श्री कृष्‍ण पाल गुर्जर ने केन्‍द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी के निर्देश पर राजस्‍थान में क्षतिग्रस्‍त राजमार्ग का निरीक्षण किया। उन्‍होंने राजमार्ग पर यातायात की भीड़भाड़ को भी देखा। इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत में कोटपुतली में उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्रीय सड़क अनुसंधान संस्‍थान से इस मुद्दे की जांच करने और आगामी माह की दिनाक 10 तक रपट देने को कहा जा रहा है। इस रपट को भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर त्रुटियों के लिए दोषी पक्षों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
श्री गुर्जर ने बताया कि राजमार्ग के साथ लगी सर्विस रोड़ की आगामी दो दिनों में मरम्‍मत की जाएगी, ताकि यातायात बढ़ा से मुक्ति मिल सके। उन्‍होंने यह भी कहा कि इस राजमार्ग पर 21 सड़क पुल तैयार हैं, जिन्‍हें 25 जून को खोल दिया जाएगा। उन्‍होंने विश्वास दिलाया कि दिल्‍ली–जयपुर राजमार्ग पर काम एक वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। श्री गुर्जर ने कहा कि यदि ठेकेदार काम पूरा नहीं करेंगे, तो एनएचएआई से काम निर्धारित समय सीमा में पूरा करने को कहा जाएगा। इस परियोजना के काम को 2011 तक पूरा किया जाना था। 
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा का नासिक और बैंगलोर प्रवास 
1. वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा आज से दो दिन के नासिक और बैंगलोर के प्रवास पर हैं। वे वहां पर प्रबंधन कमान इकाइयों की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। वे नासिक और बैंगलोर में एचएएल के दोनों विभागों का प्रवास भी करेंगे। उनके साथ रक्षा उत्‍पादन सचिव श्री जी सी पति भी जाएंगे। वे, वायुसेना प्रमुख को एचएएल के तहत आने वाली सभी विमान परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए एचएएल और आईएएफ के बीच सहयोग बढ़ाने पर जानकारी उपलब्‍ध कराएंगे। जब से वायुसेना की चालन क्षमताएं एचएएल पर निर्भर हुई हैं, तब से इन प्रवासों का महत्‍व बढ़ गया है। 
2. नासिक पहुंचने पर, वायु सेना प्रमुख और रक्षा उत्‍पादन सचिव का स्‍वागत एयर कमडर एस पडगांवकर करेंगे और उन्‍हें इस महत्‍वपूर्ण प्रबंधन सहायता आधार की गतिविधियों की जानकारी देंगे। इस मध्य वायुसेना प्रमुख बीआरडी के उपकरण और संरचना का भी अवलोकन करेंगे। नासिक के एचएएल विभाग पहुंचने पर दोनों का स्‍वागत एचएएल अध्‍यक्ष डॉ. आर के त्‍यागी करेंगे। नासिक का यह विभाग में एसयू-30 का निर्माण लाइसेंस, मरम्‍मत, जांच और मिग श्रृंखला विमान का उन्‍नयन की गतिविधियों में शामिल है। यह विभाग कलपुर्जों की सप्‍लाई भी करता है। वायु सेना प्रमुख, 25 ईडी स्थित भारतीय वायुसेना के माल प्रबंधन संस्‍थान का प्रवास भी करेंगे।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

Friday, June 6, 2014

अलगाव का कारण धारा 370

अलगाव का कारण धारा 370 

विगत 67 वर्षों से विभिन्नता या अनेकता में एकता के प्रपंचीय नारे पढाये जा रहे हैं, किन्तु एक देश में 2 संविधान 2 निशान (झंडे) 2 विधान चलाये जा रहे हैं। अलगाव का कारण, प्रतीक और संरक्षक धारा 370, को ढोने को बाध्यता बनाया जाता रहा है। अब इस अनावश्यक बोझ से मुक्ति का समय आ गया है।
धारा 370 के कारण ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है। 
अतिमहत्वपूर्ण: संविधान के मूल ढाँचे से धारा 370 का कोई लेना देना नहीं है, संविधान संशोधन निर्धारित किया जा सकता है, अथवा राज्य की परिषद को पुनर्गठित करके। वर्त्तमान मोदी सरकार सक्षम है इसे हटाने में, किन्तु उससे पूर्व चर्चा करके कश्मीरियों को यह बताना/पूछना आवश्यक है है कि इस धारा से उन्हें कितना लाभ हुआ और कितना हानी। बताइये इस आग्रह को स्वीकार करने से हिचकने वालो को क्या कहेंगे ?
जम्मू के राजाओं की सूचि से स्पष्ट है कि अब्दुल्ला परिवार का स्वामित्व नहीं है, चुना प्रतिनिधि स्वामी नहीं, मात्र अभिरक्षक होता है। उसे ऐसा कोई अधिकार नहीं होता कि चाहे किसी को राज्य सौंप सके। अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर, इस प्रकार की निरर्थक बकवास का कोई महत्त्व नहीं होता। 
कश्मीर अब्दुल्ला परिवार के बाप की जागीर नहीं, इस पर निर्णय का कोई उनको अधिकार नहीं। 
धारा 370 हटायें, 125 करोड़ के दिलों को मिलाएं, अब्दुल्ला परिवार जहाँ जाना चाहें जाएँ। भारत को विश्व गुरु बनायें। 
उमर अब्दुल्ला के धारा 370 पर किए ट्विट पर संघ के अखिल भारतीय सह सम्पर्क प्रमुख राम माधव जी ने कहा कि उमर जम्मू कश्मीर को अपनी पैतृक सम्पत्ति न समझे ! 
कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
चाहे धारा 370 रहे या न रहे ?
क्या है? धारा 370: (ये चित्र फेस बुक मित्रों से प्राप्त। )
1. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
2. जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है।
3. जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है, जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
4. जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है।
5. भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू - कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
6. भारत की संसद को जम्मू - कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
7. जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले, तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी । इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले, तो उसे भी जम्मू - कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।
8. धारा 370 के कारण कश्मीर में सूचना का अधिकार RTI लागू नहीं है, नियंत्रक महालेखाकार CAG लागू नहीं होता । ...। भारत का कोई भी कानून लागू नहीं होता ।
9. कश्मीर में महिलावो पर शरियत कानून लागू है।
10. कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं ।
हमारा रक्त चूसते पिस्सू ये तीन, संग आतंकी घुसपैठिये राष्ट्रद्रोही 370 की बजाते बीन। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।
Vandemataram, मेरी इस मित्र मंडळी मे आपका हार्दिक स्वागत है। इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प युगदर्पण 13 वर्ष से सतत संघर्षरत। YDMS की विविधता, व्यापकता व लेखन का परिचय: युगदर्पण मीडिया समूह YDMS में राष्ट्रवाद के विविध विषय के 25 ब्लाग, 5 चेनल, orkut, FB, ट्वीटर etc सहित एक वेब भी है।
आइयें, हम सब मिलकर बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया को परास्त कर सकते हैं। -तथा "राष्ट्र वादी मीडिया" उसका विकल्प बन सकता है।"वन्देमातरम" को अपना मंत्र बनायें।
अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग…remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611, Media For Nation First & last. राष्ट्र प्रथम से अंतिम, आधारित मीडिया YDMS

असम से यूनेस्को तक शुभ संकेत

असम के बक्‍सा जिले में कृषि विज्ञान केन्‍द्र के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर 
देश में असम कृषि विश्‍वविद्यालय, जोरहाट के सहयोग से 638वां कृषि विज्ञान केन्‍द्र शुरू हो रहा है। असम कृषि विश्‍वविद्यालय और भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन-आईसीएआर ने इस निमित समझौते ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर उपमहानिदेशक (कृषि विस्‍तार) डॉ. ए के सिक्‍का, आईसीएआर और असम कृषि विश्‍वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. के एम बुजरबरूआ ने डीएआरई के सचिव डॉ. एस अयप्‍पन तथा आईसीएआर के महानिदेशक श्री अरविन्‍द आर कौशल की उपस्थिति में हस्‍ताक्षर किए। कृषि विज्ञान केन्‍द्र, असम के 15 विकास खंड एवं 687 गांव से युक्त 2400 स्‍क्‍वायर किलोमीटर क्षेत्र में फैले बक्‍सा जिले में कृषि एवं इससे संबंधित कार्यों को प्रोत्‍साहित करने के लिए कार्य करेगा। यह कृषि विज्ञान केन्‍द्र गोरेश्‍वर राजस्‍व केन्‍द्र, मोजा कोरभा के गांव धेपरगांव में स्थित है। जिले के कृषि समुदाय की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए इसका निर्माण किया गया है। 
भारत अमूर्त सांस्‍कृतिक विरासत की रक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति में निर्वाचित 
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति में आगामी चार वर्षों (2014-2018) के लिए भारत का चयन हुआ है। 
यूनेस्को मुख्यालय, यूनेस्को मुख्यालय, संयुक राष्ट्र शिक्षा, विज्ञानं और सांस्कृतिक संगठन ने पेरिस में 4 जून 2014, को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए कन्वेंशन के सदस्य देशों की महासभा ने भारत का चयन किया। इस चुनाव में सदस्‍य राज्‍यों की ओर से कुल 142 मत पड़े थे, जिसमें से 135 मतों से भारत ने चुनाव जीता। इस बार चुनाव मैदान में दस देश थे, जिसमें से भारत को मिले वोटों की संख्या सर्वाधिक अंकित की गई है।
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति के 24 सदस्‍य हैं और इन्‍हें चार वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है। समिति का मुख्य कार्य अमूर्त के महत्व के प्रति स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाना है। 
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति में भारत का दूसरी बार चयन हुआ है। इससे पहले, 2006-2010 में इसका चयन हुआ था। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

पूर्वोत्तर का समावेशी विकास

पूर्वोत्तर के समावेशी विकास के लिए संचार मजबूती को प्राथमिकताः प्रकाश जावड़ेकर
सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर आज श्री एम.पी.बेजबरूआ के नेतृत्व में आए शिष्टमंडल से मिले और पूर्वोत्तर क्षेत्र की समस्याओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। श्री जावड़ेकर ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र दक्षिण पूर्व एशिया के लिए भारत का मुख्य द्वार होना चाहिए। उन्होंने भारतीय टीवी तथा रेडियो चैनलों की सुदृढ़ता पर बल देते हुए कहा कि संचार के इन माध्यमों को पूर्वोत्तर के राज्यों में सदभाव बढ़ना चाहिए और हमारी समृद्ध संस्कृति को भारत की सीमाओं से बाहर ले जाना चाहिए। 
विचार-विमर्श में पूर्वोत्तर क्षेत्र को फिल्म शूटिंग के लिए प्रोत्साहित करने तथा विभिन्न फिल्मोत्सवों में पूर्वोत्तर की फिल्मों को दिखाने का सुझाव दिया गया। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की प्रखरता की सराहना करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि सूचना और मनोरंजन के क्षेत्र में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की और अधिक भागीदारी होनी चाहिए। 
पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के पूर्वोत्तर क्षेत्र को हवाई सेवा से जोड़ने के प्रयास का स्मरण कराते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि दूरसंचार डिजीटल, रेडियो तथा टीवी संपर्क के माध्यम पूर्वोत्तर को देश के शेष भागों से जोड़ने की योजना बनायी जानी चाहिए। 
इससे पूर्व शिष्टमंडल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आईईसी पहल के बारे में जानकारी दी गई। शिष्टमंडल ने मत्रालय के प्रयासों की सराहना की और क्षेत्र के लोगों के प्रति संवेदी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। 
श्री वेंकैया नायडू ने लोकसभा अध्‍यक्ष के नि‍र्वि‍रोध चुनाव के लि‍ए सभी पार्टि‍यों का आभार व्‍यक्‍त कि‍या 
संसदीय मामलों के मंत्री श्री वेंकैया नायडू ने लोकसभा अध्‍यक्ष का सर्वसम्‍मति‍ से चयन करने के लि‍ए सभी दलों का आभार व्‍यक्‍त कि‍या। उन्‍होंने कहा कि‍ लोक सभा की नई अध्‍यक्ष श्रीमती सुमि‍त्रा महाजन एक योग्य सांसद हैं, और उन्‍हें पूरा वि‍श्‍वास है कि‍ उनकी अध्‍यक्षता में संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी और जनता की आशाएं पूरी करेगी। लोकसभा में कि‍सी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लि‍ए तैयार सरकार की ओर से 
श्री वेंकैया नायडू ने संसद के सभी सदस्‍यों से सहयोग मांगा। 
आज संसद में बोलते हुए श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि‍ एक ही दि‍न में 510 सांसदों को शपथ दि‍लाकर लोकसभा ने एक कीर्तिमान स्थापित कि‍या है। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

बजट पूर्व परामर्श बैठक

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों से बजट पूर्व परामर्श बैठक की रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कौशल विकास को प्राथमिकता 
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा है कि कौशल विकास को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे अधिक से अधिक संख्या में प्रशिक्षित कर्मी भारतीय अर्थव्यवस्था में शामिल हो सके। वित्त मंत्री आज नई दिल्ली में बजट पूर्व विचार विमर्श के क्रम में केन्द्रीय मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों से बातचीत के पश्चात कहा कि सरकार बजट तैयार करते समय केन्द्रीय मजदूर यूनियनों की ओर से दिये गये, दस सूत्री मांग पत्र पर विचार करेगी। 
बैठक में वित्त और कार्पोरेट मामलों की राज्यमंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण, व्यय सचिव श्री रतन पी.वटल, राजस्व सचिव श्री राजीव टकरू, श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव श्रीमती गौरी कुमार तथा वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
बैठक में शामिल मजदूर यूनियनों ने वित्त मंत्री को संयुक्त ज्ञापन सौंपा। जिनमे कुछ विशेष प्रस्ताव निम्नलिखित हैः 
बढ़ रहे मूल्यों को रोकने तथा मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के प्रभावी पग उठाये जाएं। वस्तुओं में वायदा बाजार पर पाबंदी लगायी जाए, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाने के साथ इसे सुदृढ़ बनाया जाए, संचयन पर उचित नियंत्रण सुनिश्चित किया जाए तथा कर/शुल्क/पेट्रोलियम उत्पादों पर अधिभार को विवेक संगत बनाया जाए; ताकि लोगों का बोझ कम हो।
रोजगार सृजन के लिए अर्थव्यवस्था को जीवंत बनाने के उद्देश्य से मूलभूत अवसंरचना क्षेत्र में बड़े स्तर पर निवेश हो। इस काम में सार्वजनिक क्षेत्र अग्रणी भूमिका निभाये। बजट में रोजगार सृजन तथा लोगों की सतत आय की गारंटी के लिए योजना और गैर योजना खर्च को बढ़ाया जाए। 
न्यूनतम वेतन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ा जाए और 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की अनुशंसाओं को ध्यान में रखते हुए, सभी प्रकार के श्रमिकों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए। यह आय प्रतिमाह 15 हजार रूपये से कम न हो। 
रक्षा उत्पादन, दूरसंचार, रेलवे, वित्तीय क्षेत्र, खुदरा व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा मीडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 
सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को सशक्त बनाया जाए। लाभ कमा रही सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइ के शेयरों को बेचना तत्काल रोका जाए। 
वित्त मंत्री के साथ बैठक में भाग लेने वाले विभिन्न मजदूर यूनियन के समूहों के प्रतिनिधियों में भारतीय मजदूर संघ के श्री बी.एन.राय, भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन (इंटक) के श्री चंद्र प्रकाश सिंह, आईएनटीयूसी के श्री शांताकुमार, इंटक की सुश्री अमरजीत कौर, श्री डी.एल सच्चदेव, हिन्द मजदूर सभा के श्री शरद राव और श्री हरभजन सिंह सिधू, सीटू के श्री स्वदेश देवराय और सांसद श्री तपनसेन, एआईयूटीयूसी के श्री दिलीप भट्टाचार्य और श्री शंकर शाह, टीयूसीसी के श्री शिवप्रसाद तिवारी लेवर प्रोग्रेसिव फैड्रेशन के श्री वी.सुबुरमन तथा एम.सणमुगम, यूटीयूसी के श्री प्रेचंदन तथा अबनी राय तथा नेशनल फ्रट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियनस के डॉ. विराट जयसवाल शामिल थे। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

गंगा नदी पुनरोद्धार

गंगा नदी विकास से पर्यटन तथा परिवहन बढ़ाने और इसे पर्यावरण संगत बनाने के लिए बैठक 
गंगा नदी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, मछली पालन विकास को बढ़ाने तथा बिजली उत्पादन योग्य बनाने के लिए सड़क परिवहन, राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा पुनरोद्धार मंत्री सुश्री उमा भारती, पर्यावरण वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर तथा पर्यटन मंत्री श्री श्रीपद यशो नाइक की बैठक हुई। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सुश्री उमा भारती ने कहा कि गंगा के विषय में सरकार की प्राथमिकता और पार्टी घोषणा पत्र के  अनुरूप आगे बढ़ने के लिए हम लोगों ने समय-समय पर मिलने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि देश की अन्य नदियों के विकास के लिए भी ऐसे मानक तैयार किये जाएंगे। 

मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय किया गया कि जल संसाधन मंत्रालय में सचिव की अध्यक्षता में लगभग एक माह में योजना तैयार करने के लिए सचिवों की एक अंतर मंत्रालय समिति बनाई जाएगी। श्री नितिन गडकरी ने बताया कि इसके बाद इस विषय में एक कैबिनेट नोट तैयार किया जाएगा। श्री गडकरी ने कहा कि यह प्रस्ताव है कि नदियों के तल से मिट्टी निकाली जाए, जिससे चौड़ाई 45 मीटर और गहराई 3 मीटर हो, तथा वाराणसी से हुगली तक गंगा नदी में यात्रियों और सामानों का आवागमन हो सके। गंगा के किनारे 11 'टर्मिनल' बनाने का भी प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 100 किलोमीटर पर 'बराज' बनाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि कोयला, उर्वरक तथा अनाज आदि का आवागमन नदियों के माध्यम करने के लिए इसका विकास किया जाएगा। श्री गडकरी ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन गंगा अनुसंधान संस्थान बनाने का प्रस्ताव है। संभवतः यह रूड़की में बनेगा और पर्यटन मंत्रालय नदियों के किनारे पर्यटन विकसित करने संबंधी कदम उठाएगा। पर्यावरण मंत्रालय कानपुर तथा अन्य स्थानों पर विभिन्न उपाय कर नदी को अपरिवर्तित बनाये रखेगा। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प। मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

लोकसभा की अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन

प्रधानमंत्री ने श्रीमती सुमित्रा महाजन के सर्वसम्मिति से लोकसभा अध्‍यक्ष चुने जाने का स्वागत किया 
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सदन की उच्‍च परंपरा के अनुसार सर्वसम्मिति से श्रीमती सुमित्रा महाजन के 16वीं लोकसभा की अध्‍यक्ष चुने जाने का स्‍वागत किया है। उन्‍हें बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने एक महिला द्वारा विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में इस उच्‍च स्‍थान पाने का स्‍वागत किया। उन्‍होंने कहा कि इंदौर नगर निगम की सदस्‍य से लेकर आठ बार संसद सदस्‍य के रूप में सार्वजनिक जीवन के लम्बे अनुभव से युक्त श्रीमती सुमित्रा महाजन के मार्ग-दर्शन से देश के लोगों की सेवा करने में सदन को लाभ मिलेगा। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि 16वीं लोकसभा में प्राय: 315, पहली बार सांसद चुनकर आए हैं, जो पहली लोकसभा के समान है । उन्‍होंने कहा कि सदन के पास कई पुरानी परंपराओं को छोड़कर नई परंपराएं अपनाने का अवसर है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय संसद प्रजातंत्र का एक मंदिर है और इसके माध्यम नई ऊर्जा के साथ भारत को विश्‍व में एक शक्तिशाली प्रजातंत्र के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है। 
उन्‍होंने कहा कि अध्‍यक्ष का नाम ही सभी को उनका मित्र होने का आभास कराता है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी कहा गया है कि ‘’महाजनिये येन गत: पंथया’’ जिसका अर्थ है कि जिस पथ पर महाजन चलते हैं, उस पर चलना लाभकारी होता है। 
उन्‍होंने सदन की ओर से अध्‍यक्ष को आश्‍वासन दिया कि सदन की कार्रवाईयों को सफलता पूर्वक चलाने में श्रीमती महाजन को सभी सदस्‍यों से पूरा समर्थन मिलेगा। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प। मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

मोदी के कार्य व दिशा निर्देश

एक और विश्व कीर्तिमान -
विश्व के पहले प्रधानमंत्री जिन्होंने पहले दिन ही इतने काम किये है |
काले धन के विरुद्ध SIT बैठा दी |
कश्मीर को विशेष राज्य श्रेणी का अंत एवं धारा 370 की समाप्ति की घोषणा पर काम शुरू |
बनारस में अमूल का प्लांट का काम शुरू|
बनारस के घाटो के लिए 20 करोड़ की घोषणा |
70000 करोड़ की लागत द्वारा अहमदाबाद से मुंबई, जापान जैसी बुलेट ट्रेन द्रुतगति का प्रस्ताव पास, इंजिनियर तकनीक सीखने के लिए फ़्रांस प्रस्थान |
20000 करोड़ की लागत द्वारा गंगा मैया के पावन जल को स्वच्छ कराने की घोषणा |
शराब के सरकारी ठेके की बीच की दूरी कम से कम 40 किलोमीटर होगी |
और कुछ रह गये हो तो आप बता दो.… 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसदों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मोदी चाहते हैं कि पार्टी के सभी सांसद नियमित रूप से संसद पहुंचे, उनकी भाषा सभ्य हो और अनावश्यक रूप से पैर छूने की परंपरा पर रोक लगे। जनीतिक परिवारों द्वारा संचालित कुछ क्षेत्रीय दलों के मामले में भी पैर छूने और चापलूसी की परंपरा रही है। इसके विपरीत मोदी ने अपने सांसदों से कहा कि वे लोकतंत्र के मंदिर में अपने कौशल को बढ़ाकर जानकारी के साथ आयें और अच्छे सांसद बनें।
कृपया मेरे या भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के चरण स्पर्श ना करें, अभिवादन करते समय -मोदी के दिशा निर्देश 

मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।