प्रधानमंत्री ने नीति निर्माण के ढांचे बनाने में बुद्धिजीवी वर्ग के सुझाव को बढ़ावा देने का आह्वान किया
‘’गैटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक- एन एक्शन एजेंडा फोर रिफॉर्म’’ नामक पुस्तक का विमोचन
‘’गैटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक- एन एक्शन एजेंडा फोर रिफॉर्म’’ नामक पुस्तक का विमोचन
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि नीति निर्माण के उत्तम ढांचे के लिए बुद्धिजीवी सलाहकारों द्वारा दी गई राय को, पूरे ध्यान के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने आज नई दिल्ली के 7-रेसकोर्स रोड स्थित अपने निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ‘’गैटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक- एन एक्शन एजेंडा फोर रिफॉर्म’’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक का संपादन बिबेक देबरॉय, एशले टेलीज और रीस ट्रैवर ने किया है। पुस्तक के प्रकाशक है कार्नेगी एंडोमेंट फोर इंटरनेशनल पीस।
श्री मोदी ने कहा कि नीति संबंधी निर्णयों में उत्तम ढंग से योगदान देने के लिए विश्वविद्यालयों को भी विकास प्रक्रिया के अनुसंधान और विश्लेषण में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुलभुत सुविधाओं के क्षेत्र में ध्यान 'आईवेज' से हटकर अब 'आई-वेज' और 'ऑप्टिकल फाइबर' के नेटवर्क पर केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुराने समय में शहर नदियों के किनारे बसाए जाते थे, और आज (हाइवेज) राजमार्गों के किनारे बनाए जाते हैं, किन्तु भविष्य में शहर 'ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क' और आगामी पीढ़ी को मिल सकने वाली मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के आधार पर बसाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरीकरण को एक समस्या के रूप नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में मानना चाहिए। यदि हमें श्रेष्ठता के लिए रोजगार जुटाने हैं और परिवर्तन लाना है, तो हमें 100 आधुनिक शहरों का निर्माण करने की योजना बनानी है। प्रधानमंत्री ने भविष्य के विकास के क्रांतिकारी एजेंडे का सुझाव देते हुए राष्ट्रीय झंडे के तीन रंगों का उल्लेख किया।
हरे रंग से आरम्भ करते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ती कृषि उत्पादकता, मूल्य संवर्धन, कृषि प्रौद्योगिकी भंडारण के विकेन्द्रीकरण पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, हमें दूसरी हरित क्रांति लाने की आवश्यकता है।
सफेद रंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि श्वेत क्रांति को अब दूध की उत्पादकता बढ़ाने और पशुओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए एक समर्थन प्रणाली विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवा रंग ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। हमें भगवा क्रांति की आवश्यकता है, जिसमें भारत की बढ़ती हुई ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए, सौर ऊर्जा जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है। राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र के नीले रंग से प्रेरित होकर उन्होंने कहा कि नील क्रांति के रूप में सजावटी मछलियों सहित मत्स्य उद्योग क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए।
श्री मोदी ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया, और लधु-सिंचाई के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इससे ''प्रति बूंद, अधिक फसल'' प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि गुजारात में गन्ने जैसी फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार लाने में लधु-सिंचाई अत्यंत सफल रही है।
उन्होंने कहा कि हमें जन सांख्यिकीय लाभों का दोहन करना चाहिए, क्योंकि हमारी 65% आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। इसके लिए कौशल विकास को प्राथमिकता क्षेत्र बनाने की आवश्यकता है। शिक्षण, नर्सिंग और अर्ध-चिकित्सीय जैसे कौशलों की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि अच्छे शिक्षक समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है, किन्तु गिनेचुने अच्छे शिक्षक ही उपलब्ध है। प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या भारत ऐसे अच्छे शिक्षकों का निर्यातक बन सकता है जो समूची वैश्विक पीढ़ी की परिकल्पना कर सके। उन्होंने कहा कि यदि भारत को चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है, तो कौशल, आकार और गति पर ध्यान केन्द्रित करना होगा।
धरती का तापमान बढ़ने और जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने की आवश्यकता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि नदियों को मां समझने वाली सभ्यता को, पर्यावरण संरक्षण के बारे में पश्चिमी जगत से सीखने की आवश्यकता नहीं है।
इस अवसर पर वित्त, कंपनी मामले और रक्षा मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि इस पुस्तक के विमोचन का, इससे उचित समय कोई नहीं हो सकता। श्री जेटली ने कहा कि सरकार को न केवल शासन की इच्छा रखनी चाहिए, बल्कि उसमें शासन करने की विश्वसनीयता भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, एक बार फिर भारत की ओर देख रहा है, और यह ऐसा अवसर है जिसे हमें गवांना नहीं चाहिए।
सड़क परिवहन राज्य मंत्री ने कोटपुतली का प्रवास और क्षतिग्रस्त राजमार्ग का निरीक्षण किया सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी के निर्देश पर राजस्थान में क्षतिग्रस्त राजमार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने राजमार्ग पर यातायात की भीड़भाड़ को भी देखा। इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत में कोटपुतली में उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान से इस मुद्दे की जांच करने और आगामी माह की दिनाक 10 तक रपट देने को कहा जा रहा है। इस रपट को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और राष्ट्रीय राजमार्ग पर त्रुटियों के लिए दोषी पक्षों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
श्री गुर्जर ने बताया कि राजमार्ग के साथ लगी सर्विस रोड़ की आगामी दो दिनों में मरम्मत की जाएगी, ताकि यातायात बढ़ा से मुक्ति मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस राजमार्ग पर 21 सड़क पुल तैयार हैं, जिन्हें 25 जून को खोल दिया जाएगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि दिल्ली–जयपुर राजमार्ग पर काम एक वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। श्री गुर्जर ने कहा कि यदि ठेकेदार काम पूरा नहीं करेंगे, तो एनएचएआई से काम निर्धारित समय सीमा में पूरा करने को कहा जाएगा। इस परियोजना के काम को 2011 तक पूरा किया जाना था।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा का नासिक और बैंगलोर प्रवास
1. वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा आज से दो दिन के नासिक और बैंगलोर के प्रवास पर हैं। वे वहां पर प्रबंधन कमान इकाइयों की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। वे नासिक और बैंगलोर में एचएएल के दोनों विभागों का प्रवास भी करेंगे। उनके साथ रक्षा उत्पादन सचिव श्री जी सी पति भी जाएंगे। वे, वायुसेना प्रमुख को एचएएल के तहत आने वाली सभी विमान परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए एचएएल और आईएएफ के बीच सहयोग बढ़ाने पर जानकारी उपलब्ध कराएंगे। जब से वायुसेना की चालन क्षमताएं एचएएल पर निर्भर हुई हैं, तब से इन प्रवासों का महत्व बढ़ गया है।
2. नासिक पहुंचने पर, वायु सेना प्रमुख और रक्षा उत्पादन सचिव का स्वागत एयर कमडर एस पडगांवकर करेंगे और उन्हें इस महत्वपूर्ण प्रबंधन सहायता आधार की गतिविधियों की जानकारी देंगे। इस मध्य वायुसेना प्रमुख बीआरडी के उपकरण और संरचना का भी अवलोकन करेंगे। नासिक के एचएएल विभाग पहुंचने पर दोनों का स्वागत एचएएल अध्यक्ष डॉ. आर के त्यागी करेंगे। नासिक का यह विभाग में एसयू-30 का निर्माण लाइसेंस, मरम्मत, जांच और मिग श्रृंखला विमान का उन्नयन की गतिविधियों में शामिल है। यह विभाग कलपुर्जों की सप्लाई भी करता है। वायु सेना प्रमुख, 25 ईडी स्थित भारतीय वायुसेना के माल प्रबंधन संस्थान का प्रवास भी करेंगे।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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