कृषि और सहकारिता विभाग पहले देश में कृषि विभाग और किसानों के कल्याण की 51 योजनाओं को कार्यान्वित कर रहा था। इन योजनाओं का हाल ही में पुनर्गठन किया गया है। पुनर्गठन के बाद अब ये पांच केन्द्र प्रायोजित मिशन, केन्द्रीय क्षेत्र की पांच योजनाएं और राज्य योजना की एक योजना हो गई हैं। इनके नाम इस प्रकार हैं :-
1. केन्द्र प्रायोजित मिशन
· राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
· राष्ट्रीय टिकाऊ कृषि मिशन
· राष्ट्रीय तिलहन और ऑयल पाम मिशन
· राष्ट्रीय कृषि विस्तार एवं प्रौद्योगिकी मिशन
· बागवानी के समन्वित विकास का मिशन
2. केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाएं
· राष्ट्रीय फसल बीमा कार्यक्रम
· कृषि सहकारिता संबंधी समन्वित योजना
· कृषि विपणन के लिए समन्वित योजना
· कृषि संगणना, अर्थव्यवस्था और सांख्यिकी संबंधी समन्वित योजना
· आर्थिक सेवा सचिवालय
3. राज्य योजना की स्कीम
· राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
इन योजनाओं की राष्ट्रीय, राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर निरंतर समीक्षा की जाती है और मूल्याकंन भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इन योजना के कार्यान्वयन में आने वाली कमियों का पता लगाने के लिए राज्यों के साथ बैठकों और क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय रबी/खरीफ मौसम के सम्मेलनों के मध्य चर्चा की जाती है। इस प्रकार चिन्हित त्रुटियों को दूर करने के उपायों यथा योजनाओं का सुधार और/अथवा कारगर कार्यान्यन के लिए मार्ग निर्देशों पर संबद्ध राज्य सरकारों के साथ विचार किया जाता है।
यह जानकारी कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उ़द्योग राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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