Monday, July 7, 2014

फैक्‍ट्री अधिनियम, रेल और ऊर्जा

कोयला उत्‍पादन का लक्ष्‍य
12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) तैयार करने के लिए कोयला एवं लिग्‍नाईट पर कार्य दल की रपट में योजनावधि के मध्य कोयला उत्‍पादन के लिए दो परिदृश्‍य दर्शाए गए हैं। सकारात्‍मक परिदृश्‍य के अनुसार 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक (2016-17) कोयले का उत्‍पादन 795 एमटीई तक पहुंचना, अ‍भिकल्‍पित था और व्यवसाय के अनुसार सामान्‍य परिदृश्‍य के चलते, इसके रक्षित ब्‍लॉकों से 100 एमटीई समेत उस वर्ष तक 715 एमटीई तक पहुंचने की संभावना थी। राज्‍यसभा में आज एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में ऊर्जा, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍यमंत्री-(स्‍वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने यह बात कही। 
मंत्री महोदय ने यह भी बताया कि सकारात्‍मक परिदृश्‍य इस अनुमान पर आधारित था कि कोयले की खुदाई में तेजी आएगी, रेल संरचना तथा पर्यावरण एवं वन संबंधित अनुमति मिलने में प्रगति होगी। सरकार का ध्‍यान कोयला उत्‍पादन में वृद्धि की दिशा में सभी उपाय करने पर केंद्रि‍त है। 
सौर ऊर्जा का दोहन देश में 30-50 मेगावाट/ प्रतिवर्ग किलोमीटर छायारहित खुला क्षेत्र होने के बाद भी उपलब्‍ध क्षमता की तुलना में देश में सौर ऊर्जा का दोहन बहुत कम है (जो 31-5-2014 की स्थिति के अनुसार 2647 मेगावाट है)। राज्‍यसभा में आज एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में पीयूष गोयल (बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍यमंत्री-स्‍वतंत्र प्रभार) ने यह बात कही। 
जवाहरलाल नेहरू राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा मि‍शन के आरम्भ से केवल चार वर्ष पहले ही सौर ऊर्जा का दोहन किया जा रहा है, अत: इस उपल‍ब्‍धि‍ को कम सफलता के रूप में नहीं आंका जा सकता। सौर ऊर्जा निरंतर खर्चीली है और इस पर भारी निवेश की आवश्यकता पड़ती है। सौर ऊर्जा का स्‍वरूप अस्थिर है जिससे इसे ग्रिड में समायोजित करना कठिन होता है। 
ऊर्जा मंत्री ने आगे बताया कि लोगों की जागरुकता का अभाव, उच्‍च उत्‍पादन लागत तथा वर्तमान ऊर्जा को छोड़ने की सीमाएं एवं पारेषण(ट्रांसमशिन) नेटवर्क को देशभर में सौर ऊर्जा क्षमता के भरपूर दोहन की दि‍शा में मुख्‍य बाधा के रूप में माना गया है। 
रेल मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने आज यहां भारतीय रेल के लि‍ए सोशल मीडि‍या प्‍लेटफॉर्म को लांच कि‍या। इसमें ट्वीटर, फेसबुक और वन शामि‍ल है। इस अवसर पर गौड़ा ने कहा कि‍ रेल मंत्रालय आज सामाजि‍क मीडि‍या में अपनी उपस्‍थि‍ति‍ अंकित करा रहा है और रेल बजट से जुड़ी घोषणाओं की जानकारी उपलब्‍ध कराने के लि‍ए एक प्रणाली उपलब्‍ध करा रहा है। यह एक वि‍शेष पटल है जि‍ससे रेलवे को अपनी यात्रि‍यों से महत्‍वपूर्ण प्रति‍क्रि‍याएं प्राप्‍त हो सकेंगी। उन्‍होंने कहा कि‍ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नेतृत्‍व में राष्‍ट्रीय जनतांत्रि‍क गठबंधन सरकार की वि‍शेषता सोशल मीडि‍या का उपयोग है, जि‍ससे पारदर्शि‍‍ता एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहायता मि‍लेगी। 
रेल राज्‍य मंत्री मनोज सिन्‍हा ने कहा कि‍ भारतीय रेल परि‍वर्तन की यात्रा पर है और वह अपनी उपलब्‍धि‍यों से लोगों को अवगत कराने के लि‍ए सोशल मीडि‍या के उपयोग को लेकर आशान्‍वि‍त है तथा रेलयात्रि‍यों से निरंतर संपर्क में रहना चाहता है, उन्‍होंने कहा कि‍ एक प्रगति‍शील एवं पारदर्शी संस्‍थान होने के दृष्टिगत हम सामाजि‍क मीडि‍या में अपनी उपस्‍थि‍ति‍ को बढ़ाकर अत्यधिक आनंदि‍त हैं। 
इस कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के चैयरमेन अरूणेंद्र कुमार ने कहा कि‍ रेलवे तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी और सोशल मीडि‍या का यह प्रयास इसके तकनीकी वि‍कास में सहायता करेगा। 
रेलवे बजट 2014 के बारे में पल-पल की जानकारी 08 जुलाई 2014 को www.facebook.com/RailMinindia या www.twitter.com/RailMinindia या www.youtube.com/user/RailMinindia पर ली जा सकती है या 022-4501-5555 पर सुना जा सकता है। इन खातों को रेल मंत्रालय के वेबसाईट www.indianrailways.gov.in के माध्यम प्राप्त कि‍या जा सकता है। ये सभी कहते 08 जुलाई 2014 से सक्रि‍य रहेंगे। 
फैक्‍ट्री अधिनियम,1948 में संशोधन 
खान, इस्‍पात और श्रम एवं रोजगार राज्‍यमंत्री विष्‍णु देव साई ने बताया है कि राष्‍ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन के आकड़ों के अनुसार वर्ष 2009-10 में श्रमशक्ति की कुल संख्‍या 46.5 करोड़ थी। इसमें से प्राय:-प्राय: 2.8 करोड़ (6%) लोग संगठित क्षेत्र में थे तथा शेष 43.7 करोड़ (94%) लोग असंगठित क्षेत्र में थे। अधिकांश श्रम कानून केवल संगठित क्षेत्र पर ही लागू हैं, जिनकी संख्‍या कुल श्रमशक्ति का प्राय: 6% ही है।
      लोक सभा में आज एक लिखित उत्‍तर में विष्‍णु देव साई ने बताया कि सरकार ने श्रम सुधार लाने की दृष्टि से फैक्‍ट्री अधिनियम 1948 में संशोधन के लिए एक विस्‍तृत प्रस्‍ताव तैयार किया है। प्रस्‍तावित प्रमुख संशोधनों में निम्‍नलिखित शामिल हैं।
§         कतिपय शर्तों के साथ फैक्‍ट्र‍ियों में महिलाओं के रात में काम करने पर प्रतिबंधों में छूट।
§         एक तिमाही में ओवरटाइम (वर्तमान 50 घंटे) की समय सीमा को बढ़ाकर 100घंटे करना
§         अपराधों को सम्मिश्र करने के संबंध में एक नई उपधारा को लागू करना।
§         कामगारों की सुर‍क्षा के लिए व्‍यक्ति‍गत सुरक्षा उपकरण का प्रावधान/ गन्ध और गैसों के प्रति अधिक सावधानियां।
§         नियम बनाने के लिए केंद्र सरकार को शक्ति प्रदान करना (वर्तमान में एक राज्‍य सरकारें ही नियम बनाती हैं।)
मंत्री महोदय ने बताया कि फैक्‍ट्री अधिनियम 1948 में संशोधन की प्रक्रिया में सरकार ने योजना आयोग के पूर्व सदस्‍य डॉ. नरेन्‍द्र जाधव की अध्‍यक्षता में 2011 में एक वि‍शेषज्ञ समिति की स्‍थापना की थी। इस वि‍शेषज्ञ समिति ने जनवरी से मार्च 2011 में कर्मचारी और कामगार संगठनों (श्रम संगठनों) को शामिल करते हुए बैठकों की एक श्रृंखला चलाई थी। श्रम संगठनों और नियोक्‍ता प्रतिनिधियों के सुझावों पर वि‍शेषज्ञ समिति द्वारा विचार किया गया है।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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