Friday, June 6, 2014

अलगाव का कारण धारा 370

अलगाव का कारण धारा 370 

विगत 67 वर्षों से विभिन्नता या अनेकता में एकता के प्रपंचीय नारे पढाये जा रहे हैं, किन्तु एक देश में 2 संविधान 2 निशान (झंडे) 2 विधान चलाये जा रहे हैं। अलगाव का कारण, प्रतीक और संरक्षक धारा 370, को ढोने को बाध्यता बनाया जाता रहा है। अब इस अनावश्यक बोझ से मुक्ति का समय आ गया है।
धारा 370 के कारण ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है। 
अतिमहत्वपूर्ण: संविधान के मूल ढाँचे से धारा 370 का कोई लेना देना नहीं है, संविधान संशोधन निर्धारित किया जा सकता है, अथवा राज्य की परिषद को पुनर्गठित करके। वर्त्तमान मोदी सरकार सक्षम है इसे हटाने में, किन्तु उससे पूर्व चर्चा करके कश्मीरियों को यह बताना/पूछना आवश्यक है है कि इस धारा से उन्हें कितना लाभ हुआ और कितना हानी। बताइये इस आग्रह को स्वीकार करने से हिचकने वालो को क्या कहेंगे ?
जम्मू के राजाओं की सूचि से स्पष्ट है कि अब्दुल्ला परिवार का स्वामित्व नहीं है, चुना प्रतिनिधि स्वामी नहीं, मात्र अभिरक्षक होता है। उसे ऐसा कोई अधिकार नहीं होता कि चाहे किसी को राज्य सौंप सके। अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर, इस प्रकार की निरर्थक बकवास का कोई महत्त्व नहीं होता। 
कश्मीर अब्दुल्ला परिवार के बाप की जागीर नहीं, इस पर निर्णय का कोई उनको अधिकार नहीं। 
धारा 370 हटायें, 125 करोड़ के दिलों को मिलाएं, अब्दुल्ला परिवार जहाँ जाना चाहें जाएँ। भारत को विश्व गुरु बनायें। 
उमर अब्दुल्ला के धारा 370 पर किए ट्विट पर संघ के अखिल भारतीय सह सम्पर्क प्रमुख राम माधव जी ने कहा कि उमर जम्मू कश्मीर को अपनी पैतृक सम्पत्ति न समझे ! 
कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
चाहे धारा 370 रहे या न रहे ?
क्या है? धारा 370: (ये चित्र फेस बुक मित्रों से प्राप्त। )
1. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
2. जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है।
3. जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है, जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
4. जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है।
5. भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू - कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
6. भारत की संसद को जम्मू - कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
7. जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले, तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी । इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले, तो उसे भी जम्मू - कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।
8. धारा 370 के कारण कश्मीर में सूचना का अधिकार RTI लागू नहीं है, नियंत्रक महालेखाकार CAG लागू नहीं होता । ...। भारत का कोई भी कानून लागू नहीं होता ।
9. कश्मीर में महिलावो पर शरियत कानून लागू है।
10. कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं ।
हमारा रक्त चूसते पिस्सू ये तीन, संग आतंकी घुसपैठिये राष्ट्रद्रोही 370 की बजाते बीन। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।
Vandemataram, मेरी इस मित्र मंडळी मे आपका हार्दिक स्वागत है। इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प युगदर्पण 13 वर्ष से सतत संघर्षरत। YDMS की विविधता, व्यापकता व लेखन का परिचय: युगदर्पण मीडिया समूह YDMS में राष्ट्रवाद के विविध विषय के 25 ब्लाग, 5 चेनल, orkut, FB, ट्वीटर etc सहित एक वेब भी है।
आइयें, हम सब मिलकर बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया को परास्त कर सकते हैं। -तथा "राष्ट्र वादी मीडिया" उसका विकल्प बन सकता है।"वन्देमातरम" को अपना मंत्र बनायें।
अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग…remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611, Media For Nation First & last. राष्ट्र प्रथम से अंतिम, आधारित मीडिया YDMS

असम से यूनेस्को तक शुभ संकेत

असम के बक्‍सा जिले में कृषि विज्ञान केन्‍द्र के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर 
देश में असम कृषि विश्‍वविद्यालय, जोरहाट के सहयोग से 638वां कृषि विज्ञान केन्‍द्र शुरू हो रहा है। असम कृषि विश्‍वविद्यालय और भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन-आईसीएआर ने इस निमित समझौते ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर उपमहानिदेशक (कृषि विस्‍तार) डॉ. ए के सिक्‍का, आईसीएआर और असम कृषि विश्‍वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. के एम बुजरबरूआ ने डीएआरई के सचिव डॉ. एस अयप्‍पन तथा आईसीएआर के महानिदेशक श्री अरविन्‍द आर कौशल की उपस्थिति में हस्‍ताक्षर किए। कृषि विज्ञान केन्‍द्र, असम के 15 विकास खंड एवं 687 गांव से युक्त 2400 स्‍क्‍वायर किलोमीटर क्षेत्र में फैले बक्‍सा जिले में कृषि एवं इससे संबंधित कार्यों को प्रोत्‍साहित करने के लिए कार्य करेगा। यह कृषि विज्ञान केन्‍द्र गोरेश्‍वर राजस्‍व केन्‍द्र, मोजा कोरभा के गांव धेपरगांव में स्थित है। जिले के कृषि समुदाय की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए इसका निर्माण किया गया है। 
भारत अमूर्त सांस्‍कृतिक विरासत की रक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति में निर्वाचित 
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति में आगामी चार वर्षों (2014-2018) के लिए भारत का चयन हुआ है। 
यूनेस्को मुख्यालय, यूनेस्को मुख्यालय, संयुक राष्ट्र शिक्षा, विज्ञानं और सांस्कृतिक संगठन ने पेरिस में 4 जून 2014, को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए कन्वेंशन के सदस्य देशों की महासभा ने भारत का चयन किया। इस चुनाव में सदस्‍य राज्‍यों की ओर से कुल 142 मत पड़े थे, जिसमें से 135 मतों से भारत ने चुनाव जीता। इस बार चुनाव मैदान में दस देश थे, जिसमें से भारत को मिले वोटों की संख्या सर्वाधिक अंकित की गई है।
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति के 24 सदस्‍य हैं और इन्‍हें चार वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है। समिति का मुख्य कार्य अमूर्त के महत्व के प्रति स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाना है। 
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति में भारत का दूसरी बार चयन हुआ है। इससे पहले, 2006-2010 में इसका चयन हुआ था। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

पूर्वोत्तर का समावेशी विकास

पूर्वोत्तर के समावेशी विकास के लिए संचार मजबूती को प्राथमिकताः प्रकाश जावड़ेकर
सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर आज श्री एम.पी.बेजबरूआ के नेतृत्व में आए शिष्टमंडल से मिले और पूर्वोत्तर क्षेत्र की समस्याओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। श्री जावड़ेकर ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र दक्षिण पूर्व एशिया के लिए भारत का मुख्य द्वार होना चाहिए। उन्होंने भारतीय टीवी तथा रेडियो चैनलों की सुदृढ़ता पर बल देते हुए कहा कि संचार के इन माध्यमों को पूर्वोत्तर के राज्यों में सदभाव बढ़ना चाहिए और हमारी समृद्ध संस्कृति को भारत की सीमाओं से बाहर ले जाना चाहिए। 
विचार-विमर्श में पूर्वोत्तर क्षेत्र को फिल्म शूटिंग के लिए प्रोत्साहित करने तथा विभिन्न फिल्मोत्सवों में पूर्वोत्तर की फिल्मों को दिखाने का सुझाव दिया गया। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की प्रखरता की सराहना करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि सूचना और मनोरंजन के क्षेत्र में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की और अधिक भागीदारी होनी चाहिए। 
पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के पूर्वोत्तर क्षेत्र को हवाई सेवा से जोड़ने के प्रयास का स्मरण कराते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि दूरसंचार डिजीटल, रेडियो तथा टीवी संपर्क के माध्यम पूर्वोत्तर को देश के शेष भागों से जोड़ने की योजना बनायी जानी चाहिए। 
इससे पूर्व शिष्टमंडल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आईईसी पहल के बारे में जानकारी दी गई। शिष्टमंडल ने मत्रालय के प्रयासों की सराहना की और क्षेत्र के लोगों के प्रति संवेदी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। 
श्री वेंकैया नायडू ने लोकसभा अध्‍यक्ष के नि‍र्वि‍रोध चुनाव के लि‍ए सभी पार्टि‍यों का आभार व्‍यक्‍त कि‍या 
संसदीय मामलों के मंत्री श्री वेंकैया नायडू ने लोकसभा अध्‍यक्ष का सर्वसम्‍मति‍ से चयन करने के लि‍ए सभी दलों का आभार व्‍यक्‍त कि‍या। उन्‍होंने कहा कि‍ लोक सभा की नई अध्‍यक्ष श्रीमती सुमि‍त्रा महाजन एक योग्य सांसद हैं, और उन्‍हें पूरा वि‍श्‍वास है कि‍ उनकी अध्‍यक्षता में संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी और जनता की आशाएं पूरी करेगी। लोकसभा में कि‍सी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लि‍ए तैयार सरकार की ओर से 
श्री वेंकैया नायडू ने संसद के सभी सदस्‍यों से सहयोग मांगा। 
आज संसद में बोलते हुए श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि‍ एक ही दि‍न में 510 सांसदों को शपथ दि‍लाकर लोकसभा ने एक कीर्तिमान स्थापित कि‍या है। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

बजट पूर्व परामर्श बैठक

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों से बजट पूर्व परामर्श बैठक की रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कौशल विकास को प्राथमिकता 
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा है कि कौशल विकास को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे अधिक से अधिक संख्या में प्रशिक्षित कर्मी भारतीय अर्थव्यवस्था में शामिल हो सके। वित्त मंत्री आज नई दिल्ली में बजट पूर्व विचार विमर्श के क्रम में केन्द्रीय मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों से बातचीत के पश्चात कहा कि सरकार बजट तैयार करते समय केन्द्रीय मजदूर यूनियनों की ओर से दिये गये, दस सूत्री मांग पत्र पर विचार करेगी। 
बैठक में वित्त और कार्पोरेट मामलों की राज्यमंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण, व्यय सचिव श्री रतन पी.वटल, राजस्व सचिव श्री राजीव टकरू, श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव श्रीमती गौरी कुमार तथा वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
बैठक में शामिल मजदूर यूनियनों ने वित्त मंत्री को संयुक्त ज्ञापन सौंपा। जिनमे कुछ विशेष प्रस्ताव निम्नलिखित हैः 
बढ़ रहे मूल्यों को रोकने तथा मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के प्रभावी पग उठाये जाएं। वस्तुओं में वायदा बाजार पर पाबंदी लगायी जाए, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाने के साथ इसे सुदृढ़ बनाया जाए, संचयन पर उचित नियंत्रण सुनिश्चित किया जाए तथा कर/शुल्क/पेट्रोलियम उत्पादों पर अधिभार को विवेक संगत बनाया जाए; ताकि लोगों का बोझ कम हो।
रोजगार सृजन के लिए अर्थव्यवस्था को जीवंत बनाने के उद्देश्य से मूलभूत अवसंरचना क्षेत्र में बड़े स्तर पर निवेश हो। इस काम में सार्वजनिक क्षेत्र अग्रणी भूमिका निभाये। बजट में रोजगार सृजन तथा लोगों की सतत आय की गारंटी के लिए योजना और गैर योजना खर्च को बढ़ाया जाए। 
न्यूनतम वेतन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ा जाए और 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की अनुशंसाओं को ध्यान में रखते हुए, सभी प्रकार के श्रमिकों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए। यह आय प्रतिमाह 15 हजार रूपये से कम न हो। 
रक्षा उत्पादन, दूरसंचार, रेलवे, वित्तीय क्षेत्र, खुदरा व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा मीडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 
सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को सशक्त बनाया जाए। लाभ कमा रही सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइ के शेयरों को बेचना तत्काल रोका जाए। 
वित्त मंत्री के साथ बैठक में भाग लेने वाले विभिन्न मजदूर यूनियन के समूहों के प्रतिनिधियों में भारतीय मजदूर संघ के श्री बी.एन.राय, भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन (इंटक) के श्री चंद्र प्रकाश सिंह, आईएनटीयूसी के श्री शांताकुमार, इंटक की सुश्री अमरजीत कौर, श्री डी.एल सच्चदेव, हिन्द मजदूर सभा के श्री शरद राव और श्री हरभजन सिंह सिधू, सीटू के श्री स्वदेश देवराय और सांसद श्री तपनसेन, एआईयूटीयूसी के श्री दिलीप भट्टाचार्य और श्री शंकर शाह, टीयूसीसी के श्री शिवप्रसाद तिवारी लेवर प्रोग्रेसिव फैड्रेशन के श्री वी.सुबुरमन तथा एम.सणमुगम, यूटीयूसी के श्री प्रेचंदन तथा अबनी राय तथा नेशनल फ्रट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियनस के डॉ. विराट जयसवाल शामिल थे। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

गंगा नदी पुनरोद्धार

गंगा नदी विकास से पर्यटन तथा परिवहन बढ़ाने और इसे पर्यावरण संगत बनाने के लिए बैठक 
गंगा नदी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, मछली पालन विकास को बढ़ाने तथा बिजली उत्पादन योग्य बनाने के लिए सड़क परिवहन, राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा पुनरोद्धार मंत्री सुश्री उमा भारती, पर्यावरण वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर तथा पर्यटन मंत्री श्री श्रीपद यशो नाइक की बैठक हुई। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सुश्री उमा भारती ने कहा कि गंगा के विषय में सरकार की प्राथमिकता और पार्टी घोषणा पत्र के  अनुरूप आगे बढ़ने के लिए हम लोगों ने समय-समय पर मिलने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि देश की अन्य नदियों के विकास के लिए भी ऐसे मानक तैयार किये जाएंगे। 

मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय किया गया कि जल संसाधन मंत्रालय में सचिव की अध्यक्षता में लगभग एक माह में योजना तैयार करने के लिए सचिवों की एक अंतर मंत्रालय समिति बनाई जाएगी। श्री नितिन गडकरी ने बताया कि इसके बाद इस विषय में एक कैबिनेट नोट तैयार किया जाएगा। श्री गडकरी ने कहा कि यह प्रस्ताव है कि नदियों के तल से मिट्टी निकाली जाए, जिससे चौड़ाई 45 मीटर और गहराई 3 मीटर हो, तथा वाराणसी से हुगली तक गंगा नदी में यात्रियों और सामानों का आवागमन हो सके। गंगा के किनारे 11 'टर्मिनल' बनाने का भी प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 100 किलोमीटर पर 'बराज' बनाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि कोयला, उर्वरक तथा अनाज आदि का आवागमन नदियों के माध्यम करने के लिए इसका विकास किया जाएगा। श्री गडकरी ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन गंगा अनुसंधान संस्थान बनाने का प्रस्ताव है। संभवतः यह रूड़की में बनेगा और पर्यटन मंत्रालय नदियों के किनारे पर्यटन विकसित करने संबंधी कदम उठाएगा। पर्यावरण मंत्रालय कानपुर तथा अन्य स्थानों पर विभिन्न उपाय कर नदी को अपरिवर्तित बनाये रखेगा। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प। मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

लोकसभा की अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन

प्रधानमंत्री ने श्रीमती सुमित्रा महाजन के सर्वसम्मिति से लोकसभा अध्‍यक्ष चुने जाने का स्वागत किया 
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सदन की उच्‍च परंपरा के अनुसार सर्वसम्मिति से श्रीमती सुमित्रा महाजन के 16वीं लोकसभा की अध्‍यक्ष चुने जाने का स्‍वागत किया है। उन्‍हें बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने एक महिला द्वारा विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में इस उच्‍च स्‍थान पाने का स्‍वागत किया। उन्‍होंने कहा कि इंदौर नगर निगम की सदस्‍य से लेकर आठ बार संसद सदस्‍य के रूप में सार्वजनिक जीवन के लम्बे अनुभव से युक्त श्रीमती सुमित्रा महाजन के मार्ग-दर्शन से देश के लोगों की सेवा करने में सदन को लाभ मिलेगा। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि 16वीं लोकसभा में प्राय: 315, पहली बार सांसद चुनकर आए हैं, जो पहली लोकसभा के समान है । उन्‍होंने कहा कि सदन के पास कई पुरानी परंपराओं को छोड़कर नई परंपराएं अपनाने का अवसर है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय संसद प्रजातंत्र का एक मंदिर है और इसके माध्यम नई ऊर्जा के साथ भारत को विश्‍व में एक शक्तिशाली प्रजातंत्र के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है। 
उन्‍होंने कहा कि अध्‍यक्ष का नाम ही सभी को उनका मित्र होने का आभास कराता है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी कहा गया है कि ‘’महाजनिये येन गत: पंथया’’ जिसका अर्थ है कि जिस पथ पर महाजन चलते हैं, उस पर चलना लाभकारी होता है। 
उन्‍होंने सदन की ओर से अध्‍यक्ष को आश्‍वासन दिया कि सदन की कार्रवाईयों को सफलता पूर्वक चलाने में श्रीमती महाजन को सभी सदस्‍यों से पूरा समर्थन मिलेगा। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प। मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।

मोदी के कार्य व दिशा निर्देश

एक और विश्व कीर्तिमान -
विश्व के पहले प्रधानमंत्री जिन्होंने पहले दिन ही इतने काम किये है |
काले धन के विरुद्ध SIT बैठा दी |
कश्मीर को विशेष राज्य श्रेणी का अंत एवं धारा 370 की समाप्ति की घोषणा पर काम शुरू |
बनारस में अमूल का प्लांट का काम शुरू|
बनारस के घाटो के लिए 20 करोड़ की घोषणा |
70000 करोड़ की लागत द्वारा अहमदाबाद से मुंबई, जापान जैसी बुलेट ट्रेन द्रुतगति का प्रस्ताव पास, इंजिनियर तकनीक सीखने के लिए फ़्रांस प्रस्थान |
20000 करोड़ की लागत द्वारा गंगा मैया के पावन जल को स्वच्छ कराने की घोषणा |
शराब के सरकारी ठेके की बीच की दूरी कम से कम 40 किलोमीटर होगी |
और कुछ रह गये हो तो आप बता दो.… 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसदों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मोदी चाहते हैं कि पार्टी के सभी सांसद नियमित रूप से संसद पहुंचे, उनकी भाषा सभ्य हो और अनावश्यक रूप से पैर छूने की परंपरा पर रोक लगे। जनीतिक परिवारों द्वारा संचालित कुछ क्षेत्रीय दलों के मामले में भी पैर छूने और चापलूसी की परंपरा रही है। इसके विपरीत मोदी ने अपने सांसदों से कहा कि वे लोकतंत्र के मंदिर में अपने कौशल को बढ़ाकर जानकारी के साथ आयें और अच्छे सांसद बनें।
कृपया मेरे या भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के चरण स्पर्श ना करें, अभिवादन करते समय -मोदी के दिशा निर्देश 

मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
 मीडिया विकल्प बने; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।