'निर्धन वित्तीय सहायता प्रोत्साहन'
रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न करने के लिए शहरी गरीबों के लिए कौशल प्रशिक्षण
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए बैंकों से वित्तीय सहायता देने को प्रोत्साहन देने पर बल दिया
वृक्षारोपण अभियान
उमा भारती ने राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान का शुभांरभ किया
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने आज एक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान और नदियों को बचाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंत्री महोदया ने केदारनाथ त्रासदी के शिकार हुए लोगों की स्मृति में दिल्ली में यमुना के किनारों पर पौधारोपण किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में सुश्री भारती ने कहा कि बड़ी मात्रा में वृक्षारोपण अभियान से न केवल देश की नदियों के किनारे सुदृढ़ होंगे, बल्कि बाढ़ और मिट्टी के कटाव की संभावनाएं भी कम होंगी। इसी प्रकार के वृक्षारोपण कार्यक्रम गंगोत्री, हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, नबद्वीप और गंगासागर में भी आयोजित किए गए।
उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन
कलराज मिश्र ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलुरू में उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन किया
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री कलराज मिश्र ने आज बंगलुरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) परिसर में उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन किया। यह उत्कृष्टता केन्द्र एमएसएमई और आईआईएस, बंगलुरू के बीच हुए समझौते (एमओयू) के अधीन एक संयुक्त पहल है। आईआईएस अपने अनुसंधानकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और प्राध्यापकों के ज्ञान भंडार से इस केन्द्र के माध्यम एमएसएमई क्षेत्र में नवरचना, प्रतिस्पर्धा और विकास में योगदान करेगा।
यह केन्द्र उद्योगों के स्वदेशीकरण और मूल्य इंजीनियरिंग के लिए प्रक्रिया और उत्पाद डिजाइन तथा विकास के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। यह धारणा विस्तृत विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई थी और इस कार्य के लिए आईआईएस में आठ विभागों को चिन्हित किया गया था।
लघु उद्योग मंत्री ने इस प्रथम पहल के लिए, जिसमें सरकार और शिक्षाविद् उत्कृष्टता के इस केन्द्र के माध्यम सेवाएं उपलब्ध कराएंगे, किए गए प्रयासों के लिए मंत्रालय और आईआईएस को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उद्योग क्षेत्र विशेष कर एमएसएमई को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
मलिन बस्तियों का विकास
केन्द्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज मलिन बस्तियों का नये सिरे से विकास और शहरी गरीबों के लिए सस्ते मकान बनाने के उद्देश्य से, नई योजनाएं तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गरीबों को, बैंकों से वित्तीय सहायता देने को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
नायडू ने आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के वर्तमान कार्यों और नई प्रस्तावित योजनाओं की विशेषताओं को, अंतिम रूप देने के संबंध में अनेक समीक्षा बैठकें की। नायडू ने मलिन बस्तियों का नये सिरे से विकास करने और शहरी गरीबों के लिए सस्ते मकान बनाने के लिए, नई योजनाएं तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने शहरी आजीविका कार्यक्रम में, कौशल उन्नयीकरण का क्षेत्र बढ़ाने का निर्देश दिया।
नायडू ने अधिकारियों से कहा कि नई योजनाएं समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर आर्थिक दुर्बल वर्गों अर्थात ईडब्ल्यूएस, एलआईजी आदि को अधिकतम लाभ देने के उद्देश्य से तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं सरल होनी चाहिए और इनमें राज्य सरकारों, शहरी स्थानीय निकायों, सभ्य सामज/एनजीओ तथा बैंकों और वित्तीय संस्थानों को, सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने एक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी के प्रक्रिया के माध्यम, निजी साझेदारी को शामिल करने का आह्वान किया।
वेंकैया नायडू ने कहा कि शहरों में अनुमानत: प्राय: एक करोड़ 90 लाख मकानों की भारी कमी के दृष्टिगत, सभी साझेदारों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। इसे ऐसे प्राय: एक करोड़ मकानों के संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए, जो गत जनगणना के अनुसार खाली/बंद पड़े हैं। इसलिए केन्द्र और राज्य सरकारों के स्तर पर, प्रमुख नीतिगत परिवर्तन और सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा ‘’यदि हमने यही व्यव्हार बनाए रखा, तो 2020 तक तीन करोड़ मकानों की कमी हो जाएगी।‘’ सरकार उचित वित्तीय और गैर-वित्तीय छूट देने से पीछे नहीं हटेगी, किन्तु राज्य सरकारों को आवास और मूलभूत ढ़ांचा परियोजनाओं को, स्वीकृति तेजी से देनी होगी और सस्ती आवासीय परियोजनाओं के लिए उदार नियम बनाने होंगे।
निर्माणाधीन मकान
नायडू ने प्राय: 3.77 लाख निर्माणाधीन मकानों को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए मकान बनाने के उद्देश्य से बैंकों से वित्तीय सहायता को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है, इसके लिए एक शीर्ष बैंक बनाने की आवश्यकता है, जो शहरी क्षेत्रों में वित्तीय सहायता की निगरानी कर सके।
उन्होंने शहरी गरीबों को कौशल प्रशिक्षण देने पर बल दिया, जिससे युवाओं के लिए आजीविका की स्थायी व्यवस्था हो सके। ‘’शहरी बेघरों के लिए आश्रय’’ योजना की समीक्षा करते हुए, उन्होंने सुझाव दिया कि व्यक्तिगत दानदाताओं, एनजीओ, धर्मार्थ संगठनों को शहरी बेघरों के लिए आश्रय के निर्माण और उनके रख-रखाव के लिए, प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एमपी-लैड योजना के अंतर्गत, बेघरों के लिए आश्रय के निर्माण की अनुमति लेने के लिए, वह सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के साथ बातचीत करेंगे।
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने घोषणा की कि कुछ और शहरों को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत लाया जाएगा, जिससे शहरों में रह रहे अधिकतम गरीबों को लाभ मिल सके। सभी शहरों में शहरी आजीविका केन्द्र स्थापित किये जाएंगे, जहां गरीबों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने और उन्हें बेचने की सुविधा होगी।
मंत्रालय में सचिव श्रीमती अनिता अग्निहोत्री ने मंत्री महोदय को आश्वासन दिया कि मंत्रालय एक निश्चित समय सीमा के भीतर उनके निर्देशों को कर्यरूप में लाएगा।
ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड सुविधा
बीएसएनएल और एमनटीएनएल के प्रदर्शन पर कड़ी निगरानी 2,50,000 ग्राम पंचायतों को तीन वर्ष के अंदर ब्रॉडबैंड सुविधा दी जाएगी
संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की प्रमुख प्राथमिकता, भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक निर्माण का केंद्र बनाना है।
संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी तथा विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि विगत में गलत कारणों से विभाग के चर्चा में रहने के कारण विभाग का मनोबल सुखद स्थिति में नही है। प्रसाद ने स्पष्ट रूप में कहा कि अब निर्णय योग्यता के आधार पर लिया जाएगा और अब पैरवी के दिन लद गए। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे खुले रूप में निर्णय लेना सीखें जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र का विकास सुनिश्चित हो सके। प्रसाद ने बीएसएनएल तथा एमटीएनएल के कार्य प्रदर्शन और मूलभूत संरचना में सुधार पर बल देते हुए कहा कि यह प्राथमिकता का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं बीएसएनएल और एमटीएनएल के कामकाज की सक्रिय निगरानी करेंगे। इसके लिए उनके कक्ष में उचित उपकरण लगाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी विशेष सर्किल में 'बेस ट्रांसमिशन स्टेशन' संतोषजनक ढंग से काम नहीं करने के मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।
संचार मंत्री ने कहा कि तीन वर्षों मे, देश के 2,50,000 ग्राम पंचायतों में 'ब्रॉडबैंड' सुविधा दे दी जाएगी। आज नई दिल्ली में संचार भवन में संवादाताओं से बातचीत में, संचार मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 50,000 ग्राम पंचायतों को कार्य विस्तार करने का लक्ष्य है, तथा 2015-16 और 2016-17 प्रत्येक वर्ष में एक लाख ग्राम पंचायतों में कार्य विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के प्रदर्शन में सुधार प्राथमिकता है, जिससे व्यापक उपभोक्ता संतुष्टि के लिए, इन संगठनों की सेवाओं में सुधार किया जाए।
प्रसाद ने कहा कि सरकार देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में, दूरसंचार नेटवर्क में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। 5,000 करोड़ की अनुमानित लागत से 8,000 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रव्यापी मोबाइल नेटकर्क पोर्टेबिलिटी(एमएनपी) के लिए, सिद्धांत रूप में स्वीकृति दे दी गई है और ट्राई की अनुशंसाएँ आने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
इलेक्टॉनिक्स विभाग तथा सूचना प्रौद्योगिकी की प्राथमिकता के बारे में, रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक निर्माण प्राथमिकता का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में दो करोड़ 80 लाख लोगों को रोजगार देने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने संशोधित विशेष प्रोत्साहन सब्सिडी योजना के लिए, आठ नए क्षेत्रों की पहचान की है। इन क्षेत्रों में गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश), वडोदरा और गांधी नगर(गुजरात), नागपुर, नासिक, औरंगाबाद तथा थाणे(महाराष्ट्र) शामिल है।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने भोपाल, भुवनेश्वर, हैदराबाद, महेश्वरम्, भिवाड़ी, जबलपुर, होसुर तथा काखानाडा में ग्रानफील्ड निर्माण गलियारा विकसित करने का काम हाथ में लिया है। प्रसाद ने कहा कि देश में मोबाइल फोन के क्षेत्र में विकास तथा उपभोक्ताओं के कल्याण के दो लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, वह स्पेक्ट्रम संबंधी विषयों के लिए पारदर्शी प्रबंधन करने की प्रक्रिया में है।
डाक विभाग की प्राथमिकताओं के बारे में रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि उनका मंत्रालय वित्तीय समावेश के लिए 'पोस्टल बैंकिंग' स्थापित करने पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि देश के एक लाख 55 हजार डाकघरों में, कुल बचत जमा 6 लाख करोड़ रुपए है। 'प्रसाद ने कहा कि 'ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी' परियोजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि बीएसएनएल, पावर ग्रिड कारपोरेशन तथा रेलटेल तीन पायलट परियोजनाओं पर काम कर रही हैं और इन्हें चरणबद्ध ढंग से पूरे देश में फैलाया जाएगा।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।
रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न करने के लिए शहरी गरीबों के लिए कौशल प्रशिक्षण
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए बैंकों से वित्तीय सहायता देने को प्रोत्साहन देने पर बल दिया
वृक्षारोपण अभियान
उमा भारती ने राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान का शुभांरभ किया
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने आज एक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान और नदियों को बचाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंत्री महोदया ने केदारनाथ त्रासदी के शिकार हुए लोगों की स्मृति में दिल्ली में यमुना के किनारों पर पौधारोपण किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में सुश्री भारती ने कहा कि बड़ी मात्रा में वृक्षारोपण अभियान से न केवल देश की नदियों के किनारे सुदृढ़ होंगे, बल्कि बाढ़ और मिट्टी के कटाव की संभावनाएं भी कम होंगी। इसी प्रकार के वृक्षारोपण कार्यक्रम गंगोत्री, हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, नबद्वीप और गंगासागर में भी आयोजित किए गए।
उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन
कलराज मिश्र ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलुरू में उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन किया
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री कलराज मिश्र ने आज बंगलुरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) परिसर में उत्कृष्टता केन्द्र का उद्घाटन किया। यह उत्कृष्टता केन्द्र एमएसएमई और आईआईएस, बंगलुरू के बीच हुए समझौते (एमओयू) के अधीन एक संयुक्त पहल है। आईआईएस अपने अनुसंधानकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और प्राध्यापकों के ज्ञान भंडार से इस केन्द्र के माध्यम एमएसएमई क्षेत्र में नवरचना, प्रतिस्पर्धा और विकास में योगदान करेगा।
यह केन्द्र उद्योगों के स्वदेशीकरण और मूल्य इंजीनियरिंग के लिए प्रक्रिया और उत्पाद डिजाइन तथा विकास के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। यह धारणा विस्तृत विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई थी और इस कार्य के लिए आईआईएस में आठ विभागों को चिन्हित किया गया था।
लघु उद्योग मंत्री ने इस प्रथम पहल के लिए, जिसमें सरकार और शिक्षाविद् उत्कृष्टता के इस केन्द्र के माध्यम सेवाएं उपलब्ध कराएंगे, किए गए प्रयासों के लिए मंत्रालय और आईआईएस को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उद्योग क्षेत्र विशेष कर एमएसएमई को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
मलिन बस्तियों का विकास
केन्द्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज मलिन बस्तियों का नये सिरे से विकास और शहरी गरीबों के लिए सस्ते मकान बनाने के उद्देश्य से, नई योजनाएं तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गरीबों को, बैंकों से वित्तीय सहायता देने को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
नायडू ने आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के वर्तमान कार्यों और नई प्रस्तावित योजनाओं की विशेषताओं को, अंतिम रूप देने के संबंध में अनेक समीक्षा बैठकें की। नायडू ने मलिन बस्तियों का नये सिरे से विकास करने और शहरी गरीबों के लिए सस्ते मकान बनाने के लिए, नई योजनाएं तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने शहरी आजीविका कार्यक्रम में, कौशल उन्नयीकरण का क्षेत्र बढ़ाने का निर्देश दिया।
नायडू ने अधिकारियों से कहा कि नई योजनाएं समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर आर्थिक दुर्बल वर्गों अर्थात ईडब्ल्यूएस, एलआईजी आदि को अधिकतम लाभ देने के उद्देश्य से तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं सरल होनी चाहिए और इनमें राज्य सरकारों, शहरी स्थानीय निकायों, सभ्य सामज/एनजीओ तथा बैंकों और वित्तीय संस्थानों को, सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने एक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी के प्रक्रिया के माध्यम, निजी साझेदारी को शामिल करने का आह्वान किया।
वेंकैया नायडू ने कहा कि शहरों में अनुमानत: प्राय: एक करोड़ 90 लाख मकानों की भारी कमी के दृष्टिगत, सभी साझेदारों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। इसे ऐसे प्राय: एक करोड़ मकानों के संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए, जो गत जनगणना के अनुसार खाली/बंद पड़े हैं। इसलिए केन्द्र और राज्य सरकारों के स्तर पर, प्रमुख नीतिगत परिवर्तन और सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा ‘’यदि हमने यही व्यव्हार बनाए रखा, तो 2020 तक तीन करोड़ मकानों की कमी हो जाएगी।‘’ सरकार उचित वित्तीय और गैर-वित्तीय छूट देने से पीछे नहीं हटेगी, किन्तु राज्य सरकारों को आवास और मूलभूत ढ़ांचा परियोजनाओं को, स्वीकृति तेजी से देनी होगी और सस्ती आवासीय परियोजनाओं के लिए उदार नियम बनाने होंगे।
निर्माणाधीन मकान
नायडू ने प्राय: 3.77 लाख निर्माणाधीन मकानों को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए मकान बनाने के उद्देश्य से बैंकों से वित्तीय सहायता को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है, इसके लिए एक शीर्ष बैंक बनाने की आवश्यकता है, जो शहरी क्षेत्रों में वित्तीय सहायता की निगरानी कर सके।
उन्होंने शहरी गरीबों को कौशल प्रशिक्षण देने पर बल दिया, जिससे युवाओं के लिए आजीविका की स्थायी व्यवस्था हो सके। ‘’शहरी बेघरों के लिए आश्रय’’ योजना की समीक्षा करते हुए, उन्होंने सुझाव दिया कि व्यक्तिगत दानदाताओं, एनजीओ, धर्मार्थ संगठनों को शहरी बेघरों के लिए आश्रय के निर्माण और उनके रख-रखाव के लिए, प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एमपी-लैड योजना के अंतर्गत, बेघरों के लिए आश्रय के निर्माण की अनुमति लेने के लिए, वह सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के साथ बातचीत करेंगे।
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने घोषणा की कि कुछ और शहरों को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत लाया जाएगा, जिससे शहरों में रह रहे अधिकतम गरीबों को लाभ मिल सके। सभी शहरों में शहरी आजीविका केन्द्र स्थापित किये जाएंगे, जहां गरीबों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने और उन्हें बेचने की सुविधा होगी।
मंत्रालय में सचिव श्रीमती अनिता अग्निहोत्री ने मंत्री महोदय को आश्वासन दिया कि मंत्रालय एक निश्चित समय सीमा के भीतर उनके निर्देशों को कर्यरूप में लाएगा।
ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड सुविधा
बीएसएनएल और एमनटीएनएल के प्रदर्शन पर कड़ी निगरानी 2,50,000 ग्राम पंचायतों को तीन वर्ष के अंदर ब्रॉडबैंड सुविधा दी जाएगी
संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की प्रमुख प्राथमिकता, भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक निर्माण का केंद्र बनाना है।
संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी तथा विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि विगत में गलत कारणों से विभाग के चर्चा में रहने के कारण विभाग का मनोबल सुखद स्थिति में नही है। प्रसाद ने स्पष्ट रूप में कहा कि अब निर्णय योग्यता के आधार पर लिया जाएगा और अब पैरवी के दिन लद गए। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे खुले रूप में निर्णय लेना सीखें जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र का विकास सुनिश्चित हो सके। प्रसाद ने बीएसएनएल तथा एमटीएनएल के कार्य प्रदर्शन और मूलभूत संरचना में सुधार पर बल देते हुए कहा कि यह प्राथमिकता का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं बीएसएनएल और एमटीएनएल के कामकाज की सक्रिय निगरानी करेंगे। इसके लिए उनके कक्ष में उचित उपकरण लगाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी विशेष सर्किल में 'बेस ट्रांसमिशन स्टेशन' संतोषजनक ढंग से काम नहीं करने के मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।
संचार मंत्री ने कहा कि तीन वर्षों मे, देश के 2,50,000 ग्राम पंचायतों में 'ब्रॉडबैंड' सुविधा दे दी जाएगी। आज नई दिल्ली में संचार भवन में संवादाताओं से बातचीत में, संचार मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 50,000 ग्राम पंचायतों को कार्य विस्तार करने का लक्ष्य है, तथा 2015-16 और 2016-17 प्रत्येक वर्ष में एक लाख ग्राम पंचायतों में कार्य विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के प्रदर्शन में सुधार प्राथमिकता है, जिससे व्यापक उपभोक्ता संतुष्टि के लिए, इन संगठनों की सेवाओं में सुधार किया जाए।
प्रसाद ने कहा कि सरकार देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में, दूरसंचार नेटवर्क में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। 5,000 करोड़ की अनुमानित लागत से 8,000 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रव्यापी मोबाइल नेटकर्क पोर्टेबिलिटी(एमएनपी) के लिए, सिद्धांत रूप में स्वीकृति दे दी गई है और ट्राई की अनुशंसाएँ आने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
इलेक्टॉनिक्स विभाग तथा सूचना प्रौद्योगिकी की प्राथमिकता के बारे में, रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक निर्माण प्राथमिकता का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में दो करोड़ 80 लाख लोगों को रोजगार देने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने संशोधित विशेष प्रोत्साहन सब्सिडी योजना के लिए, आठ नए क्षेत्रों की पहचान की है। इन क्षेत्रों में गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश), वडोदरा और गांधी नगर(गुजरात), नागपुर, नासिक, औरंगाबाद तथा थाणे(महाराष्ट्र) शामिल है।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने भोपाल, भुवनेश्वर, हैदराबाद, महेश्वरम्, भिवाड़ी, जबलपुर, होसुर तथा काखानाडा में ग्रानफील्ड निर्माण गलियारा विकसित करने का काम हाथ में लिया है। प्रसाद ने कहा कि देश में मोबाइल फोन के क्षेत्र में विकास तथा उपभोक्ताओं के कल्याण के दो लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, वह स्पेक्ट्रम संबंधी विषयों के लिए पारदर्शी प्रबंधन करने की प्रक्रिया में है।
डाक विभाग की प्राथमिकताओं के बारे में रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि उनका मंत्रालय वित्तीय समावेश के लिए 'पोस्टल बैंकिंग' स्थापित करने पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि देश के एक लाख 55 हजार डाकघरों में, कुल बचत जमा 6 लाख करोड़ रुपए है। 'प्रसाद ने कहा कि 'ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी' परियोजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि बीएसएनएल, पावर ग्रिड कारपोरेशन तथा रेलटेल तीन पायलट परियोजनाओं पर काम कर रही हैं और इन्हें चरणबद्ध ढंग से पूरे देश में फैलाया जाएगा।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।