Monday, July 7, 2014

फैक्‍ट्री अधिनियम, रेल और ऊर्जा

कोयला उत्‍पादन का लक्ष्‍य
12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) तैयार करने के लिए कोयला एवं लिग्‍नाईट पर कार्य दल की रपट में योजनावधि के मध्य कोयला उत्‍पादन के लिए दो परिदृश्‍य दर्शाए गए हैं। सकारात्‍मक परिदृश्‍य के अनुसार 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक (2016-17) कोयले का उत्‍पादन 795 एमटीई तक पहुंचना, अ‍भिकल्‍पित था और व्यवसाय के अनुसार सामान्‍य परिदृश्‍य के चलते, इसके रक्षित ब्‍लॉकों से 100 एमटीई समेत उस वर्ष तक 715 एमटीई तक पहुंचने की संभावना थी। राज्‍यसभा में आज एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में ऊर्जा, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍यमंत्री-(स्‍वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने यह बात कही। 
मंत्री महोदय ने यह भी बताया कि सकारात्‍मक परिदृश्‍य इस अनुमान पर आधारित था कि कोयले की खुदाई में तेजी आएगी, रेल संरचना तथा पर्यावरण एवं वन संबंधित अनुमति मिलने में प्रगति होगी। सरकार का ध्‍यान कोयला उत्‍पादन में वृद्धि की दिशा में सभी उपाय करने पर केंद्रि‍त है। 
सौर ऊर्जा का दोहन देश में 30-50 मेगावाट/ प्रतिवर्ग किलोमीटर छायारहित खुला क्षेत्र होने के बाद भी उपलब्‍ध क्षमता की तुलना में देश में सौर ऊर्जा का दोहन बहुत कम है (जो 31-5-2014 की स्थिति के अनुसार 2647 मेगावाट है)। राज्‍यसभा में आज एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में पीयूष गोयल (बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍यमंत्री-स्‍वतंत्र प्रभार) ने यह बात कही। 
जवाहरलाल नेहरू राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा मि‍शन के आरम्भ से केवल चार वर्ष पहले ही सौर ऊर्जा का दोहन किया जा रहा है, अत: इस उपल‍ब्‍धि‍ को कम सफलता के रूप में नहीं आंका जा सकता। सौर ऊर्जा निरंतर खर्चीली है और इस पर भारी निवेश की आवश्यकता पड़ती है। सौर ऊर्जा का स्‍वरूप अस्थिर है जिससे इसे ग्रिड में समायोजित करना कठिन होता है। 
ऊर्जा मंत्री ने आगे बताया कि लोगों की जागरुकता का अभाव, उच्‍च उत्‍पादन लागत तथा वर्तमान ऊर्जा को छोड़ने की सीमाएं एवं पारेषण(ट्रांसमशिन) नेटवर्क को देशभर में सौर ऊर्जा क्षमता के भरपूर दोहन की दि‍शा में मुख्‍य बाधा के रूप में माना गया है। 
रेल मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने आज यहां भारतीय रेल के लि‍ए सोशल मीडि‍या प्‍लेटफॉर्म को लांच कि‍या। इसमें ट्वीटर, फेसबुक और वन शामि‍ल है। इस अवसर पर गौड़ा ने कहा कि‍ रेल मंत्रालय आज सामाजि‍क मीडि‍या में अपनी उपस्‍थि‍ति‍ अंकित करा रहा है और रेल बजट से जुड़ी घोषणाओं की जानकारी उपलब्‍ध कराने के लि‍ए एक प्रणाली उपलब्‍ध करा रहा है। यह एक वि‍शेष पटल है जि‍ससे रेलवे को अपनी यात्रि‍यों से महत्‍वपूर्ण प्रति‍क्रि‍याएं प्राप्‍त हो सकेंगी। उन्‍होंने कहा कि‍ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नेतृत्‍व में राष्‍ट्रीय जनतांत्रि‍क गठबंधन सरकार की वि‍शेषता सोशल मीडि‍या का उपयोग है, जि‍ससे पारदर्शि‍‍ता एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहायता मि‍लेगी। 
रेल राज्‍य मंत्री मनोज सिन्‍हा ने कहा कि‍ भारतीय रेल परि‍वर्तन की यात्रा पर है और वह अपनी उपलब्‍धि‍यों से लोगों को अवगत कराने के लि‍ए सोशल मीडि‍या के उपयोग को लेकर आशान्‍वि‍त है तथा रेलयात्रि‍यों से निरंतर संपर्क में रहना चाहता है, उन्‍होंने कहा कि‍ एक प्रगति‍शील एवं पारदर्शी संस्‍थान होने के दृष्टिगत हम सामाजि‍क मीडि‍या में अपनी उपस्‍थि‍ति‍ को बढ़ाकर अत्यधिक आनंदि‍त हैं। 
इस कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के चैयरमेन अरूणेंद्र कुमार ने कहा कि‍ रेलवे तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी और सोशल मीडि‍या का यह प्रयास इसके तकनीकी वि‍कास में सहायता करेगा। 
रेलवे बजट 2014 के बारे में पल-पल की जानकारी 08 जुलाई 2014 को www.facebook.com/RailMinindia या www.twitter.com/RailMinindia या www.youtube.com/user/RailMinindia पर ली जा सकती है या 022-4501-5555 पर सुना जा सकता है। इन खातों को रेल मंत्रालय के वेबसाईट www.indianrailways.gov.in के माध्यम प्राप्त कि‍या जा सकता है। ये सभी कहते 08 जुलाई 2014 से सक्रि‍य रहेंगे। 
फैक्‍ट्री अधिनियम,1948 में संशोधन 
खान, इस्‍पात और श्रम एवं रोजगार राज्‍यमंत्री विष्‍णु देव साई ने बताया है कि राष्‍ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन के आकड़ों के अनुसार वर्ष 2009-10 में श्रमशक्ति की कुल संख्‍या 46.5 करोड़ थी। इसमें से प्राय:-प्राय: 2.8 करोड़ (6%) लोग संगठित क्षेत्र में थे तथा शेष 43.7 करोड़ (94%) लोग असंगठित क्षेत्र में थे। अधिकांश श्रम कानून केवल संगठित क्षेत्र पर ही लागू हैं, जिनकी संख्‍या कुल श्रमशक्ति का प्राय: 6% ही है।
      लोक सभा में आज एक लिखित उत्‍तर में विष्‍णु देव साई ने बताया कि सरकार ने श्रम सुधार लाने की दृष्टि से फैक्‍ट्री अधिनियम 1948 में संशोधन के लिए एक विस्‍तृत प्रस्‍ताव तैयार किया है। प्रस्‍तावित प्रमुख संशोधनों में निम्‍नलिखित शामिल हैं।
§         कतिपय शर्तों के साथ फैक्‍ट्र‍ियों में महिलाओं के रात में काम करने पर प्रतिबंधों में छूट।
§         एक तिमाही में ओवरटाइम (वर्तमान 50 घंटे) की समय सीमा को बढ़ाकर 100घंटे करना
§         अपराधों को सम्मिश्र करने के संबंध में एक नई उपधारा को लागू करना।
§         कामगारों की सुर‍क्षा के लिए व्‍यक्ति‍गत सुरक्षा उपकरण का प्रावधान/ गन्ध और गैसों के प्रति अधिक सावधानियां।
§         नियम बनाने के लिए केंद्र सरकार को शक्ति प्रदान करना (वर्तमान में एक राज्‍य सरकारें ही नियम बनाती हैं।)
मंत्री महोदय ने बताया कि फैक्‍ट्री अधिनियम 1948 में संशोधन की प्रक्रिया में सरकार ने योजना आयोग के पूर्व सदस्‍य डॉ. नरेन्‍द्र जाधव की अध्‍यक्षता में 2011 में एक वि‍शेषज्ञ समिति की स्‍थापना की थी। इस वि‍शेषज्ञ समिति ने जनवरी से मार्च 2011 में कर्मचारी और कामगार संगठनों (श्रम संगठनों) को शामिल करते हुए बैठकों की एक श्रृंखला चलाई थी। श्रम संगठनों और नियोक्‍ता प्रतिनिधियों के सुझावों पर वि‍शेषज्ञ समिति द्वारा विचार किया गया है।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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Friday, July 4, 2014

जम्मू और कश्मीर जीवन स्तर में सुधार , कटरा-उधमपुर रेल

माता वैष्णोदेवी कटरा-उधमपुर रेल लाइन उरी-2 पनबिजली परियोजना, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित की, कटरा से उधमपुर के लिए पहली रेल सेवा का शुभारम्भ किया 
यह दिवस जम्मू और कश्मीर के विकास में गति और ऊर्जा लेकर आया है-प्रधानमंत्री 
“हम जम्मू-कश्मीर के विकास को ऊर्जावान और गतिवान बनाएंगे”-प्रधानमंत्री 
रेल का नाम श्री शक्ति एक्सप्रेस होना चाहिए, कटरा रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा रेलवे स्टेशन का मॉडल होगा-प्रधानमंत्री+प्रधानमंत्री ने 240 मेगावाट क्षमता वाली उरी-2 पनबिजली परियोजना राष्‍ट्र को समर्पित की +प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर में बादामी बाग छावनी का प्रवास किया जवानों को संबोधित किया शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्रीनगर में स्थित बादामी बाग छावनी की यात्रा की। /
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्रीनगर में बादामी बाग छावनी का प्रवास किया। छावनी पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट दलबीर सिंह, उत्तर कमांड के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा, चिनार कोर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने किया। चिनार कोर्प्स मुख्यालय में वह युद्ध स्मारक गए और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन से जुड़े और नियंत्रण रेखा के साथ लगे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे, 15 कोर्प्स के युद्ध स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्होंने सेना के 1,000 से भी अधिक जवानों और अधिकारियों को संबोधित किया। जवानों के पराक्रम और उत्साह की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा उपकरण निर्माण में आत्मनिर्भरता राष्ट्र की आत्मरक्षा के लिए आवश्यक है। भारतीय रक्षा सेनाओं की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुदृढ़ सशस्त्र सेना देश में शांति, मेल-मिलाप, सद्भाव और बंधुत्व के वातावरण के लिए आवश्यक है और यही एक ऐसी नींव है, जिस पर भारत विकास की नई ऊंचाइयां अर्जित करेगा। मोदी ने कहा कि इसीलिए वह सेना के आधुनिकीकरण को सबसे ऊंची प्राथमिकता के रूप में स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्व भारत को बड़ी आशा से देख रहा है और हम सभी विकसित देशों से समान स्तर पर बात कर सकते हैं। 
मोदी ने कहा कि सेना की नि:स्वार्थता और त्याग की भावना सभी भारतीयों के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने आगे कहा कि यही भावना हर समय उनकी जीत को सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि भारत की जनता उनमें आस्था रखती है और विश्वास करती है कि धरती पर कोई भी ताकत, उन्हें हरा नहीं सकती। प्रधानमंत्री ने मातृभूमि के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले जवानों की स्मृति में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक निर्माण करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि सैनिकों और उनके परिवारों की चिंता करना, सब भारतीयों का सामूहिक दायित्व है और उनकी सरकार जवानों के हितों में सभी अच्छे निर्णय करेगी। 
इससे पहले प्रधानमंत्री ने बादामी बाग छावनी शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने स्मारक आगंतुक पुस्तिका में भी लिखा और निकटवर्ती 1,200 वर्ष पुराने शिव मंदिर में भी गए। 
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज जम्‍मू-कश्‍मीर में 2290 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्‍ट्रीय पनबिजली निगम (एनएचपीसी) द्वारा तैयार 240 मेगावाट क्षमता की उरी-2 पनबिजली परियोजना राष्‍ट्र को समर्पित की। 
परियोजना स्‍थल पर लोगों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री महोदय ने कहा कि उनकी सरकार देश से अंधेरे को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि इस परियोजना को श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के काल में आरम्भ किया गया था और हमने उस सपने को साकार किया है। 
उन्‍होंने कहा कि देश में 1.5 लाख मेगावाट पनबिजली उत्‍पादन की संभावना है, किंतु अब तक हम इसके बड़े भाग से लाभ प्राप्‍त करने में समर्थ नहीं हो पाये हैं। आज जबकि वैश्विक तपन एक ऐसा मुद्दा है जो पूरी मानव जाति को प्रभावित करता है, हम अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर अधिकतम बल देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्‍य अधिकतम पनबिजली संभावना का लाभ प्राप्‍त करना है। उन्‍होंने कहा कि विकास और आर्थिक वृद्धि के लिए बिजली एक अनिवार्य आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा‍ कि जम्‍मू-कश्‍मीर की पूरी अर्थव्‍यवस्‍था को पनबिजली परियोजनाओं से ताकत मिलेगी। भूटान का उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि उस देश की अर्थव्यवस्‍था का केंद्र अब पनबिजली तैयार हो रहा है। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली पारेषण (ट्रांसमिशन) लाइनों के नेटवर्क की ओर पर्याप्‍त ध्‍यान नहीं दिया गया है और उनकी सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी प्रारूप के माध्‍यम से इस कार्य को आगे ले जाएगी। 
जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल एन एन वोहरा, जम्मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला और बिजली राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल इस अवसर पर उपस्थित थे।  
प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने आज श्री माता वैष्णोदेवी कटरा-उधमपुर रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित की। प्रधानमंत्री कटरा रेलवे स्टेशन से उधमपुर के लिए पहली रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई और रेल में यात्रा करने वाले विद्यालय के छात्र-छात्राओं से बातचीत की। इस रेल को बच्चों के “भारत माता की जय” उद्घोष के साथ रवाना किया गया। 
प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशन का भी निरिक्षण किया और सुझाव दिया कि स्टेशन की ऊर्जा आवश्यकताओं को सौर ऊर्जा के माध्यम से पूरा किया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि कटरा रेलवे स्टेशन को पर्यावरण अनुकूल और लोगों के अनुकूल रेलवे स्टेशन बनाया जाना चाहिए। जिससे सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा। 
इस अवसर पर, कटरा में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जारी अमरनाथ यात्रा और रमज़ान का पवित्र माह तथा अब श्री माता वैष्णोदेवी के भक्तों को उनके समीप लाने वाली, इस नई रेल लाइन के समागम से एक अति पवित्र अवसर बन गया है। मोदी ने कहा कि यह रेलवे लाइन मात्र जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए ही नही, बल्कि पवित्र वैष्णोदेवी की गुफा की यात्रा के इच्छुक 125 करोड़ भारतीयों और सम्पूर्ण देश के लिए एक उपहार है और उन्हें इस उपहार को देते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है। मोदी ने कहा कि उन्होंने रेल मंत्री को सुझाव दिया है कि इस रेल का नाम श्री शक्ति एक्सप्रेस होना चाहिए। उन्होंने श्रद्धालुओं के लाभ के लिए रेलवे स्टेशन पर उपयोग की जाने वाली सुविधाओं और उत्तम तकनीकों के लिए, माता वैष्णोदेवी गुफा बोर्ड को भी शुभकामनाएं दी। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर का विकास बिना बाधा के जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कटरा में नए रेलवे स्टेशन के साथ राज्य में और अधिक भव्य विकास किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर से पूर्वोत्तर तक के हिमालयी राज्यों के लिए समान विकास मॉडल की दिशा में काम करेगी। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि कटरा अब जम्मू और कश्मीर के विकास में केन्द्र बिन्दु बन चुका है और यह राज्य के विकास की गति का इंजन बनेगा। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बनिहाल तक रेल सेवा के विस्तार के माध्यम से श्री वाजपेयी के स्वप्न को पूर्ण करने की दिशा में कार्य करेगी। 
मोदी ने इस तथ्य का भी उल्लेख किया कि रेल और बस संपर्क को पहली बार जोड़ा जा चुका है। इस सुविधा के माध्यम से यात्री एक ही टिकट के माध्यम से रेल अथवा बस दोनों से यात्रा कर सकेगा। उन्होंने इस सुविधा को एक मिश्रित मॉडल का नाम दिया। उन्होंने कहा कि कटरा को देशभर से 6 युगल रेलों के माध्यम से भी जोड़ा जा रहा ह। प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों को विश्वास दिलाया कि बड़े शहरों और जम्मू जैसे महत्वपूर्ण स्थलों का आधुनिकीकरण उनकी सरकार की प्राथमिकता है। 
इस दिवस के महत्व पर अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि इस रेल के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के विकास को गति और उड़ी-2 पनबिजली परियोजना के माध्यम से ऊर्जा मिली है, जिसका वह दिन में उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह माता वैष्णोदेवी के आशीवार्द से देश की विकास यात्रा का शुभारम्भ कर रहें है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार इस विकास यात्रा को आगे ले जाएगी, नए आयाम स्थापित करेगी और आम आदमी के लाभ की दिशा में कार्य करेगी। मोदी ने कहा कि उनका उद्देश्य विकास और समग्र लाभ के माध्यम से जम्मू और कश्मीर के लोगों का दिल जीतना है। मोदी ने कहा कि उनकी मंशा किसी राजनीतिक जीत या हार की नही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने, कठिन समय बिताया है, सत्ता में हों या न हों, उनकी यह इच्छा और दायित्व है कि लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके, उनकी आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके, युवाओं को रोजगार और हर स्तर के व्यक्ति तक पहुंच बनाई जा सके। 
इस अवसर पर अपने संबोधन में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में रेल लाने का श्रेय सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य में रेल नेटवर्क के आगे विस्तार तथा जम्मू रेलवे स्टेशन का उन्नयन किए जाने की भी अपील की। 
रेल मंत्री संदानंद गौडा ने कहा कि माता वैष्णोदेवी के भक्तों की इच्छा को एक लंबे समय के बाद पूर्ण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि माता वैष्णोदेवी के भक्तों की इच्छा को प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री नरेन्द्र मोदी के राज्य में पहले प्रवास के माध्यम से पूर्ण किया गया है। 
अपने समापन संबोधन में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अरुणेन्द्र कुमार ने प्रधानमंत्री को विश्वास दिलाया कि कटरा रेलवे स्टेशन को एक मॉडल सौर ऊर्जा स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। 
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. बोहरा, राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, रेल मंत्री सदानंद गौडा, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह और अरुणेन्द्र कुमार उपस्थित थे। 
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Thursday, July 3, 2014

महिला आयोग एवं लघु उद्योग संघ भी

राष्‍ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 में संशोधन का प्रस्‍ताव +केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने एमएसएमई संघों के साथ विचार-विमर्श किया 
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 में संशोधन कर राष्‍ट्रीय महिला आयोग को अतिरिक्‍त शक्तियां देने का प्रस्‍ताव रखा है। प्रस्‍तावित संशोधन मंत्रालय की वेबसाइट (wcd.nic.in) पर डाल दिये गए हैं और सिविल सोसायटी संगठनों, रूचि रखने वाले अन्‍य समूहों और व्‍यक्तियों से 15.07.2014 तक टिप्‍पणियां/सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। 
सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्र ने, हरि शंकर सिंघानिया ने आज नई दिल्‍ली में देशभर के एमएसएमई संघों के साथ बातचीत की। नई सरकार के गठन के बाद यह पहला अवसर था जब मंत्री की अखिल भारतीय स्‍तर पर एमएसएमई संघों के साथ सामान्‍य, आंचलिक तथा क्षेत्रीय महत्‍व के मुद्दों पर चर्चा हो। उन्‍होंने उद्योग के लिए सरकारी सहयोग पैकेज की संकल्‍पना, विकास तथा कार्यान्‍वयन में सक्रिय भूमिका निर्वहन करने की लिए उद्योगसंघों और व्‍यवसाय व विनिर्माता संगठनों की प्रशंसा की तथा इस क्षेत्र को प्रस्तुत आ रही विभिन्‍न समस्‍याओं के नए समाधान सुझाने तथा नीति निर्माण और कार्यान्‍वयन के लिए रचनात्‍मक सुझाव देने का अनुरोध किया। 
कलराज मिश्र ने बताया कि एमएसएमई अधिनियम 2006 के रूप में एमएसएमई क्षेत्र के लिए विशिष्‍ट कानून बनाने वाला भारत पहला देश है। उन्‍होंने उद्योग संघों को आश्‍वासन दिया कि शीघ्र ही उनकी चिंताओं को दूर किया जाएगा। आगामी पांच वर्ष में इस क्षेत्र में रोजगार के श्रेष्ठ अवसर होंगे। इस अवसर पर मंत्रालय केवीआईसी, एनएसआईसी और सिडबी सहित देशभर के प्रमुख संघों और अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। 
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
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Wednesday, July 2, 2014

उपभोक्ता हित सर्वोपरि

राजमार्ग, वायुमार्ग, ऊर्जा और अपशिष्ट जल क्षेत्र 
राष्‍ट्रीय राजमार्ग अन्‍तर-सम्‍पर्कता सुधार परियोजना (एनएचआईआईपी) के लिए भारत ने 50 करोड़ अम‍रीकी डॉलर की आईबीआरडी सहायता के लिए विश्‍व बैंक के साथ ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किये नागरि‍क उड्डयन मंत्रालय की उच्‍च प्राथमि‍कता में है, यात्रि‍यों से संबंधि‍त पहल +घरेलू एलपीजी/पीडीएस मिट्टी तेल, उपभोक्ताओं पर भार को कम करने के लिए उपाय +कृषि मंत्री ने आईएआरआई के पर्यावरण अनुकूलित अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र का उद्घाटन किया 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई पहल के अनुरूप नागरि‍क उड्डयन मंत्रालय ने यात्रि‍यों से संबंधि‍त कुछ बड़े मसलों की पहचान की है और उसे पूर्ण करने का बीड़ा उठाया है। इसका तात्‍पर्य है कि‍ यात्रि‍यों को श्रेष्ठ सुवि‍धा मि‍लेगी और लोगों के अनुरूप तंत्र बन सकेगा। इन पहल में शामि‍ल है:
1.      सभी भारतीय और वि‍देशी 'एयरलाइनों तथा एयरपोर्ट' परिचालकों से कहा गया है कि‍ वे विशेष कर वरि‍ष्‍ठ नागरि‍कों गर्भवती महि‍लाओं और अशक्‍त यात्रि‍यों की सुवि‍धा के लि‍ए वि‍शेष सुवि‍धाएं जैसे ऑटोमेटि‍क गाड़ि‍यों और छोटे 'हैंड बैगेज ट्राली' की व्‍यवस्‍था करे। इसके लि‍ए कोई शुल्‍क नहीं लि‍या जाय।
2.      देश के सभी परिचालन हवाई अड्डों पर सीआईएसएफ/ सुरक्षा सहायता केंद्र बनाने का नि‍र्णय लि‍या गया है।
3.      एयर इंडि‍या को कहा गया है कि‍ वह इंटरनेट से कराए जाने वाली बुकिंग की प्रक्रि‍या सरल करें और भुगतान और खो गए सामान के दामों का तेजी से समाधान हो सके।
4.      श्री अमरनाथ जी यात्रा के लि‍ए हेलीकॉप्‍टर सेवा प्रदान करने वाले से कहा गया है कि‍ वह श्रद्धालुओं के लि‍ए हेलीपेड पर कुछ मुलभुत सुवि‍धा जैसे पीने का पानी, चाय कॉफी और मूंगफली और सूखे मैवे जैसे स्‍नैक्‍स की व्‍यवस्‍था नि‍:शुल्‍क करे। यह यात्रा 28 जून से शुरू हो गई है।
5.      डीजीसीए हर शुक्रवार को दोपहर बाद 2:00 बजे से 5:00 बजे तक जन्‍म मि‍त्र दि‍वस का अयोजन करेगा, जि‍समें कोई भी व्‍यक्‍ति‍ बि‍ना पूर्वानुमति‍ के डीजीसीए के अधि‍कारि‍यों से मि‍ल सकेंगे।
इसके अतिरिक्त भी कुछ व्‍यवस्‍था की गई है, जो कि‍ भारतीय वि‍मानपत्‍तन प्राधि‍करण और महानि‍देशक नागरि‍क उड्डयन (डीजीसीए) से संबंधि‍त है।
भारत सरकार तथा विश्‍व बैंक ने आज यहां राष्‍ट्रीय राजमार्ग अन्‍तर-सम्‍पर्कता सुधार परियोजना (एनएचआईआईपी) के लिए, 50 करोड़ अम‍रीकी डॉलर की आईबीआरडी सहायता के लिए, विश्‍व बैंक के साथ एक ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किये है। भारत सरकार की ओर से आर्थिक मामलों के विभाग के संयुक्‍त सचिव श्री नीलाया मिताश तथा भारत में विश्‍व बैंक के संचालन सलाहकार माइकल हैनी ने विश्‍व बैंक की ओर से समझौते पर हस्‍ताक्षर किये। 
इस परियोजना का उद्देश्‍य कम विकसित राज्‍यों के साथ राष्‍ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क सम्‍पर्कता में सुधार करना तथा राजमार्ग नेटवर्क के उत्तम संचालन के लिए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की संस्‍थागत क्षमता बढ़ाना है। परियोजना के अन्‍तर्गत कम आय वाले राज्‍यों ( बिहार, उड़ीसा तथा राजस्‍थान) व दो मध्‍य आय वाले राज्‍य (कर्नाटक तथा पश्चिम बंगाल) के कम विकास वाले क्षेत्रों में, राष्‍ट्रीय राजमार्ग की वर्तमान लगभग एक हजार एक सौ बीस किलोमीटर एकल/मध्‍यवर्ती लेन का उन्‍नयन करना शामिल है। इस सम्‍पूर्ण परियोजना का आकार 114.605 करोड़ अमरीकी डॉलर है। 
सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार इस परियोजना की कार्यान्‍वयन संस्था है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां (ओएमसीज), प्रवेश कर, चुंगी, ,वैट पर इनपुट कर, संबंधी प्रतिबंधों जैसी उगाहियों के कारण, कुछ राज्य विशिष्ट लागतें (एसएससी) वहन करती हैं, जो ओएमसीज के लिए वसूली योग्य नहीं होती हैं। 
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कुछ भारतीय राज्यों की राजस्व संबंधी मांगें, पूरे देश के उपभोक्ताओं के लिए भार नहीं बन जाएं, सरकार ने ऐसे करों को वसूल करने वाले राज्य/नगरपालिका क्षेत्र के उपभोक्ताओं से, गैर वसूली योग्य उगाहियों की भरपाई के लिए 24 जुलाई 2012 को राज्य‍ विशिष्ट लागतों की, एक योजना आरम्भ की थी। 
इस योजना के अनुसार, ओएमसीज उन 12 राज्यों के संबंध में पीडीएस मिट्टी तेल और घरेलू एलपीजी सहित संवेदनशील पेट्रोलियम उत्पादों के खुदरा बिक्री मूल्यू (आरएसपी) में तिमाही आधार पर संशोधन कर रही थीं, जहां ऐसे राज्य विशिष्ट कर वहन किए जा रहे थे। इन राज्यों में नवीनतम संशोधन जुलाई 2014 में किया जाना था।
इन संशोधनों से, कुछ राज्यों में घरेलू एलपीजी के खुदरा बिक्री मूल्य में वृद्धि हो जानी थी, अर्थात केरल: 4.50 रूपए प्रति सिलेंडर, कर्नाटक: 3.0 रूपए प्रति सिलेंडर, मध्य प्रदेश: 5.50 रूपए प्रति सिलेंडर और उत्तर प्रदेश: 1 रूपया प्रति सिलेंडर और साथ ही कुछ राज्यों में इसमें कमी हो जाती अर्थात असम: 9.50 रूपए प्रति सिलेंडर, बिहार: 1.50 रूपए प्रति सिलेंडर और महाराष्ट्र : 3.00 रूपए प्रति सिलेंडर।
एसएससी योजना से, पीडीएस मिट्टी तेल के खुदरा बिक्री मूल्य में महाराष्ट्र में 0.11 रूपए प्रति लीटर से लेकर, नवी मुम्बई में 1.32 रूपए प्रति लीटर तक कमी और हरियाणा और उत्तर प्रदेश में क्रमश: 2 पैसे और 8 पैसे की मामूली वृद्धि हो जाती।
सरकार के लिए उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि है और इसलिए एसएससी के संशोधन के कारण घरेलू एलपीजी और पीडीएस मिट्टी तेल के खुदरा बिक्री मूल्य में हुई वृद्धि के किसी भी प्रभाव से, उपभोक्ताडओं को बचाने का निर्णय लिया है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि उन उपभोक्ताओं के लिए घरेलू एलपीजी और पीडीएस मिट्टी तेल के खुदरा बिक्री मूल्य में संशोधन को, राज्यक सरकारों के साथ राज्य विशिष्ट लागत योजना के संबंध में विचार-विमर्श पूरा होने तक, नहीं किया जाएगा, जिन उपभोक्ता‍ओं के लिए घरेलू एलपीजी और पीडीएस मिट्टी तेल के संबंध में एसएससी में वृद्धि हुई थी। तथापि, उपभोक्ताओं के हित में घरेलू एलपीजी और पीडीएस मिट्टी तेल के खुदरा बिक्री मूल्यों में कमी का लाभ, जहां भी लागू हो, सरकार द्वारा एसएससी योजना की समीक्षा किए जाने तक बना रहेगा। 
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज यहां आईएआरआई के जल प्रौद्योगिकी केन्द्र में पर्यावरण अनुकूलित अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालयान, आईसीएआर के निदेशक एस अय्यप्पन और आईएआरआई के निदेशक डॉ एच एस गुप्ता भी उपस्थित थे। 
आईएआरआई का जल प्रौद्योगिकी केन्द्र (डब्ल्यूटीसी) मुख्य रूप से कृषि के क्षेत्र में जल संसाधनों के प्रभावकारी उपयोग के काम में लगा है। इसने अपने दिल्ली परिसर में एक पर्यावरण अनुकूलित अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र विकसित किया है। यह संयंत्र 1.42 हेक्टेयर में फैला है और कृषि कुंज कॉलोनी से प्राप्त 22 लाख लीटर अपशिष्ट जल का उपचार करने में सक्षम है। इस पर लगभग 1.2 करोड़ रुपए की लागत आई है और आईएआरआई के 330 एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई हो पाती है। पर्यावरण अनुकूलित अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र (ई-एसटीपी) के तीन उपचार प्रकोष्ठ हैं और प्रत्येक की लंबाई 80 मीटर और चौडाई 40 मीटर है। 
इस संयंत्र की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि पारंपरिक अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र की तुलना में इससे पर्यावरण पर 33 गुना कम प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसका अर्थ यह है कि इसके द्वारा उपचारित जल में टर्बीडिटी, बीओडी, नाइट्रेट, फॉस्फेट, आयरन, निकेल और सल्फेट की काफी कम मात्रा पाई जाती है। 
पारंपरिक अपशिष्ट जल उपचार प्रणालियों की तुलना में आईएआरआई की अपशिष्ट जल उपचार प्रौद्योगिकी में केवल 01% ऊर्जा का उपयोग होता है और इसमें रासायनिक पदार्थ का उपयोग बिल्कुल नहीं होता है, साथ ही इसमें चिपचिपा पदार्थ या कीचड़ बिल्कुल भी नहीं बनता है और उपचार पर आने वाली लागत में 50-60% की कमी हो जाती है। इसमें कुशल कामगारों की भी आवश्यकता नहीं होती है। जैविक कचरे के उपयोग द्वारा इसके एक एकीकृत व्यावसायिक प्रारूप में परिणत होने की काफी संभावना है। इसलिए इसे ‘कचरे से नगदी’ नामक व्यावसायिक प्रारूप के नाम से जाना जाता है। 
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Monday, June 30, 2014

आठ महत्वपूर्ण उद्योगों का सूचकांक

 (आधारः 2004-05=100), मई 2014 
आठ मुख्य उद्योगों का सूचकांक (आधारः 2004-05=100), का सारांश अनुबंध में दिया गया है।
    आठ मुख्‍य उद्योगों (आधार: 2004-05 =100) के सूचकांक का संयुक्‍त महत्‍व औद्योगिक उत्‍पादन के सूचकांक में 37.90% है।  मई 2014 में आठ मुख्‍य उद्योगों का संयुक्‍त सूचकांक 168.7% है जो मई 2014 की तुलना में 2.3% अधिक है। अप्रैल-मई, 2014-15 के मध्य इसमें संचयी व़ृद्धि 3.3% रही।
कोयला
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में कोयला उत्‍पादन (महत्‍व 4.38%) 5.5% बढ़ गया। अप्रैल- मई 2014-15 के मध्य इसका संचयी सूचकांक गत समान अवधि की तुलना में 4.4% बढ़ गया।
क्रूड तेल
मई 2014 की तुलना में मई 2014 में क्रूड तेल उत्‍पादन (महत्‍व 5.22%) 0.3% कम हो गया। अप्रैल- मई 2014-15 के मध्य इसका संचयी सूचकांक गत समान अवधि की तुलना में 0.2% कम हो गया।
प्राकृतिक गैस
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में प्राकृतिक गैस का उत्‍पादन (महत्‍व 1.71%) 2.2% कम हो गया। अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसका संचयी सूचकांक गत समान अवधि की तुलना में 5.0% कम हो गया।
पेट्रोलियम शोधन उत्‍पाद (0.93% क्रूड उत्पादन)
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में पेट्रोलियम शोधन उत्‍पादन (महत्‍व 5.94%) 2.3% कम हो गया। अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसका संचयी सूचकांक गत समान अवधि की तुलना में 2.2% कम हो गया।
उर्वरक
मई 2013 की तुलना में 2014 में उर्वरक का उत्‍पादन (महत्‍व 1.25%) 17.6% बढ़ गया। हालांकि अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसकी संचयी वृद्धि गत समान अवधि की तुलना में 14.5% रही।
इस्‍पात (अलॉय और नॉन अलॉय) मई 2013 की तुलना में मई 2014 में इस्‍पात का उत्‍पादन (महत्‍व 6.68%) 2.0% कम हो गया। अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसकी संचयी वृद्धि गत समान अवधि की तुलना में 0.3% रही।
सीमेंट
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में सीमेंट का उत्‍पादन (महत्‍व 2.41%) 8.7% बढ़ गया। किन्तु अप्रैल-मई 2014-15 के मध्य इसकी संचयी वृद्धि पिछली समान अवधि की तुलना में 7.7% रही।
विद्युत
मई 2013 की तुलना में मई 2014 में विद्युत का उत्‍पादन (महत्‍व 10.32%) 6.3 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-मई 2014-15 के दौरान इसकी संचयी वृद्धि पिछली समान अवधि की तुलना में 8.7% रही।
टिप्‍पणी – आंकड़े अनंतिम हैं। कोयलाक्रूड तेलप्राकृतिक गैसरिफाइनरी उत्‍पादोंइस्‍पात और सीमेंट के संबंध में गत वर्ष के समकक्ष माह के लिए प्राप्‍त संशोधित आंकड़ों के आधार पर संशोधन किया गया है।
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Friday, June 27, 2014

खरीफ की बुवाई

131 लाख हैक्‍टेयर से अधिक क्षेत्र में खरीफ फसल की बुवाई हुई। 
नवीनतम रपट के अनुसार खरीफ की फसलों की बुवाई 131 लाख हैक्‍टेयर क्षेत्रफल को पार कर गई है। 
दिनाक 27.06.2014 तक 21.91 लाख हैक्‍टेयर भूमि पर धान की बुवाई/ रोपाई , 4.30 लाख हैक्‍टेयर में दलहनों, 19.54 लाख हैक्‍टेयर में मोटे अनाजों तथा 4.79 लाख हैक्‍टेयर भूमि पर में तिलहनों की बुवाई की गई है। 
गन्‍ने और कपास की बुवाई प्रगति पर है। आज तक 43.92 लाख हैक्‍टेयर भूमि पर गन्‍ना और 29.07 लाख हैक्‍टेयर में कपास की बुवाई की गई है।
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Thursday, June 26, 2014

मुद्दे- खाद्य सुरक्षा, श्रम एवं रोजगार, ऊर्जा एवं संचार सेवा

राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) की आम परिषद ने 2014-15 में तिलहन और दालों का उत्‍पादन बढ़ाने की योजना के लिए 2100 करोड़ रूपये स्वीकृत किये 
राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) की सामान्य परिषद ने 2014-15 के लिए विभिन्‍न राज्‍यों की कार्य योजनाओं को स्वीकृति दी है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इस बैठक की अध्‍यक्षता की। 
परिषद ने हिमाचल प्रदेश, जम्‍मू कश्‍मीर और उत्‍तराखंड में दालों को एनएफएसएम कार्यक्रम के अधीन लाने को भी स्‍वीकृति दी। परिषद ने खाद्यान्‍न की तिलहन के साथ बारी- बारी से खेती करने को प्रदर्शित करने का भी अनुमोदन किया। यह अब तक मिशन की गतिविधियों का अंग नहीं था। ऐसा, तिलहन का उत्‍पादन बढ़ाने पर ध्‍यान केंद्रित करने के लिए किया गया है। 
सामान्य परिषद ने 2013-14 में एनएफएसएम के कार्य कौशल की समीक्षा की। इसके लिए महाराष्‍ट्र, उत्‍तर प्रदेश, बिहार और तमिलनाडू ने एनएफएसएम में अपने प्रस्‍तुतिकरण किये। 
केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्‍थान के निदेशक ने भारत में संकर चावल की खेती की संभावना और चावल के उत्‍पादन में इसकी भूमिका पर अपने विचार प्रस्‍तुत किेये। कृषि मंत्री ने निर्देश दिया कि धान उगाने वाले विभिन्‍न राज्‍यों में संकर बीज तैयार करने की संभावना का पता लगाया जाए। मंत्री महोदय ने देश के विभिन्‍न भागों के वर्षा-सिंचित क्षेत्रों में दालों के उत्‍पादन की संवर्धित तकनीकों का अधिक प्रदर्शन करने पर भी बल दिया। 
मंत्री महोदय ने भूमि का परीक्षण करने और विशेषकर लघु और मझोले किसानों को भू-स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड प्रदान करने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया। इससे किसानों को खेती में पड़ने वाले अवयवों के बारे में निर्णय लेने में सहायता मिलेगी और परिणामस्‍वरूप उत्‍पादकता श्रेष्ठ और लागत संयमित होगी। 
12 हजार 500 करोड़ रूपये की ट्रांसमिशन परियोजनाएं स्वीकृत 
अंतर्राज्यीय ट्रांसमिशन लाइनों की उच्च क्षमताओं का तेजी से निर्माण करने के लिए विद्युत मंत्रालय ने 12 हजार 500 करोड़ रूपये से अधिक लागत की नौ नई परियोजनाओं को अपनी स्वीकृति दे दी है। 
इन ट्रांसमिशन परियोजनाओं से 765/400 किलोवॉट के नये सब-स्टेशनों के निर्माण के अतिरिक्त 2100 मेगावॉट तक ले जाने वाली 765 किलोवाट की उच्च क्षमता वाली लाइनों की उपलब्धता से हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे अनेक राज्यों को लाभ होगा। इन परियोजनाओं से एनटीपीसी के 660 मेगावॉट के सीपट, 1600 मेगावॉट गदरवाड़ा के केन्द्रीय उत्पादन स्टेशनों, सासन यूएमपीपी (1320 मेगावॉट) जैसे निजी क्षेत्र उत्पादन स्टेशनों से विद्युत भार कम करने में सहायता मिलेगी। उत्तरी ट्रांसमिशन प्रणाली को सुदृढ़ करके हरियाणा क्षेत्र में भी भीड़-भाड़ को कम किया जा सकेगा। इन परियोजनाओं को निजी क्षेत्र सहित सभी बोलीदाताओं से भागीदारी आमंत्रित करके, प्रतियोगी बोली प्रणाली आधारित दर सूची के माध्यम से विकसित किया जाएगा। 
ये परियोजनाएं गत कई माह से सरकार की स्वीकृति प्रक्रिया में अटकी थीं। इन्हें लागू करने की स्वीकृति तुरंत दी गई है। आगामी तीन वर्षों में, कुल मिलाकर लगभग 28 हजार मेगावॉट की, अंतरक्षेत्रीय ट्रांसमिशन क्षमता जोड़ी जाएगी। जिससे 2017 तक कुल क्षमता बढ़कर 66 हजार मेगावॉट हो जाएगी। 
राज्यों के श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की बैठक 
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने रोजगार के सृजन को सरकार की प्रथम प्राथमि‍कता बताया है। आज नई दिल्ली के स्कोप काम्पलैक्स में, राज्‍यों के श्रम एवं रोजगार मंत्रि‍यों की एक दि‍वसीय बैठक को संबोधि‍त करते हुए, उन्‍होंने कहा कि‍ भारत के युवाओं को रोजगार के अवसरों के साथ-साथ, समुचि‍त एवं सुसंगत कौशल वि‍कास के अवसर प्राप्‍त हो सकें, इस दि‍शा में सरकार रोजगार केंद्रों को, सम्भावना केंद्रों में परि‍वर्तित करने की महत्‍वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रही है। कौशल वि‍कास के प्रति‍ सरकार की प्रति‍बद्धता की घोषणा करते हुए, श्रम मंत्री ने रोजगार एवं प्रशि‍क्षण महानि‍देशालय द्वारा प्रस्‍तावि‍त, नई पहलों का उल्‍लेख कि‍या; इनमें अब तक न पहुंचे जा सके खंडों में, आईटीआई का वि‍स्‍तार, आईटीआई के पाठ्यक्रम को अद्यतन कि‍या जाना एवं पारंपरि‍क प्रशि‍क्षण को मान्‍यता देना शामि‍ल है। 
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि‍ सरकार ने असंगठि‍त क्षेत्र में सामाजि‍क सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दि‍शा में, राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना को अधि‍क प्रभावी बनाने तथा इसका वि‍स्‍तार करने का कार्य शुरू कि‍या है। श्रम, संवि‍धान की समवर्ती सूची का वि‍षय होने के कारण, केंद्र तथा राज्‍य सरकारें श्रम वि‍धानों के साथ-साथ, श्रम कल्‍याण की नीति‍यों के क्रि‍यान्‍वयन में समान रूप से भागीदार हैं। उन्‍होंने कहा कि‍ केंद्र और राज्‍य सरकारों का यह सामूहि‍क दायित्व है कि‍ वे देश के 47 करोड़ मजदूरों की पहचान, चि‍न्‍हीकरण तथा पंजीकरण के कार्य को सुनि‍श्‍चि‍त करें। उन्‍होंने कहा कि‍ जि‍स प्रकार श्रमि‍कों की पहचान, चि‍न्‍हीकरण तथा पंजीकरण अनि‍वार्य है, उसी प्रकार सरकार द्वारा प्रदत्‍त सुवि‍धाएं, उन तक पहुंचाना हमारा दायित्व है। 
केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि‍ अंतर्राज्‍यीय प्रवासी कामगार अधि‍नि‍यम का कार्यान्‍वयन, एक अन्‍य क्षेत्र है, जि‍नमें राज्‍यों के बीच सहयोग की महत्‍वपूर्ण भूमि‍का है। उन्‍होंने भारत सरकार के कर्मचारी भवि‍ष्‍य नि‍धि‍ संगठन द्वारा, वैश्विक खाता (यू अ) जारी कि‍ए जाने की पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि‍ इससे प्रवासी तथा असंगठि‍त क्षेत्र के श्रमिकों सहि‍त समस्‍त श्रमि‍क वर्ग को इस सेवा का लाभ मि‍ल सकेगा। 
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि‍ बैठक का उद्देश्‍य राज्‍यों के साथ श्रम जगत के पासंगि‍क मुद्दें, चिंताओं एवं चुनौति‍यों की चर्चा करते हुए केंद्र तथा राज्‍यों के स्‍तर पर की जा रही, नई पहल तथा सुझावों पर वि‍चार-वि‍मर्श हेतु मंच प्रदान करना है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि‍ केंद्र एवं राज्‍य सरकारें साझा चुनौति‍यों पर गहन समरसता के साथ कार्य को आगे बढ़ा सकेंगी।
केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई, इस एक दि‍वसीय बैठक में राज्यों के श्रम मंत्रियों के अतिरिक्त केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री, विष्णु देव साय, श्रम एवं रोजगार सचि‍व, श्रीमती गौरी कुमार सहि‍त राज्‍यों के श्रम सचि‍व एवं श्रम आयुक्‍त तथा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के वरि‍ष्‍ठ अधि‍कारी भी उपस्‍थि‍त थे। बैठक में मुख्‍य रूप से श्रम कानून, कौशल वि‍कास तथा संगठि‍त एवं असंगठि‍त क्षेत्रों के लि‍ए सामाजि‍क सुरक्षा से संबंधि‍त वि‍धानों तथा योजनाओं पर, राज्‍यों द्वारा वि‍स्‍तृत प्रस्‍तुतीकरण कि‍ए गए। 
ट्राई ने, दूरसंचार सेवाओं से ग्राहक संतुष्टि पर की गयी स्वतंत्र एजेंसी के सर्वेक्षण पर रिपोर्ट जारी की 
दूरसंचार नियामक प्राधिकरण-ट्राई ने स्वतंत्र संस्थाओं के माध्यम से सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जा रही, सेवाओं की गुणवत्ता के मूल्यांकन तथा ग्राहक संतुष्टि, पर सर्वेक्षण कराया है और (i) ग्राहक के हित में ट्राई द्वारा क्रियान्वयन और विभिन्न नियमों, निर्देशों और आदेशों के प्रभाव का आकलन, (ii) अक्तूबर 2013 से मार्च 2014 के बीच सर्वेक्षण के द्वारा दूरसंचार सेवाओं के बारे में ग्राहकों की अवधारणा का आकलन करने का प्रयास किया गया। यह सर्वेक्षण हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश पश्चिम, उत्तर प्रदेश पूर्व, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और मुंबई के सेवा क्षेत्रों में कराया गया है।
सेवा मापदंडों की गुणवत्ता पर सर्वेक्षण
     सर्वेक्षण की पद्धति के अनुसार नियमों में निर्दिष्ट गुणवत्ता सेवाओं से संबंधित सात मापदंडों पर ग्राहक अवधारणा का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण प्रश्नावली तैयार की गयी है।
·        सेवाओं का प्रावधान
·        बिलिंग प्रदर्शन
·        ग्राहक शिकायत निवारण सहित सहायता सेवाएं
·        नेटवर्क प्रदर्शन, विश्वसनीयता और उपलब्धता
·        अनुरक्षणीयता अर्थात रख-रखाव की योग्यता 
·        पूरक और मूल्य वर्धित सेवाएं
·        कुल मिलाकर सेवा गुणवत्ता 
ग्राहको की संतुष्टि का मूल्याकंन एक से लेकर सात बिन्दु के स्तर पर किया गया, जिसमें चार से लेकर सात का मूल्याङ्कन ग्राहक संतुष्टि को दिखाता है, जबकि चार से नीचे का, ग्राहक की असंतुष्टि को प्रदर्शित करता है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि संतुष्टि का स्तर क्षेत्र से क्षेत्र और सेवा प्रदाता से सेवा प्रदाता के साथ बदलता रहता है।
विभिन्न नियमों वाले ग्राहक केन्द्रित प्रावधानों का सर्वेक्षण
  शिकायतों के निवारण तंत्र, मोबाइल नम्बर और यूसीसी नियमों के क्रियान्वयन के बारे में जागरूकता से संबंधित, नियमों के प्रभाव के आकलन के लिए कई मानकों के तहत, विभिन्न बिन्दुओं पर सर्वेक्षण कराया गया था। सर्वेक्षण के परिणामों से पता चलता है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को अपने ग्राहकों को विभिन्न शिकायत निवारण तंत्र के बारे में जागरूक करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। इसमें ग्राहक संतुष्टि में सुधार के लिए अपील प्राधिकरण के बारे में भी जागरूक करना शामिल है।
विस्तृत रिपोर्ट के लिए ट्राई की वेबसाइटwww.trai.gov.in  देखी जा सकती है।
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